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भिलाई। एमजे कॉलेज के वाणिज्य विभाग के छात्र वैभव प्रताप सिंह ने सीए इंटर मीडिएट सेकंड ग्रुप पास किया है जिसके लिए एमजे कॉलेज की डायरेक्टर डॉक्टर श्रीलेखा वेरुलकर एवं डॉ अनिल कुमार चौबे ने वैभव प्रताप की कामयाबी पर खुशी व्यक्त की है साथ ही सभी छात्र छात्रों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बताया साथ ही वाणिज्य विभाग के विभागाध्यक्ष श्री विकास सेजपाल एवं अन्य प्राध्यापक गणों ने बधाइयां दी।
भिलाई। एमजे कॉलेज के बायोटेक्नोलॉजी विभाग के विद्यार्थियों के लिए दो दिवसीय इंडस्ट्रियल विजिट का आयोजन किया गया। आदित्य बायोटेक रिसर्च एंड डेवलपमेंट रायपुर में विद्यार्थियों ने प्रयोगशाला एवं विधियों का प्रायोगिक अनुभव प्राप्त किया। विद्यार्थियों ने यहां शोध की नई दिशाओं को जानने के साथ ही शोध तकनीक के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की।
महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर की प्रेरणा एवं प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे के मार्गदर्शन में आयोजित इस दो दिवसीय कार्यशाला में विद्यार्थियों ने माइक्रोब कल्चर के लिए मीडियम तैयार किया तथा स्टेनिंग भी किया। एमजे कालेज के बायोटेक्नोलॉजी विभाग की प्रभारी सहाण् प्राध्यापक सलोनी बासु के नेतृत्व में गए विद्यार्थियों को सीनियर साइंटिस्ट डॉ पुलक दासए जूनियर साइंटिस्ट प्राची मेंडली तथा रिसर्च इंटर्न प्रतिज्ञा दास ने प्रशिक्षण दिया। सभी विद्यार्थियों को सफलतापूर्वक कार्यशाला को पूर्ण करने पर प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। प्राचार्य डॉ अनिल चौबे ने कहा कि यह प्रशिक्षण न केवल बायोटेक के विद्यार्थियों को अध्ययन की नई दिशा देगा बल्कि उन्हें रिसर्च के फील्ड में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी करेगा। महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने सहाण् प्राध्यापक सलोनी बासु के साथ ही सभी विद्यार्थियों को इस अभिनव कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूर्ण करने पर बधाई दी।
भिलाई। एमजे कालेज में आज फाइनल ईयर के विद्यार्थियों के साथ ही पास आउट्स बैच के विद्यार्थियों के लिए कैम्पस ड्राइव का आयोजन किया गया। एस्पायर इनोवेशंस की तरफ से इस अवसर पर विभिन्न पदों के लिए लगभग 35 लोगों को साक्षात्कार लिया गया। आयोजन का मूल उद्देश्य राजनांदगांव की एक स्कूल के लिए शिक्षकों का चयन था।
एस्पायर इनोवेशन्स की प्रबंध संचालक सुजाता पिल्लई, चेयरमैन विनोद तिवारी, तकनीकी निदेशक कमल सिंघोत्रा एवं खुशी रहमान ने इसका संचालन किया। आरंभ में महाविद्यालय के शिक्षा संकाय की अध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया ने एस्पायर के कैम्पस ड्राइव के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। एस्पायर की प्रबंध संचालक सुजाता पिल्लई ने राजनांदगांव की इंटरनेशनल स्कूल का विषद वर्णन किया। इसके बाद साक्षात्कार का दौर शुरू हुआ। इस अवसर पर महाविद्यालय की आईक्यूएसी प्रभारी अर्चना त्रिपाठी, ममता एस राहुल, नेहा महाजन, शकुन्तला जलकारे, परविन्दर कौर, मंजू साहू एवं अन्य सहा. प्राध्यापक भी उपस्थित थे।
भिलाई। शीत ऋतु से बचाव के लिए एमजे कालेज के वुमन सेल ने बुजुर्गों को मोजे भेंट किये। वुमन सेल की टीम कालेज की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर एवं प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे के नेतृत्व में आस्था बहुउद्देश्यीय संस्था पहुंची। एमजे कालेज इस संस्था को राशन सामग्री, गैस सिलिण्डर एवं दवा का भी सहयोग करता है।
संस्था के संचालक प्रकाश गेडाम ने बताया कि आश्रम में बुजुर्गों की संख्या लगातार बढ़ गई है। फिलहाल यहां 47 निराश्रित बुजुर्ग रह रहे हैं। पलंग की कमी महसूस की जा रही है। राशन और सब्जियों में भी दिक्कतें आ रही हैं। संस्था द्वारा विकलांगों का विवाह भी कराया जाता है जिसकी तैयारियां चल रही हैं। डॉ विरुलकर एवं डॉ चौबे ने कहा कि महाविद्यालय द्वारा अपने सामाजिक उत्तरदायित्व कार्यक्रम के तहत आश्रम को सहयोग किया जाता है। महाविद्यालय नई पीढ़ी (विद्यार्थी सदस्यों) को व्यक्तिगत स्तर पर भी इस कार्य के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने प्रकाश गेडाम एवं उनके साथियों को इस नेक काम के लिए साधुवाद दिया। इस दौरान एमजे कालेज महिला सेल की डॉ विजिता दीवान, नेहा महाजन, ममता एस राहुल, मंजू यादव एवं विद्यार्थी सदस्य भी उपस्थित थे।
भिलाई। मोटी कमाई के लिए आज हर कोई विदेश जाना चाहता है। फर्जी प्लेसमेंट एजेंसियां ऐसे लोगों का जमकर फायदा उठाती हैं। पर कुछ बातों का ध्यान रखकर फर्जीवाड़े का शिकार होने से बचा जा सकता है। इसके अलावा विदेश जाने से पहले कुछ तैयारियां भी जरूरी होती हैं। उक्त बातें ओमान कंस्ट्रक्शन एंड इंजीनियरिंग कंपनी एलएलसी के प्रबंध संचालक राकेश कुमार झा ने कहीं।
श्री झा एमजे कालेज द्वारा समूह के सभी महाविद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए आयोजित दिवसीय सेमीनार को मुख्य वक्ता की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वैध एजेंसियों का एमबैसी में पंजीयन होता है। इसकी जांच कर लें। जिस कंपनी में आपको भेजा जा रहा है, उसकी वेबसाइट से जॉब की पुष्टि कर लें। इसके लिए ई-मेल अथवा वेबसाइट पर दिये गये सम्पर्क नंबर पर कॉल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि डिग्री हाथ में आते ही तुरन्त विदेश जाने की न सोचें। पहले काम का अनुभव प्राप्त कर लें। विदेशों के रिक्रूटर चाहेंगे कि आप ज्वाइन करते ही कार्यभार संभाल लें। इसके साथ ही जिस भी देश में आ जा रहे हैं वहां के पर्सनल सेफ्टी, फर्स्ट एड, फायर सेफ्टी नार्म्स की जानकारी प्राप्त कर लें। उन्होंने कहा कि हमेशा “पीयर” (पीईएआर) को याद रखें – कंपनी चुनते समय भी और कंपनी में काम करते समय भी। यह सबकी सुरक्षा से जुड़ा है। पी- पर्सन, ई- एनवायरनमेन्ट, ए- ऐसेट तथा आर – रेपुटेशन की सुरक्षा प्रत्येक कर्मचारी की जिम्मेदारी होती है। आरंभ में स्वागत भाषण देते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने श्री झा का परिचय दिया। उन्होंने बताया कि श्री झा की तीन कंपनियां ओमान में काम कर रही हैं। सेमीनार का आयोजन विशेष तौर पर कम्प्यूटर साइंस और नर्सिंग के बच्चों को ध्यान में रखते हुए किया गया है जिनके पास विदेश जाकर नौकरी करने के अवसर अधिक होते हैं। महाविद्यालय की डायरेक्टर डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने कहा कि श्री झा के अनुभवों का लाभ लेकर बच्चे उद्यमिता की ओर जाने के लिए प्रेरित होंगे। श्री झा दुर्ग के ही मूल निवासी हैं। कार्यक्रम का संचालन वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग के सहा. प्राध्यापक दीपक रंजन दास ने किया। इस अवसर पर आईक्यूईसी प्रभारी अर्चना त्रिपाठी, शिक्षा संकाय की अध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया सहित प्राध्यापकण तथा एमजे समूह के सभी महाविद्यालयों के प्रतिनिधि विद्यार्थी मौजूद थे।
भिलाई। विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर एमजे कालेज में “रोल प्ले” का आयोजन किया गया। महाविद्यालय के गार्डन एरिया में विद्यार्थियों ने विभिन्न काल्पनिक परिस्थितियों का निर्माण कर लोगों के अधिकार एवं उसकी सुरक्षा को रेखांकित किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने उपस्थित रहकर कलाकारों का उत्साह बढ़ाया।
महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर की प्रेरणा एवं प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे के निर्देशन में यह आयोजन किया गया। विद्यार्थियों ने विवाह के दौरान तथा विवाह पश्चात उभरने वाली स्थितियों का सजीव चित्रण किया। उन्होंने एक स्त्री के जीवन के प्रत्येक चरण में संभावित मानवाधिकार हनन के मामलों को रेखांकित करने के साथ ही वरिष्ठ नागरिकों के अधिकार की भी चर्चा की। विद्यार्थियों ने स्थल पर अपने संवादों की रचना स्वयं की और संदेश देने का प्रयास किया। इस अवसर पर आईक्यूएसी प्रभारी अर्चना त्रिपाठी, एनएसएस अधिकारी डॉ जेपी कन्नौजे, शिक्षा संकाय की अध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया, ड्रामा क्लब “रंगमंच” के प्रभारी दीपक रंजन दास तथा ममता एस राहुल भी उपस्थित थीं।
भिलाई। संविधान दिवस के अवसर पर आज एमजे कालेज में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया। कालेज के गार्डन एरिया में आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने कहा कि यह संविधान की ही देन है कि आज हम सब साथ-साथ खड़े हैं। इतनी बड़ी संख्या में महिलाएं शिक्षा एवं उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रही हैं।
शिक्षा संकाय की अध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया, सहा. प्राध्यापक ममता एस राहुल, डॉ रजनी राय, वाणिज्य संकाय के प्रभारी विकास सेजपाल, आदि ने भी विद्यार्थियों को संबोधित किया। अंत में राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ जेपी कन्नौजे ने सभी उपस्थित जनों को संविधान की रक्षा एवं उसके प्रावधानों के अनुरूप आचरण करने की शपथ दिलायी।
देसी केंचुआ गोबर नहीं खाता। न ताजा न सूखा हुआ। इसलिए छत्तीसगढ़ के गोठानों में गोबर खाद बनाने के लिए ऑस्ट्रेलियाई केंचुओं का इस्तेमाल किया जाता है। ताजा गोबर में ये भी मर जाते हैं इसलिए इन्हें बासी गोबर में डाला जाता है। यह जानकारी एमजे कालेज के वाणिज्य एवं प्रबंधन के विद्यार्थियों को शहरी गोठान में मिली।
महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर एवं प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे के निर्देशन में इस शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन किया गया था। ये विद्यार्थी एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ जेपी कन्नौजे एवं विभाग के सहा. प्राध्यापक दीपक रंजन दास के नेतृत्व में भिलाई नगर रेलवे स्टेशन के समीप बने शहरी गोठान पहुंचे थे। गोठान में श्री जंघेल ने उन्हें बताया कि गोबर खाद बनाने के लिए ऑस्ट्रेलियाई केंचुआ “आइसेनिया फटीडा” का उपयोग किया जाता है। देसी केंचुआ गोबर को पसंद नहीं करता। ताजा गोबर से मीथेन गैस निकलती है जिससे केंचुएं मर जाते हैं। इसलिए गोबर को संग्रहण के बाद 10-12 दिन के लिए छोड़ दिया जाता है। जब पूरी गैस निकल जाती है तब उसे खाद की टंकियों में डाला जाता है। फिर उसमें केंचुए डाल दिये जाते हैं। श्री जंघेल ने बताया कि केंचुआ दुनिया का एकमात्र प्राणी है जो 24×7 काम करता है। वह लगातार खाता है और मिट्टी के छोटे छोटे गोले निकालता है। इससे खेत की मिट्टी भुरभुरी हो जाती है। इससे पानी सतह पर ठहरता या जमता नहीं बल्कि सीधे नीचे जाकर मिट्टी को नमी प्रदान करता है। इनके द्वारा तैयार किया गया खाद 5-15 रुपए प्रति किलो तक बिकता है। केंचुए 60 दिन में अपनी संख्या चार गुना कर लेते हैं। इसलिए इनकी भी बिक्री की जा सकती है। “आइसेनिया फटीडा” 300 रुपए प्रति किलो तक बिकता है। उन्होंने बताया कि वर्मी कम्पोस्ट के लिए रेडीमेड प्लास्टिक की टंकियां आती हैं जिन्हें कहीं भी रखा जा सकता है। सीमेंट कंक्रीट से भी टंकियां बनाई जा सकती हैं। इनमें केवल डेढ़ फीट तक ही गोबर-मिट्टी डाला जाता है। इससे अधिक गोबर-मिट्टी होने पर केंचुएं मर जाते हैं। उन्होंने बताया कि वर्मी कम्पोस्ट टंकियों के नीचे ड्रेन की व्यवस्था की जाती है। यहां से केंचुए का पसीना और मूत्र बाहर आ जाता है। यह भी खाद का काम करता है। इस द्रव को 1:10 के अनुपात में पानी में मिलाया जाता है और फिर इसका छिड़काव किया जाता है। डॉ जेपी कन्नौजे ने विद्यार्थियों को बताया कि गोबर कम्पोस्ट का खाद आर्गेनिक खेती के काम आता है। आर्गेनिक अनाज, फल और सब्जियों की इन दिनों अच्छी मांग है। इनकी अच्छी कीमत भी मिलती है। गोठान बनाने के छत्तीसगढ़ शासन के फैसले से किसानों को तो लाभ होगा ही आर्गेनिक अनाज, फल और सब्जियों से जनता की सेहत में भी सुधार होगा। वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग के सहा. प्राध्यापक दीपक रंजन दास ने बताया कि अच्छी सेहत का स्वास्थ्य सेवाओं पर होने वाले खर्च से सीधा संबंध है। यदि लोगों का सामान्य स्वास्थ्य अच्छा रहेगा, वे कम बीमार पड़ेंगे, उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी रहेगी। भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले देश में इससे स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव कम होगा। व्यवस्था सुधरेगी और बचत भी होगी। इसलिए वर्मी कम्पोस्ट खादों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। छत्तीसगढ़ शासन ने गोठान खोलकर इस दिशा में अच्छी पहल की है। विद्यार्थियों ने गोठान में गाय और बछड़ों के साथ भी कुछ वक्त बिताया और उनके साथ फोटो भी खिंचवाई। गोठान का अवलोकन कर विद्यार्थी बेहद खुश थे। इस शैक्षणिक भ्रमण में प्राची वर्मा, काजल पाल, ज्योति चंदेल, अर्पिता सिंह, शाजिया खान, सुरेखा साहू, नंदिनी, तनु महतो, आर्यन यादव, सिद्धार्थ कुमार, देवधर गौतम, यशवंत, गीतेश श्रीवास्तव, सौम्या, आदि विद्यार्थी शामिल थे।
एमजे कालेज के इंक्यूबेशन सेन्टर में आज बिजनेस आइडियाज पर मंथन किया गया। आंत्रप्रेन्योर संचित सक्सेना के ब्रेन स्टॉर्मिंग सेशन के बाद बच्चों ने समूह में अपने आइडियाज प्रस्तुत किये। गुण दोषों के आधार पर इन बिजनेस आइडियाज की समीक्षा की गई। वे इसी कालेज के अलुमनाई हैं।
संचित सक्सेना ने बताया कि मौजूदा शिक्षा व्यवस्था आपको कुछ अलग सोचने का मौका नहीं देती। स्कूल में एकमात्र लक्ष्य कालेज पहुंचना और कालेज से निकलते समय एक मात्र लक्ष्य कोई न कोई नौकरी हासिल कर लेना होता है। इस बीच कई बार बिजनेस आईडियाज हमारे मन में आते हैं पर हम उनपर गंभीरता से काम नहीं करते। एमजे कालेज का बिजनेस इन्क्यूबेशन सेन्टर इन्हीं आइडियाज पर काम करने का मौका देगा। श्री सक्सेना ने बताया कि मजबूरी में बिजनेस करने से अच्छा है अपने आईडियाज पर थोड़ी मेहनत कर समय रहते स्वयं को एक मौका देना। आज बाजार नए आइडियाज के लिए पूरी तरह तैयार है। यदि हममें से कुछ लोग भी उद्यमी के रूप में सामने आते हैं तो रोजगार के नए अवसरों का सृजन कर सकते हैं। नए प्रॉडक्ट्स और बेहतर सर्विसेस के माध्यम से अपने राष्ट्र को विकसित देशों की श्रृंखला में खड़ा कर सकते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को 4-4 के समूहों में बांटकर उन्हें 10 हजार रुपए में शुरू किये जा सकने वाले बिजनेस के आइडिया मांगे थे। जिसमें बच्चों ने अलग-अलग आइडिया प्रस्तुत किया। इन आइडियाज के गुण-दोषों की मौके पर ही समीक्षा की गई। प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे एवं निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने इस कार्यशाला को विद्यार्थियों के लिए बेहद उपयोगी बताते हुए उम्मीद जताई कि इन्क्यूबेशन सेन्टर का अधिक से अधिक बच्चे लाभ उठाएंगे तथा अपने आइडियाज को लेकर केन्द्र से सम्पर्क करेंगे। संचालन वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग के सहायक प्राध्यापक दीपक रंजन दास ने किया।
छत्तीसगढ़ के 21वें स्थापना दिवस के अवसर पर आज महाविद्यालय परिसर में राज्योत्सव मनाया गया। इस अवसर पर अंतरमहाविद्यालयीन छत्तीसगढ़ी लोक नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। एमजे कालेज, एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग एवं फार्मेसी कालेज की पांच टोलियों ने इसमें हिस्सा लिया। फार्मेसी कालेज के विद्यार्थी श्री बलराम ने छत्तीसगढ राज्य गीत का गायन किया।
महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने विद्यार्थियों को छत्तीसगढ़ राज्य के स्थापना दिवस की बधाई देते हुए कहा कि राज्य ने इन दो दशकों में काफी प्रगति की है। अब हम सबकी बारी है कि हम इसे तेजी से प्रगति के पथ पर लेकर जाएं। यहां के विद्यार्थी देश-दुनिया में जाकर अपने राज्य का नाम रौशन करें। प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ी अब तक बोली है। इसे राज्यभाषा का दर्जा देने के लिए हमें छत्तीसगढ़ी में अधिकाधिक प्रकाशनों की आवश्यकता होगी। छत्तीसगढ़ी में ही अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि यदि हम सब मिलकर इस कार्य में अपना योगदान दें तो जल्द ही छत्तीसगढ़ी एक भाषा के रूप में संविधान की अनुसूची में शामिल हो जाएगा। नर्सिंग कालेज के प्राचार्य जे डैनियल तमिल सेलवन ने कहा कि 2012 में वे छत्तीसगढ़ आए और यहीं के होकर रह गए। यहां न केवल उन्हें रोजगार मिला बल्कि इतना स्नेह मिला कि अब यह उन्हें अपना राज्य लगता है। अब वे न केवल हिन्दी बोल पाते हैं बल्कि छत्तीसगढ़ी भी समझ जाते हैं।
छत्तीसगढ़ी लोग नृत्यों को सभी प्रतिभागी दलों ने इंद्रधनुषी कलेवर में प्रस्तुत किया। उन्होंने कर्मा, सुआ जैसे नृत्यों का तो मिश्रण किया है फुगड़ी और खोखो जैसे खेलों को भी नृत्य में शामिल कर लिया। प्रथम पुरस्कार डी फार्मा प्रथम वर्ष की टीम को दिया गया। इस टीम का नेतृत्व खुशबू कर रही थीं। द्वितीय पुरस्कार बीएससी नर्सिंग तृतीय वर्ष की टीम को दिया गया। इस टीम का नेतृत्व टुम्पा रणा कर रही थीं। तीसरा पुरस्कार फार्मेसी कालेज के ही अमोल एवं समूह को दिया गया। कार्यक्रम का संचालन वाणिज्य संकाय के सहा. प्राध्यापक दीपक रंजन दास ने किया। निर्णायक की भूमिका शिक्षा संकाय की अध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया, ममता एस राहुल एवं नेहा महाजन ने निभाई। इस अवसर पर सभी संकाय के शिक्षक तथा विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। सभी ने कार्यक्रम का भरपूर लुत्फ उठाया।
संयुक्त राष्ट्र दिवस के उपलक्ष्य में एमजे ग्रुप ऑफ एजुकेशन में आज एक क्विज स्पर्धा का आयोजन किया गया। डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स एंड मैनेजमेंट द्वारा एनएसएस के सहयोग से आयोजित इस क्विज में समूह के सभी महाविद्यालयों ने सहभागिता दी। एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग की टीम ने 30 अंक हासिल कर विजेता का खिताब जीता। वाणिज्य संकाय की टीम ने टाई राउंड में उपविजेता का खिताब अपने नाम किया।
प्रतिवर्ष 24 अक्तूबर को संयुक्त राष्ट्र दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष 24 को रविवार होने के कारण यह आयोजन एक दिन पहले शनिवार को किया गया। स्पर्धा में 7 टीमों ने हिस्सा लिया। इसमें एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग, एमजे फार्मेसी कालेज एवं एमजे कालेज के वाणिज्य संकाय, विज्ञान संकाय एवं शिक्षा संकाय की टीमों ने हिस्सा लिया। सर्वाधिक सही जवाब देकर बीएससी नर्सिंग की टीम ने विजेता का खिताब जीता। इस टीम में मुक्ता रक्षित, टुम्पा रणा, पूजा पटेल एवं पूजा वांगड़े शामिल थीं। उपविजेता रही वाणिज्य संकाय की टीम में केवल दो ही सदस्य आस्था दुबे एवं चेतन्या शामिल थे।
पुरस्कार वितरण समारोह के मुख्य अतिथि प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा कि कम समय के बावजूद बच्चों ने अच्छी तैयारी की तथा अधिकांश प्रश्नों के उत्तर देने में सफल रहे। उन्होंने उम्मीद जताई कि यूएनओ से जुड़ी ये जानकारियां जीवन के किसी न किसी मोड़ पर काम आएंगी। इस बहाने बच्चों को पाठ्यक्रम से इतर कुछ पढ़ने को मिला है। आयोजन में क्विज मास्टर की भूमिका शिक्षा संकाय की डॉ रजनी राय एवं ममता एस राहुल ने निभाई। स्कोरर के रूप में ग्रंथपाल प्रकाश चंद्र साहू ने अपनी सेवाएं दीं। आरंभिक छह चक्रों में कुल 42 सवाल पूछे गये। टाई राउण्ड में चार सवाल और पूछने गए। इस अवसर पर एनएसएस प्रभारी डॉ जेपी कन्नौजे एवं वाणिज्य संकाय के सहा. प्राध्यापक दीपक रंजन दास भी उपस्थित थे।
राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह के अंतर्गत आज एमजे कालेज में विद्यार्थियों को राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता की रक्षा के साथ ही आंतरिक सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर रहकर रचनात्मक सहयोग की शपथ दिलाई गई। महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर एवं प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे की उपस्थिति में आईक्यूएसी प्रभारी अर्चना त्रिपाठी ने सबको शपथ दिलाई।
डॉ श्रीलेखा ने इस अवसर पर कहा कि आजादी के बाद देश की तमाम रियासतों को भारतीय गणराज्य में शामिल करने में सरदार वल्लभ भाई पटेल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वे जानते थे कि अलग-अलग राजा-रजवाड़ों के रहते आंतरिक सुरक्षा पर हमेशा संकट बना रहेगा। उनकी दूरगामी सोच का ही परिणाम है कि आज भारत एक अखंड देश के रूप में पूरी मजबूती के साथ खड़ा है। प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे देश विरोधी हरकतों में संलिप्त लोगों से न केवल दूर रहें बल्कि अपने पालकों या शिक्षकों के माध्यम से इसकी जानकारी को सही एजेंसियों तक पहुंचाने की कोशिश करें। अपने विवेक की रक्षा के लिए स्वयं नशे से दूर रहें और अपने मित्रों एवं परिजनों को भी इससे दूर रखने का प्रयास करें। सहा. प्राध्यापक दीपक रंजन दास ने इस अवसर पर कहा कि सड़क पर होने वाली मारपीट, घायल पड़े लोगों की स्वयं मदद न भी कर सकें तो कम से कम 112 हेल्प लाइन सेवा को सूचित करें। यह पुलिस की क्विक रिस्पांस टीम का नम्बर है। इसी तरह किसी के घायल होने, बेहोश होने आदि की स्थिति में सीधे 108 एम्बुलेंस सर्विस को काल किया जा सकता है। इस तरह हम नेपथ्य में रहकर भी लोगों की मदद कर अपने राष्ट्र को मजबूत कर सकते हैं। कार्यक्रम का संचालन करते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना समन्वयक डॉ जेपी कन्नौजे ने राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह एवं सतर्कता सप्ताह के बारे में विस्तार से जानकारी दी। अंत में उन्होंने सभी उपस्थित जनों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
मजे कालेज के शिक्षा संकाय की अध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया ने आज कहा कि हालांकि दुनिया ने लैंगिक समानता की दिशा में काफी प्रगति की है पर यह भी सच है कि आज भी लाखों की संख्या में बेटियों को गर्भ में ही मार दिया जाता है। जो जन्म लेती हैं, उनके साथ भी कई स्तरों पर भेदभाव होता है और यह भेदभाव पूरी उम्र भर उसका पीछा नहीं छोड़ती।डॉ श्वेता भाटिया एसएस खन्ना गर्ल्स डिग्री कालेज प्रयागराज एवं एमजे कालेज द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित फैकल्टी एक्सचेंज प्रोग्राम के अंतिम दिवस के सत्र को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि लैंगिक भेदभाव का यह सिलसिला पूरी दुनिया में चल रहा है। भारत और विशेषकर छत्तीसगढ़ की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यहां स्थिति शेष दुनिया के मुकाबले अच्छी है। उल्लेखनीय है कि एमजे कालेज एवं एसएस खन्ना गर्ल्स डिग्री कालेज के बीच समझौता ज्ञापन के तहत यह चार दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। प्रथम दिवस एमजे कालेज के सहा. प्राध्यापक दीपक रंजन दास ने नारीवाद पर अपना व्याख्यान दिया। दूसरे दिन एसएस खन्ना कालेज की डॉ मंजू मिश्रा ने समावेशी शिक्षा पर अपनी बात रखी। तीसरे दिन इसी महाविद्यालय की डॉ ज्योति बैजल ने बाल मनोविज्ञान पर विस्तार से चर्चा की। चौथे एवं अंतिम दिन डॉ श्वेता भाटिया ने अपना व्याख्यान दिया। एसएस खन्ना गर्ल्स डिग्री कॉलेज की आइक्यूसी कोऑर्डिनेटर डॉ मंजरी शुक्ला एवं एमजे कालेज के प्राचार्य अनिल कुमार चौबे ने कार्यक्रम की सफलता पर सभी को शुभकामनाएं दी। डॉ ज्योति बैजल ने एसएस खन्ना डिग्री गर्ल्स कॉलेज के प्राचार्य लालिमा सिंह का संदेश पढ़ा एवं ममता भटनागर ने धन्यवाद ज्ञापन किया। एमजे कालेज के तरीफ से कार्यक्रम का समन्वयन आईक्यूएसी प्रभारी अर्चना त्रिपाठी एवं सहा. प्राध्यापक डॉ ज्योतिप्रकाश कन्नौजे ने किया।
लायन्स क्लब भिलाई वामा में लायन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर, रीजन चेयरपर्सन एवं जोन चेयरपर्सन की आधिकारिक यात्रा का आयोजन किया गया। एमजे कालेज परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को उपयोगी वस्तुओं का हैम्पर भेंट किया गया। यह क्लब लायन्स क्लब की नवगठित इकाई है जिसे एमजे कालेज के स्टाफ द्वारा संचालित किया जाता है।
लायन्स क्लब डिस्ट्रिक्ट 3233-सी की गवर्नर लायन मीता अग्रवाल ने नवगठित क्लब की गतिविधियों की सराहना करते हुए कहा कि अल्प समय में ही अपने कार्यक्रमों द्वारा इस क्लब ने कई पुरस्कार जीते हैं। रीजन-12 की चेयरपर्सन लायन रुचि अग्रवाल ने लायन डॉ श्रीलेखा विरुलकर के संरक्षण में शुरू हुए इस क्लब की गतिविधियों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए क्लब की उत्तरोत्तर प्रगति की कामना की। जोन चेयरपर्सन लायन सरिता राठौर ने क्लब को इनोवेटिव प्रोग्राम्स के लिए सराहा। इस अवसर पर अतिथियों के हाथों से महाविद्यालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को घरेलू उपयोग की वस्तुओं के गिफ्ट हैम्पर प्रदान किये गये। लायन्स क्लब भिलाई वामा की अध्यक्ष लायन अर्चना त्रिपाठी ने आधिकारिक यात्रा पर आए अधिकारियों का स्वागत करते हुए क्लब के कार्यक्रमों में अपनी निष्ठा जताई। सचिव ममता एस राहुल ने क्लब की अब तक की गतिविधियों का ब्यौरा प्रस्तुत किया। इस अवसर पर महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर, प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे, लायन पीएम अवंतिका, लायन मंजू साहू एवं लायन नेहा महाजन भी उपस्थित थीं।
संविधान दिवस के अवसर पर आज एमजे कालेज में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया। कालेज के गार्डन एरिया में आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने कहा कि यह संविधान की ही देन है कि आज हम सब साथ-साथ खड़े हैं। इतनी बड़ी संख्या में महिलाएं शिक्षा एवं उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रही हैं।
शिक्षा संकाय की अध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया, सहा. प्राध्यापक ममता एस राहुल, डॉ रजनी राय, वाणिज्य संकाय के प्रभारी विकास सेजपाल, आदि ने भी विद्यार्थियों को संबोधित किया। अंत में राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ जेपी कन्नौजे ने सभी उपस्थित जनों को संविधान की रक्षा एवं उसके प्रावधानों के अनुरूप आचरण करने की शपथ दिलायी।
इन्टैक की विरासत शिक्षा व संचार सेवा द्वारा दुर्ग-भिलाई अध्याय के सहयोग से दुर्ग जिले के 30 चयनित विद्यालयों में स्थापित हो रहे हेरिटेज क्लब के प्रभारी शिक्षकों के लिए एमजे कालेज, भिलाई में 2-दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का ऑनलाइन उद्घाटन इन्टैक के चेयरमैन मेजर जनरल (अवकाश प्राप्त) एल के गुप्ता ने किया। उन्होंने कहा, “यह जरूरी है कि बच्चे हमारी हजारों साल पुरानी विरासत के महत्त्व को समझें व उसके गौरव को महसूस करें।” मेजर जनरल गुप्ता ने इस दायित्व के निर्वहन में शिक्षकों व शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका को बेहद महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने छत्तीसगढ़ के दुर्ग में इस उद्देश्य से आरम्भ हो रहे हेरिटेज क्लबों को इन्टैक से निरंतर संबल का आश्वासन दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि चयनित शिक्षक अपनी सक्रियता से लोक संस्कृति सहित सांस्कृतिक विरासतों के प्रति बच्चों में जागरूकता लाने में उल्लेखनीय सफलताएं अर्जित करेंगे। नईदिल्ली से इन्टैक की हेरिटेज शिक्षा सेवा की प्रमुख निदेशक पूर्णिमा दत्त ने हेरिटेज के विभिन्न प्रकारों को विस्तार से ऑनलाइन समझाते हुए देश के गौरवशाली विरासत से प्रतिभागियों को परिचित करायाI नईदिल्ली से इन्टेक के अभिषेक दास ने हेरिटेज क्लबों की संरचना व कार्यप्रणाली की तकनीकी जानकारी दी।
दूसरे सत्र में रायपुर के पुरातत्व विशेषज्ञ राहुल कुमार सिंह ने छत्तीसगढ़ के पुरातात्विक स्थलों की जानकारी देते हुए उनके सामाजिक-सांस्कृतिक महत्त्व से प्रतिभागियों को अवगत करायाI लखनऊ स्थित भारत सरकार के राष्ट्रीय सांस्कृतिक सम्पदा संरक्षण अनुसन्धान प्रयोगशाला के वैज्ञानिक डॉ संजय कुमार गुप्ता सांस्कृतिक ने सम्पदा के संरक्षण में नागरिकों विशेषकर बच्चों की भूमिका को रेखांकित कियाI तृतीय सत्र में समूह चर्चा कर प्रतिभागियों ने अपने प्रस्तुतीकरण तैयार किये।
दूसरे दिन प्रथम सत्र में सभी प्रतिभागी देवबलोदा स्थित कलचुरी काल के शिव मंदिर की संरचना को देखा व उसके महत्व को समझा। प्रो दीपक रंजन दास ने इस मंदिर व जल कुंड के निर्माण से जुड़ी किंवदंतियों का उल्लेख करते हुए मंदिर से जुड़ी रोचक जानकारियां प्रदान की। उन्होंने समकालीन इतिहास पर भी संक्षेप में प्रकाश डाला। दूसरे सत्र में कला परम्पराओं के विद्वान् डॉ डी पी देशमुख ने छत्तीसगढ़ की लोक परम्परों की जानकारी प्रतिभागियों को दी। प्रतिभागियों के चार समूहों ने छत्तीसगढ़ की नदियों, पुरातात्विक स्थलों, लोकपरम्पराओं व नाचा जैसी जिवंत विरासत पर प्रस्तुतिकरण दिया। समापन सत्र में उच्च शिक्षा विभाग के अपर संचालक डॉ सुशील तिवारी ने मुख्य अतिथि के रूप प्रतिभागियों की सक्रीय सहभागिता की सराहना करते हुए कहा, “अपनी विरासत के संरक्षण के प्रति बच्चों में बेहतर दृष्टिकोण व व्यवहार विकसित करने में हेरिटेज क्लब महत्वपूर्ण भूमिका तभी निभा सकते हैं, जब इनके मार्गदर्शक-शिक्षक विरासत के सांस्कृतिक मूल्यों को आत्मसात कर नवाचारी तरीकों से क्लब को संचालित करेंI” कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एमजे कालेज की निदेशक डॉ श्रीलेखा वेरुलकर ने प्रतिभागी शिक्षकों से अपनी संस्था के बच्चों के मन-मस्तिष्कों पर सांस्कृतिक विरासत की उजली छवि अंकित करने का आव्हान किया। एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ अनिल चौबे व स्कूल शिक्षा विभाग के पेडागाजी प्रभारी ने भी इस अवसर पर संबोधित किया। इन्टैक के दुर्ग-भिलाई अध्याय के संयोजक डॉ डीएन शर्मा ने दो दिवसीय कार्यशाला में संपन्न गतिविधियों की चर्चा करते हुए बतलाया कि छत्तीसगढ़ में पहली बार हेरिटेज क्लबों के गठन की प्रक्रिया दुर्ग जिले से आरम्भ की गई है। डीपीएस-भिलाई, डीएव्ही हुडको, श्री शंकरा विद्यालय से-10, श्री शंकराचार्य विद्यालय-हुडको, केपीएस नेहरू नगर, शारदा, शकुंतला, इंदु आईटी, महर्षि व खालसा सहित निजी क्षेत्र के 10 स्कूलों और दो स्वामी आत्मानंद स्कूलों सहित 20 शासकीय विद्यालयों में इस सत्र से ही हेरिटेज क्लब आरम्भ हो रहे हैं। मुख्य अतिथि डॉ तिवारी ने प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र भी वितरित किये। सह-संयोजक विद्या गुप्ता ने स्कूल शिक्षा विभाग, एमजे कालेज व विद्यालयों के प्रबंधन के प्रति उनके सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। समापन कार्यक्रम का संचालन दीपक रंजन दास ने किया। इस अवसर पर वरिष्ठ शिक्षाविद डॉ हरिनारायण दुबे, प्रो विकास पंचाक्षरी, नर्मदा परिक्रमा के छायाकार कांतिभाई सोलंकी विशेष रूप से उपस्थित रहे। एमजे कालेज के विकास सेजपाल, पीएम अवंतिका, सेवक देवांगन व राहुल ने तकनीकी सहयोग प्रदान किया।
मां शारदा सामर्थ्य चैरिटेबल ट्रस्ट ने आज साबुन की टिकियों से 2.6 किलोमीटर लंबी श्रृंखला बनाकर नया विश्व रिकार्ड कायम किया। एमजे कालेज एवं डॉ संतोष राय इंस्टीट्यूट (पीसी) के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में दोनों संस्थानों के विद्यार्थियों ने श्रमदान किया। हाउसिंग बोर्ड ग्राउंड में हुए इस आयोजन में पर्यवेक्षक के रूप में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड तथा एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स के अधिकारी मौजूद थे।
साबुन की अब तक की इस सबसे लंबी श्रृंखला के लिए 2000 टिकियों का उपयोग किया गया। एमजे कालेज के 25 विद्यार्थियों ने इस श्रृंखला को बनाने में मदद की। मां शारदा सामर्थ्य चैरिटेबल ट्रस्ट का दावा पूरा होने पर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड तथा एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स के अधिकारियों ने इसका प्रमाणपत्र सौंपा। इस रिकार्ड को इन दोनों संस्थाओं द्वारा अपने आगामी प्रकाशन में स्थान दिया जाएगा। इस अवसर पर ट्रस्ट प्रमुख डॉ संतोष राय, एमजे कालेज की निदेशक एवं मां शारदा सामर्थ्य चैरिटेबल ट्रस्ट की सदस्य डॉ श्रीलेखा विरुलकर, एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे, एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग के प्राचार्य डैनियल तमिल सेलवन, वीके चौबे, अजीज अख्तर, पंकज सिन्हा, कविता सिन्हा, रेणुका मजुमादार, डॉ संतोष राय इंस्टीट्यूट की डॉ मिट्ठू, डॉ विपिन अरोरा, सीए केतन ठक्कर, सीए दिव्या रत्नानी, डॉ पीयूष जोशी, डॉ राजीव कौरा, एस सजीव, डॉ विकास शर्मा, एडवोकेट गौरी गुहा सहित ट्रस्ट के सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
भिलाई। विश्व एड्स दिवस पर आज एमजे कालेज में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग के प्राचार्य डैनियल तमिल सेलवन के मुख्य आतिथ्य में आयोजित इस कार्यक्रम में कालेज की एनएसएस इकाई, लायन्स क्लब भिलाई वामा एवं आईक्यूएसी ने भागीदारी दी। मुख्य अतिथि ने इस वर्ष के थीम की चर्चा करते हुए एड्स पीड़ितों तक स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने में मददगार बनने की अपील की।
मुख्य अतिथि डैनियल तमिल सेलवन ने इस अवसर पर विद्यार्थियों का आव्हान किया कि वे अपने शिक्षित वयस्क होने का प्रमाण दें। कोरोना वायरस पर हमने खुलकर चर्चा की और आवश्यक उपाय कर उसपर काबू पा लिया। पर एड्स के साथ ऐसा नहीं है। हम इसे स्वच्छंद यौन संबंधों से जोड़कर देखते हैं जबिक एड्स संक्रमण होने के कई और कारण हैं। 2019 के आंकड़ों के अनुसार अकेले भारत में इसके 23.49 लाख लोग इसकी चपेट में हैं। एड्स के इलाज के लिए जुलाई 2020 तक एआरटी सेन्टर स्थापित किये जा चुके थे जबकि 1264 लिंक एआरटी सेन्टर काम कर रहे थे। बड़ी संख्या में एड्स पीड़ित अब भी समुचित स्वास्थ्य सेवाओं से दूर हैं। उन्होंने कहा कि एड्स के बारे में खुलकर बात करने से इसे लेकर संकोच दूर होगा और मरीजों को बेहतर चिकित्सा सेवा मिल पाएगी। एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ जेपी कन्नौजे ने कहा कि एड्स दिवस मनाने की शुरुआत 1988 में हुई। इसका लक्ष्य लोगों को एड्स के प्रति जागरूक कर इसकी बढ़ती रफ्तार को रोकना था। यह एक राहत की बात है कि इसकी रफ्तार 21वीं सदी में कुछ कम हो गई है पर अब भी इसे लेकर जागरूकता का अभाव है। विद्यार्थी इसके विषय में स्वयं जानें तथा अपने अपने आसपास के लोगों से चर्चा कर जागरूकता फैलाएं। शिक्षा संकाय की अध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया ने कहा कि जागरूकता से ही इस एपिडेमिक को मात दी जा सकती है। इंजेक्शन लेते समय, रक्त चढ़ाते समय, सेलून में हमेशा यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि सिरिंज नई है, ब्लेड नया है तथा औजारों को स्टेरिलाइज किया गया है। रक्त लेते समय उसके सुरक्षित होने की पुष्टि कर लेनी चाहिए। इस तरह से हम एड्स को मात दे सकते हैं। आईक्यूएसी प्रभारी अर्चना त्रिपाठी ने कहा कि एड्स को सिर्फ असुरक्षित यौन संबंधों से जोड़कर देखना गलत है। जागरूकता के अभाव में लोग एचआईवी पाजीटिव लोगों के चरित्र पर लांछन लगाने लगते हैं, उन्हें अकेला छोड़ देते हैं और उनके लिए जीवन को मुश्किल कर देते हैं। यह शिक्षित लोगों का दायित्व है कि लोगों को जागरूक करें और एड्स रोगी की देखभाल भी अच्छे से करें। कार्यक्रम के अंत में लायन्स क्लब भिलाई वामा की सचिव ममता एस राहुल ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि सभी वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया है कि एड्स को उसके सही स्वरूप में जानें और लोगों को बताएं। रोगियों की मदद करें ताकि वे स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ले सकें। कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक दीपक रंजन दास ने किया।
भिलाई। राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह के अंतर्गत आज एमजे कालेज में विद्यार्थियों को राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता की रक्षा के साथ ही आंतरिक सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर रहकर रचनात्मक सहयोग की शपथ दिलाई गई। महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर एवं प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे की उपस्थिति में आईक्यूएसी प्रभारी अर्चना त्रिपाठी ने सबको शपथ दिलाई।
डॉ श्रीलेखा ने इस अवसर पर कहा कि आजादी के बाद देश की तमाम रियासतों को भारतीय गणराज्य में शामिल करने में सरदार वल्लभ भाई पटेल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वे जानते थे कि अलग-अलग राजा-रजवाड़ों के रहते आंतरिक सुरक्षा पर हमेशा संकट बना रहेगा। उनकी दूरगामी सोच का ही परिणाम है कि आज भारत एक अखंड देश के रूप में पूरी मजबूती के साथ खड़ा है। प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे देश विरोधी हरकतों में संलिप्त लोगों से न केवल दूर रहें बल्कि अपने पालकों या शिक्षकों के माध्यम से इसकी जानकारी को सही एजेंसियों तक पहुंचाने की कोशिश करें। अपने विवेक की रक्षा के लिए स्वयं नशे से दूर रहें और अपने मित्रों एवं परिजनों को भी इससे दूर रखने का प्रयास करें। सहा. प्राध्यापक दीपक रंजन दास ने इस अवसर पर कहा कि सड़क पर होने वाली मारपीट, घायल पड़े लोगों की स्वयं मदद न भी कर सकें तो कम से कम 112 हेल्प लाइन सेवा को सूचित करें। यह पुलिस की क्विक रिस्पांस टीम का नम्बर है। इसी तरह किसी के घायल होने, बेहोश होने आदि की स्थिति में सीधे 108 एम्बुलेंस सर्विस को काल किया जा सकता है। इस तरह हम नेपथ्य में रहकर भी लोगों की मदद कर अपने राष्ट्र को मजबूत कर सकते हैं। कार्यक्रम का संचालन करते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना समन्वयक डॉ जेपी कन्नौजे ने राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह एवं सतर्कता सप्ताह के बारे में विस्तार से जानकारी दी। अंत में उन्होंने सभी उपस्थित जनों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
एमजे कालेज में आज अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया। महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने इस अवसर पर छात्राओं को स्वयं को अंदर से मजबूत करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि महिलाएं कोमलांगी हो सकती हैं पर कमजोर कहीं से भी नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि बराबरी के कंसेप्ट में नुक्स है। यदि पत्नी अपने परिवार के लिए खाना बनाती है, पत्नी अपने पति का ख्याल रखती है तो यह कोई गुलामी नहीं है। स्वयं को सुरक्षित रखने के लिए हमे एक एटीट्यूड अपनाना होगा कि कोई भी व्यक्ति बिना हमारी इजाजत के हमारे आसपास भी न फटक सके। अतिथि वक्ता क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट सिजी थॉमस ने कहा कि छात्राएं अपनी सुरक्षा और स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए स्वयं को प्रतिस्पर्धी बनाएं। उन्होंने कहा कि महिलाएं समय प्रबंधन में पुरुषों से बेहतर होती हैं और वर्क लाइफ बैलेंस बनाने में भी ज्यादा चतुर होती हैं। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने कहा कि आज बालिकाएं प्रत्येक क्षेत्र में बालकों को पीछे छोड़कर आगे निकल रही हैं। पर यह प्रगति तब तक अधूरी है जब तक कि वह अपने फैसले खुद करने के लिए स्वतंत्र न हो। हमें इस दिशा में निरंतर और काम करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए सहा. प्राध्यापक दीपक रंजन दास ने कहा कि समस्त प्राणीजगत में अकेला मनुष्य योनी ही ऐसा है जिसमें पुरुषों के मुकाबले नारी ज्यादा सुन्दर है। इसलिए उनकी सुरक्षा के लिए समाज ने कुछ कठोर नियम बनाए थे। यह कुछ कुछ ऐसा था जैसा कि प्रकृति ने गुलाब की सुरक्षा के लिए कांटे बनाए हैं। आरंभ में वाणिज्य एवं प्रबंधन संकाय, विज्ञान संकाय के बच्चे ने भी अपने विचार रखे। बीकॉम प्रथम वर्ष की छात्रा तनु महतो ने कहा कि आज भी अधिकांश परिवारों में लड़कों की शिक्षा पर ज्यादा खर्च किया जाता है। लड़कियों के लिए करियर च्वाइस भी सीमित रखे जाते हैं। घर गृहस्थी संभालने की पूरी जिम्मेदारी भी उनपर ही थोपी जाती है। इसमें बदलाव आना चाहिए। अंत में डॉ रजनी राय ने महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर, सिजी थॉमस, दीपक रंजन दास एवं सभी बच्चों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
सशस्त्र सीमा बल के डीआईजी सुधीर कुमार ने आज एमजे कालेज के वाणिज्य एवं प्रबंधन संकाय के बच्चों को सफलता का सूत्र दिया। उन्होंने कहा कि यूजी कोर्स का आरंभ ही वह समय है जब आपको अपना लक्ष्य निर्धारित कर लेना चाहिए और उसपर पूरी निष्ठा के साथ मेहनत शुरू कर देनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि एसएसबी का राष्ट्रीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण स्थान है। एसएसबी में तीन तरीकों से दाखिल हुआ जा सकता है। विभिन्न ट्रेडों के लिए भर्तियां एसएसबी स्वयं प्रक्रिया के तहत करता है। इसके अलावा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (एसएससी) एवं यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) के माध्यम से अधिकारी के रूप में इस बल में शामिल हुआ जा सकता है। उन्होंने कहा कि एक उम्र होती है जब हम पैकेज और पर्क्स पर ही ज्यादा फोकस कर रहे होते हैं पर एक समय के बाद हमें ऐसा लगने लगता है कि न तो चुनौतियां शेष रही हैं और न ही उपलब्धियों की गुंजाइश। सेना और अर्द्धसैनिक बल आपको निरतंर स्वयं को निखारने का मौका देते हैं। अच्छा करियर बनाने के लिए सदैव ऐसे क्षेत्र का चुनाव करना चाहिए जिसे करने में आपको आनंद और तृप्ति भी मिले। इससे नौकरी बोझ नहीं लगती बल्कि आप उमें आनंद लेने लगते हैं। एमजे कालेज के वाणिज्य एवं प्रबंध संकाय के विद्यार्थी आज महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर एवं प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे की प्रेरणा से एसएसबी द्वारा आयोजित मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह के विशेष सत्र में शामिल हुए थे। विभाग के सहा. प्राध्यापक दीपक रंजन दास के नेतृत्व में गए इन बच्चों ने डीआईजी एवं अन्य विशिष्ट कर्त्तव्यस्थ अधिकारियों के साथ डीआईजी कक्ष में ही लंबी चर्चा की। इस दौरान बल की महिला सदस्य भी उपस्थित थीं।
एमजे कालेज की आईक्यूएसी द्वारा वाणिज्य एवं प्रबंधन संकाय के सहयोग से विश्व शाकाहार दिवस पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। शाकाहारी एवं मांसाहारी को विदेशी अवधारणा मानते हुए बच्चों ने सात्विक आहार पर अपनी बात रखी। यह आयोजन महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर के दिशानिर्देशन में किया गया था। बीकॉम प्रथम वर्ष की छात्रा इषिता ने बताया कि शाकाहार और मांसाहार का संबंध हिंसा अथवा अहिंसा से नहीं है। भारत जैसे में इसका फैसला व्यक्तिविशेष की सामाजिक परम्पराएं करती हैं। वहीं तनु महतो ने कहा कि शाकाहार बेहतर विकल्प है क्योंकि यह सहज सुपाच्य होता है। इससे स्वास्थ्यगत परेशानियां कम होती हैं। वहीं हरलीन ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि कुछ लोग अंडे को शाकाहारी बताते हैं तो कोई दूध को मांसाहारी। इस झंझट में पड़ने के बजाय लोगों को स्वेच्छा से अपना भोजन चुनने का अधिकार होना चाहिए। अंजलि ने शाकाहारी भोजन को श्रेष्ठ बताया। उनका मानना था कि मांसाहार कई रोगों का कारण बन सकता है। वहीं काजल ने कहा कि भारतीय समाज में शाकाहार को सर्वोत्तम माना गया है। आज दुनिया के कई देशों में लोग शाकाहार को अपना रहे हैं। वहीं अर्पिता ने कहा कि व्यक्ति का मांसाहारी या शाकाहारी होना उसके पारिवारिक संस्कारों से जुड़ा है। कुछ लोग घर पर शाकाहारी और बाहर मांसाहारी हो जाते हैं। आरंभ में वाणिज्य एवं प्रबंधन संकाय के सहायक प्राध्यापक दीपक रंजन दास ने कहा कि शाकाहार और मांसाहार विदेशों से आई अवधारणा है। भारत में सात्विक एवं तामसिक भोजन की परिभाषाएं की गई हैं। शराब शाकाहारी होते हुए भी तामसिक है और दूध मवेशी से प्राप्त होने के बाद भी सात्विक। परिचर्चा में मध्यस्थ की भूमिका का निर्वाह प्राणीशास्त्र की सहा. प्राध्यापक ममता एस राहुल ने किया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने चर्चा को सार्थक बताया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन आईक्यूएसी प्रभारी अर्चना त्रिपाठी ने किया।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जन्मदिवस के अवसर पर आज एमजे कालेज में रक्तदान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर 56 बच्चों ने अपना पंजीयन कराया जिसमें से 25 ने रक्तदान भी किया। मुख्य अतिथि डॉ रश्मि भूरे ने सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया।
महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर सहित एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग के कुछ व्याख्याताओं ने रक्तदान कर कार्यक्रम की शुरुआत की। जिन लोगों ने पंजीयन कराया था उनमें एक बी निगेटिव, 18 ओ पाजीटिव, 19 ए पाजीटिव तथा शेष बी पाजीटिव या एबी पाजीटिव थे। उल्लेखनीय है कि बी निगेटव काफी रेयर ग्रुप है जबकि ओ को यूनिवर्सल डोनर माना जाता है। डॉ रश्मि भूरे ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में अपने 12 वर्ष के कार्यकाल की चर्चा की। उन्होंने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी से उन्नयन हो रहा है। अब सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में सिजेरियन की भी सुविधा उपलब्ध हो चुकी है। वे स्वयं सरकारी अस्पतालों से जुड़ी हैं तथा लोगों से भी कहेंगी कि वे सरकारी अस्पतालों पर भरोसा करें। रक्तदान के इस कार्यक्रम का आयोजन गंगोत्री (पूर्व नाम गायत्री) अस्पताल दुर्ग तथा स्टील हैण्ड्स फाउण्डेशन दुर्ग के सहयोग से किया गया था। इस अवसर पर रक्तदान करने वाले सभी महामानवों को प्रमाण पत्र देकर डॉ रश्मि भूरे ने उनका सम्मान किया। इस अवसर पर गंगोत्री अस्पताल के डायरेक्टर डॉ ओपी कराडे, डॉ ज्ञानप्रकाश, कुलदीप अग्रवाल, स्टील हैण्ड्स फाउण्डेशन की संचालक श्रीमती रीता मिश्रा, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे, नर्सिंग महाविद्यालय के प्राचार्य डैनियल तमिल सेलवन, आईक्यूएसी प्रभारी अर्चना त्रिपाठी, शिक्षा संकाय की अध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया, सहा. प्राध्यापक दीपक रंजन दास आदि उपस्थित थे।
अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर एमजे कालेज के विद्यार्थियों ने आज आस्था बहुद्देश्यीय समाज कल्याण संस्था द्वारा संचालित वृद्धाश्रम पहुंची। वृद्धजनों के यहां तक पहुंचने की कथा सुनकर छात्राओं की आंखें नम हो गईं। कोई अपने जीवित होने का प्रमाणपत्र तलाश रहा था तो किसी के पास सबकुछ होते हुए भी कुछ नहीं था।
इस कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय की आईक्यूएसी द्वारा निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर के निर्देशन में किया गया था। महाविद्यालय इस संस्था का सहयोग करता है। आज अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस के अवसर पर प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे के निर्देश पर वाणिज्य संकाय के बच्चे यहां पहुंचे। यहां उनकी मुलाकात 75 वर्षीय पूनाराम साहू से हुई। श्री साहू को उनके विभाग ने मृत घोषित कर रखा है। कभी सरकारी स्कूल में टीचर रहे श्री साहू एक बार उदासी में हरिद्वार चले गए। 10 साल तक नहीं लौटे तो विभाग ने मृत घोषित कर दिया। लौटने के बाद से वे स्वयं को जीवित प्रमाणित करने की कोशिश कर रहे हैं। अदालत ने उन्हें जीवित मान लिया है पर विभाग मानने को तैयार नहीं।
किसी को शराबी बेटे ने घर से बाहर निकाल दिया तो किसी का पति अलग घर बसा लिया। किसी के प्रेम विवाह में अड़चन आई तो वह संन्यासी बन गया। जब भोजन पानी के भी लाले पड़ गए तो इन सबको आस्था में आकर इन्हें न केवल सिर पर छत मिली बल्कि भोजन पानी, दवा दारू की भी व्यवस्था हो गई। संस्था के संचालक प्रकाश गेडाम इनकी सेवा अपने माता पिता की तरह करते हैं। चाहे उन्हें अस्पताल में दाखिल कराना हो या फिर आश्रम में ही उनकी तीमारदारी करनी हो, प्रकाश बिना थके बिना रुके उनकी सेवा करते हैं। वे एक ही बात कहते हैं कि जब रोटी रोटी के लिए वे भिलाई आ गए तो पिताजी अकेले गांव में छूट गये थे। वहीं उनकी मौत हो गई और गांव वालों ने ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया। तब से वे लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करने और असहाय एकाकी वृद्धों की सेवा को ही अपना धर्म समझते हैं।
इनमें से कई बुजुर्गों की करूण कथा सुनकर छात्राएं रो पड़ी। बुजुर्गों ने ही उन्हें दिलासा दिया। इन विद्यार्थियों में तनु महतो, आस्था सिंह, आस्था दुबे, चेतना साहू, आयुष पंडा, रितिक सिंह, देवधर गौतम, सिद्धार्थ कुमार, आदि शामिल थे। यह दल वाणिज्य संकाय की सहायक प्राध्यापक दीप्ति मिश्रा एवं दीपक रंजन दास के नेतृत्व में गया था। दल ने कुछ आश्रमवासियों के लिए औषधि का भी प्रबंध मांगे जाने पर किया।
दुनिया का हर पांचवा बच्चा भारत में रहता है। इनकी संख्या लगभग 43 करोड़ है। 18 साल से कम उम्र का प्रत्येक बच्चा इसके प्रावधानों का लाभ उठा सकता है। भारत सरकार की मानें तो इनमें से 40 फीसदी बच्चे किसी न किसी रूप में अपने अधिकारों से वंचित हैं। उक्त बातें सर्टिफाइड पुलिस काउंसलर डॉ आभा शशिकुमार ने आज कहीं। वे एमजे कालेज द्वारा आयोजित वेबिनार को संबोधित कर रही थीं।
महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा की प्रेरणा से आयोजित इस ऑनलाइन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ शशिकुमार ने कहा कि हालांकि इस कानून के तहत अब तक सर्वाधिक मामले शारीरिक शोषण के लिए गए हैं पर इसका दायरा इससे कहीं ज्यादा विस्तृत है। बेघर बच्चे, भूखे बच्चे, पेट भरने के लिए काम करने वाले बच्चे, शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित बच्चे सभी इसके अंतर्गत आते हैं। उन्होंने कहा कि जब तक हम इस कानून के प्रावधानों को विस्तार से नहीं समझ लेते हम इन बच्चों की मदद नहीं कर पाएंगे। इसलिए जागरूकता कार्यक्रमों की महति आवश्यकता है। उन्होने एमजे कालेज को इस आयोजन के लिए साधुवाद दिया। कार्यक्रम के आरंभ में शिक्षा संकाय की सहायक प्राध्यापक ममता एस राहुल ने अतिथि का परिचय दिया। उन्होंने विषय प्रवेश कराते हुए पॉक्सो एक्ट पर कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। कार्यशाला में 100 से अधिक प्रतिभागी ऑनलाइन जुड़े हुए थे। अंत में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने कहा कि कोई भी कानून का उद्देश्य तब तक पूरा नहीं हो सकता जब तक कि उसे जानने और समझने वाले लोग समाज में न हों। इस कार्यशाला से लोगों को इस कानून और इसके प्रावधानों की जानकारी मिली है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागी अपने अपने स्तर पर बाल अधिकारों की सुरक्षा का प्रयास करेंगे। उन्होंने इस उपयोगी कार्यशाला के लिए डॉ शशिकुमार के प्रति आभार व्यक्त किया।
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट दिवस पर आज एमजे कालेज की आईक्यूएसी के तत्वावधान में एक वेबिनार का आयोजन किया गया। वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पुलिस काउंसलर अधिवक्ता गौरी चक्रवर्ती वेबीनार की मुख्य वक्ता थीं। उन्होंने बताया कि इस कोर्ट की स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की गई थी। यह कोर्ट अंतरराष्ट्रीय अपराधों की सुनवाई करता है।महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने अतिथि वक्ता का स्वागत करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिमिनल कोर्ट को लेकर आम लोगों की जानकारी बहुत सतही है। इसलिए इस वेबीनार का आयोजन किया गया है। कई बार ऐसा होता है कि विदेशी नागरिक किसी देश में अपराध करके भाग जाते हैं। इससे निपटने के लिए भी आईसीसी मददगार होती है। गौरी चक्रवर्ती ने बताया कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद वार क्राइम्स की बाढ़ आ गई थी। अंतरराष्ट्रीय समुदाय के खिलाफ अपराध हो रहे थे, जनसंहार हो रहा था, अनेक देशों में मानवीय अधिकारों को कुचला जा रहा था। इससे निपटने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की जरूरत महसूस की गई जो ऐसे मामलों की सुनवाई कर सके और पीड़ित देश को राहत पहुंचा सके। हालांकि इसके फैसले अनेक देशों में बाध्यताकारी नहीं है तथापि इससे अपराध को पनाह देने वाले देशों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय लामबंदी को मदद मिलती है। वेबीनार के दौरान प्रतिभागियों ने अनेक सवाल पूछकर अपनी जिज्ञासा को शांत किया। कोविड गाइडलाइन्स के तहत ऑनलाइन आयोजित इस वेबीनार को फेसबुक और यूट्यूब पर भी लाइव किया गया था जिसमें 500 से अधिक लोग एक साथ जुड़े।
एमजे कालेज में ट्रांसजेंडर समानता पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। छत्तीसगढ़ ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड की विद्या राजपूत कार्यक्रम की मुख्य अतिथि एवं वक्ता थीं। इस अवसर पर ट्रांसजेंडर समुदाय ने कहा कि प्राचीन भारत में भले ही किन्नरों को समाज में सम्मान हासिल था किन्तु मौजूदा समाज में उनके लिए कोई जगह अब तक नहीं बन पाई है। उन्होंने कहा कि आज आजीविका का प्रश्न इस समुदाय के सामने सबसे बड़ा हो गया है और शासन को उनके लिए स्वतंत्र रोजगार के अवसर तलाशने होंगे।
अन्य वक्ताओं में रवीना बाहिरा, पूजा चौधरी, सोनू गुप्ता, अधिवक्ता कामना श्रीवास्तव शामिल थीं। अडिशनल एसपी सुरेशा चौबे कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि थीं। अन्य अतिथियों में श्री स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती कालेज की प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला, घनश्याम सिंह आर्य कन्या महाविद्यालय शिक्षा विभाग की प्रमुख डॉ निशा श्रीवास्तव मौजूद थीं। एमजे कालेज की डायरेक्टर श्रीलेखा विरुलकर एवं प्राचार्य डॉ कुबेर गुरुपंच ने कार्यक्रम में भागीदारी दी।
एमजे कालेज भिलाई की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने अपने सप्ताहव्यापी विशेष शिविर के दौरान ग्राम बोड़ेगांव में श्रमदान किया। इसके तहत तालाब के किनारों की सफाई, रुके हुए पानी की निकासी, शाला परिसर की सफाई कर लोगों को परिवेश स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया गया। लघु नाटकों के द्वारा जहां राष्ट्रीय महत्व के संदेश दिए गए वहीं योग शिविर एवं स्वास्थ्य शिविर से ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया गया।
एमजे कालेज की डायरेक्टर श्रीमती श्रीलेखा विरुलकर के दिशा निर्देशन में बोड़ेगांव प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक शाला में लगे इस शिविर में बच्चे दल नायक अजय गुप्ता, नितेश सेन, आकाश सोनी एवं अविनाश प्रधान के नेतृत्व में सेवा कार्य कर रहे हैं। एनएसएस अधिकारी डॉ जेपी कन्नौजे ने बताया कि दलों में विभक्त होकर बच्चे प्रतिदिन गांव में विभिन्न विषयों पर सर्वेक्षण कर आंकड़े जुटा रहे हैं। इसके अलावा ग्रामीण बच्चों के साथ मिलकर उनमें राष्ट्र निर्माण की चेतना जगा रहे हैं। इसी कड़ी में शनिवार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक देश दीपक सिंह भी यहां पहुंचे। उन्होंने भारतीय संस्कृति में नारी के स्थान एवं भूमिका की चर्चा करते हुए आधुनिक भारत के निर्माण में उनकी भूमिका को रेखांकित किया। इससे पूर्व सुबह बेमेतरा निवासी योग विशेषज्ञ डीपी तिवारी के साथ बच्चों एवं ग्रामीणों ने योगाभ्यास किया। श्री तिवारी ने बेहतर स्वास्थ्य में योग की भूमिका तथा आधुनिक जीवन में योग के बढ़ते महत्व के विषय में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की।शनिवार को शिविर में प्राचार्य डॉ कुबेर सिंह गुरुपंच, श्रीमती शकुन्तला जलकारे, श्रीमती परविन्दर कौर, श्रीमती चरनीत संधु, सुश्री शाहीन अंजुम, ग्राम सरपंच सुश्री प्रतिमा देवांगन, प्रधानपाठक विनोद शर्मा, पूर्व माध्यमिक शाला की प्रधानपाठक श्रीमती नीतू बागड़े ने भी अपनी भागीदारी दी।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के न्यायाधीश राहुल शर्मा ने कहा कि सोशल मीडिया पर संवेदनशील मुद्दों पर टिप्पणी करने से बचना चाहिए तथा संवेदनशील पोस्ट्स को शेयर भी नहीं करना चाहिए। श्री शर्मा ग्राम समोदा में आयोजित एमजे कालेज के एनएसएस शिविर को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ऐसे पोस्ट, जिससे लोगों की धार्मिक या सामाजिक भावना को ठेस पहुंच सकती है को शेयर नहीं करना चाहिए। बात बिगड़ने पर पुलिस उन सभी लोगों को गिरफ्तार कर सकती है जो ऐसे मुद्दों को आगे बढ़ाकर उसके प्रचार-प्रसार में सहयोगी बनते हैं।
न्यायाधीश ने बच्चों से कहा कि यदि उनके परिवार में घरेलू हिंसा होती है तो उसकी शिकायत करें। लगभग आधे बच्चों ने हाथ उठाकर बताया कि उनके यहां घरेलू हिंसा होती है। खासकर नशे में लौटे लोग अपना गुस्सा बच्चों और बीवियों पर उतारते हैं। सवालोें का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यदि पड़ोसी सार्वजनिक रूप से घरेलू हिंसा करता है तो इससे होने वाली परेशानी के आधार पर स्वयं एफआईआर लिखा सकते हैं। पुलिस सीधे रिपोर्ट न लिखे तो एसपी से सम्पर्क कर सकते हैं। यहां भी बात न बने तो अदालत को आवेदन दे सकते हैं। उन्होेंने बताया कि न्यायालय गरीबों और अमीरों में फर्क नहीं करता। प्रतिदिन दर्जनों केस सुलझाए जाते हैं। सभी बातें मीडिया में नहीं आतीं। इसलिए ऐसा लगता है कि अदालत बड़े लोगों के लिए अलग से प्रावधान करती है। यह सही नहीं है। बच्चों को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हुए उन्होंने कहा कि खेलकूद, सांस्कृतिक गतिविधियां भी करियर बना सकती हैं। उन्होंने बच्चों को खूब मेहनत कर पढ़ने के साथ-साथ इन विधाओं को भी निखारने की बात कही। साथ ही उन्होंने बालकों से कहा कि वे आपस में लड़ाई झगड़े न करें, मामला पुलिस तक पहुंच सकता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता रासेयो कार्यक्रम अधिकरी डॉ जेपी कन्नौजे ने की। समोदा प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक संचालन एनएसएस कैडेट मोनिका ने किया। इस अवसर पर समोदा प्राथमिक शाला के प्रधानपाठक सुरेन्द्र सिंह, पूजा राजपूत, एमजे कालेज से सहा. प्राध्यापक मंजू साहू, विकास सेजपाल एवं दीपक रंजन दास भी उपस्थित थे।
तनाव प्रबंधन में संगीत की भूमिका पर एमजे कालेज एवं एसएस खन्ना गर्ल्स डिग्री कालेज प्रयागराज के बीच फैकल्टी एक्सचेंज प्रोग्राम (एफईपी) का आयोजन किया गया। 24 एवं 25 सितम्बर को इस एफईपी का आयोजन दोनों महाविद्यालयों के बीच हुई समझौता ज्ञापन (एमओयू) के तहत किया गया। खन्ना कालेज इलाहाबाद विश्वविद्यालय का ए ग्रेज महाविद्यालय है।आयोजन के प्रथम दिवस छात्र शिक्षक अंतःक्रिया के फ्लैंडर्स मॉडल पर चर्चा की गई। एसएस खन्ना गर्ल्स डिग्री कालेज शिक्षा संकाय के सहायक प्राध्यापक डॉ वीके सिंह ने इस सत्र को संबोधित किया। उन्होंने इसके विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला तथा प्रतिभागियों के सवालों के जवाब भी दिये। दूसरे दिन तनाव प्रबंधन में संगीत की भूमिका पर चर्चा की गई। इस सत्र को खन्ना कालेज की संगीत शिक्षिका बलदीप कौर ने संबोधित किया। प्रदर्शन-व्याख्यान के द्वारा उन्होंने संगीत के विभिन्न आयामों को रेखांकित किया। यह सत्र बेहद रोचक रहा तथा प्रतिभागियों ने विभिन्न गीतों की फरमाइस की। यह एक बेहद कामयाब सत्र रहा। एसएस खन्ना महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. लालिमा सिंह एवं एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने इस सत्र को एमओयू के विभय पक्षकारों के लिए बेहद उपयोगी बताते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन सांस्कृतिक ताना-बाना को भी मजबूत करते हैं। खन्ना कालेज की आईक्यूएसी प्रभारी डॉ मंजरी शुक्ला एवं एमजे कालेज की आईक्यूएसी प्रभारी अर्चना त्रिपाठी ने क्रमशः पहले एवं दूसरे दिन के कार्यक्रम का संचालन करते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम संयोजक ममता भटनागर ने दोनों महाविद्यालयों के बीच हुए एमओयू का संक्षिप्त विवरण देते हुए इसके तहत अब तक आयोजित किये गये कार्यक्रमों की जानकारी दी।
कॉरपोरेट ट्रेनर डॉ किशोर दत्ता ने आज युवाओं को “ग्लोकल माइंडसेट“ बनाने की अपील की। गुरुग्राम और पुष्कर का हवाला देते हुए उन्होंने अपनी बात को स्पष्ट किया। डॉ दत्ता एमजे कालेज के आईक्यूएसी द्वारा आयोजित ओरिएन्टेशन प्रोग्राम को संबोधित कर रहे थे।
ओरिएन्टेशन प्रोग्राम का आज चौथा दिन था। इसके प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ग्लोबल और लोकल को साथ लेकर चलना होगा। हमें दुनिया से जुड़कर उनके संस्कारों, आचार व्यवहार और भाषा को समझने का प्रयास करना होगा। आज पुष्कर में इजरायली बड़ी संख्या में हैं। यहां के रेस्त्रां के सामने उनकी भाषा हिब्रू में भी इबारत लिखी मिल जाती है। इसी तरह गुरुग्राम में दक्षिण कोरियाई लोग इतनी बड़ी संख्या में हैं कि यहां कोरियाई कई रेस्त्रां खुल चुके हैं। उन्होंने कहा कि ग्लोबल विलेज में हमें अन्य संस्कृतियों और आचार व्यवहार का ज्ञान रखना भी जरूरी है। हमारे यहां शादियों में दीवार घड़ी लेने देने का चलन है पर जापान में इसे अशुभ माना जाता है। दुनिया भर के अपने अनुभवों को साझा करते हुए डॉ दत्ता ने जीवन में लक्ष्य निर्धारित करने तथा निरंतर आगे बढ़ने के लिए बच्चों को प्रेरित किया। महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर के दिशानिर्देशन में आयोजित इस व्याख्यान श्रृंखला के द्वितीय सत्र को फाइन आर्ट्स की प्रशिक्षक संदीप्ति झा ने संबोधित किया। उन्होंने रंग संयोजन की समझ को दैनन्दिन जीवन से जोड़ते हुए अनेक उदाहरणों से उसे स्पष्ट किया। अपने आसपास पड़ी मामूली चीजों का उपयोग कर हस्तकला निर्माण का उन्होंने प्रजेन्टेशन भी दिया। आरंभ में स्वागत भाषण देते हुए वाणिज्य संकाय के सहायक प्राध्यापक दीपक रंजन दास ने अतिथियों का परिचय प्रदान किया। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने डॉ किशोर दत्ता के व्याख्यान को सभी के लिए बेहद उपयोगी बताया। इस अवसर पर आईक्यूएसी प्रभारी अर्चना त्रिपाठी, शिक्षा संकाय की अध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया, शकुन्तला जलकारे, मेघा महाजन, उर्मिला यादव, कम्पूयटर साइंस की विभागाध्यक्ष पीएम अवंतिका, विज्ञान संकाय की प्रभारी किरण तिवारी, रजनी कुमारी, अलका साहू, वाणिज्य संकाय के प्रभारी विकास सेजपाल, सहा. प्राध्यापक दीप्ति मिश्रा, काजोल दत्ता, सहित सभी विभागों के व्याख्याता एवं प्राध्याक उपस्थित थे।
एमजे कालेज के वाणिज्य संकाय की दो छात्राओं ने सीएमए फाउंडेशन क्रैक किया है। बीकॉम पूर्व की छात्रा आस्था सिंह एवं चेतना साहू ने पहली ही बार में यह परीक्षा उत्तीर्ण कर महाविद्यालय को गौरवान्वित किया है। दोनों ही छात्राओं ने इसके लिए अलग से कोई कोचिंग नहीं ली थी। दोनों छात्राओं को आज महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर एवं प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने नवप्रवेशी छात्रों के ओरिएंटेशन प्रोग्राम पारितोषिक देकर बधाई दी एवं आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर इन छात्राओं के मार्गदर्शक विकास सेजपाल का भी सम्मान किया गया। डॉ विरुलकर ने इस अवसर पर कहा कि इन छात्राओं ने महाविद्यालय को गौरवान्वित करने के साथ साथ अन्य छात्रों को यह संदेश भी दिया है कि मार्गदर्शन सही हो और मेहनत ईमानदारी से की जाए तो सफलता मिलकर रहती है। प्राचार्य डॉ चौबे ने कहा कि इन छात्राओं ने महाविद्यालय के अनुभवी प्राध्यापकों पर भरोसा किया और स्वयं कड़ी मेहनत की। उनकी इस सफलता से नव प्रवेशी विद्यार्थियों को प्रेरणा मिलेगी। हम आशा करते हैं कि अगले वर्ष और भी अधिक संख्या में बच्चे इस तरह की सफलताएं अर्जित करें। आस्था एवं चेतना ने इस अवसर पर अपनी सफलता का श्रेय कालेज के प्राध्यापकों, विशेषकर सेजपाल सर को देते हुए कहा कि कोविड लॉकडाउन के बावजूद मिली इस सफलता में कालेज द्वारा संचालित ऑनलाइन कक्षाओं का बड़ा योगदान है। उन्होंने कालेज के वाणिज्य संकाय के प्रभारी विकास सेजपाल के मार्गदर्शन में तैयारी की थी। उन्होंने कोई भी क्लास मिस नहीं किया और घर पर भी अपनी तैयारी जारी रखी। प्राध्यापकों का मार्गदर्शन उनके हौसले को टूटने नहीं दिया। उन्होंने विभाग के प्राध्यापक दीप्ति मिश्रा, काजोल दत्ता, दीपक रंजन दास के प्रति भी आभार जताया।
एमजे कालेज के आईक्यूएसी के तहत आज सेक्टर-2 स्थित आस्था बहुउद्देश्यीय सामाजिक संस्था द्वारा संचालित वृद्धाश्रम वासियों का सहयोग किया गया। महाविद्यालय के प्राध्यापकों की टीम ने यहां पहुंचकर न केवल आश्रम वासियों को वस्त्र दिए बल्कि फ्लोर क्लीनर, बर्तन धोने का लिक्विड एवं कपड़े धोने का लिक्विड साबुन भी दिया।महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर की प्रेरणा एवं महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे के दिशानिर्देशन में सामाजिक कार्य संचालित किया जाता है। आईक्यूएसी प्रभारी अर्चना त्रिपाठी के साथ इस अवसर पर शिक्षा संकाय की अध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया, सहा. प्राध्यापक नेहा महाजन एवं गायत्री गौतम भी उपस्थित थीं। महाविद्यालय द्वारा इस आश्रम को रसोई के लिए प्रतिमाह तीन गैस सिलिण्डरों का सहयोग भी किया जाता है। इसके अलावा आश्रमवासियों की आवश्यकतानुसार दवाओं का सहयोग भी किया जाता है।
आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम में आज एमजे कालेज के विद्यार्थी भी राष्ट्रीय सेवा योजना के बैनर तले शामिल हुए। आयोजन के मुख्य अतिथि सांसद विजय बघेल ने इस अवसर पर कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच है कि युवा स्वस्थ रहे, गतिशील रहे तभी राष्ट्र का सही मायने में विकास हो सकता है। एक शक्तिशाली राष्ट्र बनने के लिए भी यह जरूरी है।सांसद बघेल ने इस अवसर पर युवाओं को देश की एकता एवं अखण्डता तथा स्वयं को शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रहने की शपथ दिलाई। स्वयंसेवकों ने प्रतिदिन अपने स्वास्थ्य के लिए आधा घंटा समय निकालने का वचन दिया। नेवा युवा केन्द्र संगठन नई दिल्ली से इस कार्यक्रम के लिए विशेष रूप से पहुंचे श्री जैन ने कहा कि नई पीढ़ी ने आजादी के लिए हुए संघर्ष को देखा नहीं है। आजादी का हम सब केवल उपभोग कर रहे हैं। प्रधानमंत्री की मंशा है कि हम सभी अपनी आजादी को बनाए रखने तथा देश को और मजबूत करने के लिए सचेतन प्रयास करें। इसके लिए स्वयं को सभी प्रकार से स्वस्थ एवं मजबूत करने की आवश्यकता है। एनएसएस के सभी स्वयंसेवकों ने यहां से एक रैली निकाली। इसे सांसद ने झंडा दिखाकर रवाना किया। पटेल चौक से निकल यह रैली जेल रोड होते हुए पद्मनाभपुर और वहां से सिविल लाइंस होते हुए मालवीय नगर चौक पर पहुंचकर सम्पन्न हो गई। कार्यक्रम का संचालन लोक गायिका रजनी रजक ने किया। इस अवसर पर हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के एनएसएस समन्वयक डॉ आरपी अग्रवाल, जिला संगठक विनय शर्मा, आदि भी उपस्थित थे।
सफलता के लिए ज्ञान, विवेक एवं कौशल तीनों की जरूरत होती है। उक्त बातें आज उत्कल चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष ब्रह्म मिश्रा ने एमजे कालेज के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहीं। इस कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय की आईक्यूएसी द्वारा एमजे कालेज एवं उत्कल चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के बीच हुए समझौता ज्ञापन के तहत किया गया।इस राष्ट्रीय सेमिनार को ऑनलाइन संबोधित करते हुए श्री मिश्रा ने कहा कि हमारे पुराण और इतिहास भी इसी बात के साक्षी हैं। महाभारत युद्ध के दौरान जब महाराज धृतराष्ट्र ने संजय से विरोधी सेना का वर्णन करने को कहा तो उन्होंने धर्मराज युधिष्ठिर के ज्ञान, धनुर्धर अर्जुन के कौशल, गदाधर भीम का बल एवं अन्य योद्धाओं का परिचय भी उनके गुणों के आधार पर दिया। योगेश्वर श्रीकृष्ण, भगवान श्रीगणेश, आदि से जुड़े विभिन्न प्रसंगों का उल्लेख करते हुए उन्होंने अपने वक्तव्य की पुष्टि की। साथ ही युवाओं को समझाइश दी कि वे ज्ञान के साथ साथ कौशल उन्नयन पर भी ध्यान दें। दोनों में निपुण हो गए तो आप सभी बाधाओं को पार कर सकते हैं। आरंभ में महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर के आग्रह पर उन्होंने महाविद्यालय में स्थापित गणपति की पूजा में ऑनलाइन भागीदारी दी। वे आरती में भी शामिल हुए। डॉ श्रीलेखा ने इस अवसर पर उम्मीद जताई कि उत्कल चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के साथ हुआ यह एमओयू विद्यार्थियों के लिए बेहद लाभप्रद साबित होगा। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने ब्रह्मा मिश्रा जी का परिचय प्रदान किया। धन्यवाद ज्ञापन आईक्यूएसी प्रभारी अर्चना त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर शिक्षा संकाय की अध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया, विज्ञान संकाय की प्रभारी पीएम अवंतिका, वाणिज्य संकाय के प्रभारी विकास सेजपाल सहित व्याख्याता, सहा. प्राध्यापक एवं प्राध्यापकों सहित विद्यार्थी ऑनलाइन एवं ऑफलाइन उपस्थित थे।
एमजे कालेज ने आज शासकीय इंदिरा गांधी शासकीय कला, वाणिज्य एवं विज्ञान महाविद्यालय वैशाली नगर के साथ समझौता ज्ञापन किया। एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे तथा आईक्यूएसी प्रभारी अर्चना त्रिपाठी एवं वैशाली नगर कालेज की तरफ से प्राचार्य डॉ अलका मेश्राम एवं आईक्यूएसी प्रभारी डॉ शिखा श्रीवास्तव ने इस पर हस्ताक्षर किये।इस अवसर पर आयोजित संक्षिप्त कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ मेश्राम ने कहा कि सभी महाविद्यालयों में कुछ विशिष्टताएं होती हैं। महाविद्यालयों के साथ आने से हम इन विशिष्टताओं को विद्यार्थी हित में साझा कर सकते हैं जिसका लाभ दोनों महाविद्यालयों को मिलेगा। डॉ चौबे ने इस अवसर पर उम्मीद जताई कि वैशाली नगर महाविद्यालय के वरिष्ठ एवं अनुभवी प्राध्यापकों का लाभ एमजे कालेज को मिल सकेगा। दोनों महाविद्यालय उपलब्ध साधनों एवं संसाधनों का बेहतर उपयोग कर सकेंगे। इस अवसर पर एमजे कालेज के सहा. प्राध्यापक दीपक रंजन दास, वैशाली नगर महाविद्यालय की आईक्यूएसी प्रभारी डॉ शिखा श्रीवास्तव, डॉ कैलाश शर्मा, डॉ संतोष कुमार बोहरे सहित प्राध्यापकगण बड़ी संख्या में मौजूद थे।
आत्महत्या प्रतिरोध दिवस के अवसर पर आज एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने शिक्षक एवं छात्र समुदाय का आह्वान किया कि वे ऐसे दोस्त बनाएं जिनसे वे बात कर सकें, चीजों को शेयर कर सकें। वर्चुअल फ्रेंड हजारों की संख्या में होने का कोई मतलब नहीं है। यदि आप लोगों से जुड़े रहेंगे तो आत्महत्या जैसे विचार मन में आएंगे ही नहीं।डॉ चौबे महाविद्यालय की आईक्यूएसी तथा ड्रामा क्लब “रंगमंच” के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक समस्या का हल होता है। आत्महत्या आखिरी तो क्या किसी भी तरह का समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रेरणा के लिए ऊपर देखें पर उनसे अपनी तुलना न करें। तुलना से असंतोष और फिर अवसाद का रास्ता तैयार होता है। इससे पूर्व एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग की उप प्राचार्य एवं क्लिनिकल साइकोलोजी की प्रोफेसर सिजी थॉमस ने आत्महत्या की रोकथाम के विभिन्न चरणों का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि लोगों से जुड़े रहें और इसकी जानकारी रखें कि आपके परिजनों के जीवन में क्या चल रहा है। शिक्षा संकाय की अध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया ने इस अवसर पर बच्चों को परस्पर जीवंत सम्पर्क बनाए रखने की समझाइश दी। इस अवसर पर “रंगमंच” के बच्चों ने उन परिस्थितियों का जीवंत चित्रण किया जिसके कारण आम तौर पर लोग आत्महत्या करने के लिए दुष्प्रेरित होते हैं। साथ ही उनकी सोच को बदलने और संघर्ष करते हुए जीवन में आगे बढ़ने का संदेश भी दिया। साउंड शो थीम पर खेले गए इस नाटक में शिवा पटेल, पिंकी गुप्ता, मीनाक्षी, निकिता, पंकज, नेहा पटेल, रितु वर्मा, भूमिका, अनुज आदि ने अभिनय कर खूब तालियां बटोरीं। अंत में धन्यवाद ज्ञापन ड्रामा क्लब के संयोजक एवं वाणिज्य संकाय के सहायक प्राध्यापक दीपक रंजन दास ने किया। इस अवसर पर आईक्यूएसी प्रभारी अर्चना त्रिपाठी सहित सभी प्राध्यापकगण मौजूद थे। सभी प्रतिभागियों को उपहार प्रदान किया गया।
एमजे कालेज के कॉमर्स विद्यार्थियों को उत्कल चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (यूसीसीआई), भुवनेश्वर की तरफ से स्किल एंड प्लेसमेंट की ट्रेनिंग दी जाएगी। एमजे कालेज के आईक्यूएसी ने इसके लिए यूसीसीआई के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये हैं। इसके तहत इंडस्ट्रियल विजिट, कंसल्टेंसी और जॉब ट्रेनिंग दी जाएगी। महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर एवं प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने संयुक्त रूप से बताया कि यूसीसीआई के चेयरमैन ब्रह्मा मिश्रा के साथ मिलकर एक विस्तृत रूपरेखा तैयार की गई है। यूसीसीआई द्वारा ओडीशा में उद्योग, व्यापार एवं वाणिज्य के उन्नयन के लिए अनेक माड्यूल तैयार किये गये हैं। इसका लाभ एमजे कालेज के विद्यार्थियों को भी मिलेगा। श्री ब्रह्मा मिश्रा ने बताया कि इस समझौता ज्ञापन के गतिशील होने का लाभ दोनों राज्यों को मिलेगा तथा हम सामाजिक-आर्थिक एवं सांस्कृतिक संबंधों को भी प्रगाढ़ कर पाएंगे।
एमजे कालेज द्वारा संचालित लायन्स क्लब “वामा” की टीम ने आज मदर टेरेसा आश्रम, शांति नगर पहुंचकर वहां के रहवासियों से मुलाकात की। उन्होंने इस अवसर पर आश्रम परिसर में संचालित किचन गार्डन का भी अवलोकन किया। साथ ही आश्रमवासियों को बर्तन और कपड़े धोने का लिक्विड सोप और फ्लोर क्लीनर भी प्रदान किया।
एमजे कालेज की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर के दिशानिर्देशन में आयोजित इस कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे, शिक्षा संकाय की सहायक प्राध्यापक शकुन्तला जलकारे, कम्प्यूटर साइंस संकाय की प्रभारी पीएम अवंतिका, विज्ञान संकाय की प्रभारी किरण तिवारी एवं वाणिज्य संकाय के सहायक प्राध्यापक दीपक रंजन दास भी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि इस आश्रम में 60 से अधिक वृद्ध और असहाय लोगों का वास है। महाविद्यालय द्वारा इस आश्रम का विभिन्न रूपों में सहयोग किया जाता है।
एमजे कालेज में नवप्रवेषित विद्यार्थियों का सात दिवसीय अभिविन्यास (ओरिएंटेशन) आज प्रारंभ हुआ। महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने इस अवसर पर विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे महाविद्यालय के साधनों, संसाधनों एवं अपने प्राध्यापकों का पूरा-पूरा सदुपयोग करें, तभी उनका महाविद्यालयीन जीवन सार्थक होगा। इस महाविद्यालय से निकलकर जब आप कर्मक्षेत्र में प्रवेश करें तो ऐसी छाप छोड़ें कि आपके साथ साथ महाविद्यालय का भी सिर ऊंचा हो सके।आरंभ में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने कहा कि छात्र जीवन का यह संक्रमण काल है। स्कूल से निकलकर आप महाविद्यालय में आ गए हैं। यहां न तो कोई गणवेश है और न ही नोट्स लिखवाकर उसे जांचने वाले। वहां आपको सबक सिखाया जाता था यहां आपको सबक स्वयं सीखना है। इसके लिए महाविद्यालय में उपलब्ध अनुभवी प्राध्यापकों, समृद्ध ग्रंथागार, महाविद्यालय द्वारा संचालित विभिन्न क्लबों, एनएसएस एवं अन्य गतिविधियों में बढ़चढ़ कर भाग लें। यह आपके व्यक्तित्व में निखार लाएगा। फार्मेसी कालेज के प्राचार्य डॉ टिकेश्वर वर्मा ने कहा कि यहां टीचर्स आपके मार्गदर्शक की भूमिका में होते हैं। आप आगे बढ़िए, टीचर्स आपका सहयोग करेंगे। विद्यार्जन की पहल और प्रयास दोनों विद्यार्थियों को करना होगा आपको सारी सहूलियतें देने की जिम्मेदारी आपके महाविद्यालय एवं आपके प्राध्यापकों की है। अंत में वाणिज्य संकाय के सहायक प्राध्यापक दीपक रंजन दास ने विद्यार्थियों को संबोधित किया। उन्होंने बच्चों को अपना कम्फर्ट जोन छोड़कर बाहर निकलने के लिए उत्साहित किया। उन्होंने कहा कि व्यक्तित्व को निखारने में भाषा की अहम भूमिका है। इसलिए किसी एक भाषा पर अच्छी दखल लाने का प्रयास करें। महाविद्यालय ग्रंथागार का भरपूर प्रयोग करें। साथ ही मंच पर खड़े होकर बेझिझक अपनी बात कहने के लिए तैयार रहें। महाविद्यालय आपको इसके अनेक अवसर देगा जिसका सदुपयोग कर आप अपने व्यक्तित्व को निखार सकते हैं। कार्यक्रम का संचालन वाणिज्य संकाय के प्रभारी विकास सेजपाल ने किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन विज्ञान संकाय की प्रभारी किरण तिवारी ने किया।
वाशु भरद्वाज, भिलाई। विज्ञान विषय को आगे बढ़ाने के लिए एमजे कालेज ने इस वर्ष बीएससी के किसी भी कोर्स में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों को भारी छात्रवृत्ति देने का फैसला किया है। महाविद्यालय प्रबंधन के निर्णय के अनुसार सत्र 2021-22 में बीएससी में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों को इसका लाभ मिलेगा। इसके लिए 16.20 लाख रुपए की व्यवस्था की गई है। छात्रवृत्ति का लाभ प्रतिवर्ष दिया जाएगा।
महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर एवं प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने संयुक्त रूप से जारी बयान में बताया कि कोरोना काल में अनेक परिवारों का बजट गड़बड़ा गया है। विद्यार्थियों को फीस जमा कराने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अनेक विद्यार्थी इन्हीं दिक्कतों के चलते प्रायवेट परीक्षा दिलाने का मन बना चुके हैं। ऐसे विद्यार्थियों के सपनों को पूरा करने महाविद्यालय की प्रबंधकारिणी समिति ने यह ऐलान किया है। प्राचार्य डॉ चौबे ने कहा कि यह केन्द्र सरकार की नई शिक्षा नीति के भी अनुकूल है।
दुर्ग विश्वविद्यालय से संबद्ध एमजे कालेज की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने आज ग्राम समोदा में अपने वार्षिक सेवा शिविर प्रारंभ किया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल चौबे एवं समोदा प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक सुरेन्द्र सिंह के आतिथ्य में स्वामी विवेकानन्द एवं नेताजी सुभाषचन्द्र बोस के चित्रों पर माल्यांकन कर शिविर प्रारंभ करने की घोषणा की गई। इस सात दिवसीय शिविर में महाविद्यालय के विद्यार्थी ग्रामीण जीवन के सम्पर्क में रहते हुए सेवा कार्य करेंगे। प्राचार्य डॉ अनिल चौबे ने इसे उभय पक्ष के लिए लाभकारी बताते हुए शिविर में बिताए गए दिनों का पूरा-पूरा लाभ लेने के लिए शिविरार्थियों को प्रेरित किया।
समोदा प्राथमिक शाला की कमलेश्वरी बघेल ने इस अवसर पर शिविरार्थियों का स्वागत करते हुए आशा व्यक्त की कि यह शिविर उनके लिए भी प्रेरक साबित होगा। कार्यक्रम का संचालन एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ जेपी कन्नौजे ने किया। इस अवसर पर एमजे महाविद्यालय की नेहा महाजन, शकुन्तला जलकारे, विकास सेजपाल, दीपक रंजन दास, समोदा स्कूल की पूजा राजपूत भी उपस्थित थीं। बच्चों ने इस अवसर पर गीत एवं कविताएं सुनाईं।
एमजे कालेज में गणतंत्र दिवस की 71वीं वर्षगांठ के अवसर पर विद्यार्थियों ने देशभक्ति से ओतप्रोत रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। इससे पहले महाविद्यालय की निदेशक श्रीलेखा विरुलकर ने ध्वजारोहण कर महाविद्यालय परिवार को गणतंत्र दिवस की बधाई दी। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ अनिल चौबे, प्राचार्य फार्मेसी कालेज डॉ टी कुमार, प्राचार्य कॉलेज आॅफ नर्सिंग सी कन्नम्मल एवं प्राचार्य एमजे स्कूल मुनमुन चटर्जी भी उपस्थित थीं।
महाविद्यालय की निदेशक ने कहा कि सात दशक में सात पीढ़ियां बदल गईं। देश की जरूरतें बदल गईं। समय समय पर संविधान में संशोधन भी किये गये। स्थान-काल और परिस्थितियों के अनुरूप संविधान में होने वाले परिवर्तनों के प्रति हमें जागरूक होना चाहिए। इससे पहले शिक्षा विभाग की प्रभारी डॉ श्वेता भाटिया ने कहा कि 26 जनवरी 1950 को हमने संविधान को अंगीकार किया पर इसकी नींव 26 जनवरी 1930 को ही पड़ चुकी थी। प्राचार्य डॉ अनिल कुमार, सी कन्नम्मल एवं टी कुमार ने संविधान के विभिन्न प्रावधानों का जिक्र करते हुए विद्यार्थियों को गणतंत्र दिवस की बधाई दी। संचालन एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ जेपी कन्नौजे ने किया। धन्यवाद ज्ञापन सहा. प्राध्यापक सौरभ मंडल ने किया। इस अवसर पर सभी फैकल्टी मेम्बर्स एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद थे।
एमजे कालेज के शिक्षा संकाय की छात्राएं चरनीत कौर भामरा (संधु) एवं वर्षा सिंह ने हेमचंद विश्वविद्यालय द्वारा घोषित प्रावीण्य सूची में अपना स्थान बनाया है। ये दोनों छात्राएं बीएड चतुर्थ सेमेस्टर की छात्राएं हैं। चरनीत ने जहां मेरिट में तीसरा स्थान बनाया है वहीं वर्षा सिंह इस सूची के दसवें स्थान पर हैं। महाविद्यालय की निदेशक श्रीलेखा विरुलकर, प्राचार्य डॉ अनिल चौबे एवं शिक्षा संकाय प्रभारी डॉ श्वेता भाटिया ने उन्हें बधाई दी है।महाविद्यालय की निदेशक श्रीलेखा विरुलकर ने बताया कि शिक्षा संकाय का परीक्षा परिणाम हमेशा बेहतर रहा है तथा इसमें उत्तरोत्तर प्रगति हो रही है। चरनीत इससे पहले भी प्रावीण्य सूची टॉप कर चुकी हैं। इस वर्ष विश्वविद्यालय की प्रावीण्य सूची में महाविद्यालय की दो छात्राओं ने स्थान बनाया है। प्राचार्य डॉ अनिल चौबे ने दोनों छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए शिक्षा संकाय के सभी फैकल्टीज को बधाई दी है।
एमजे कालेज का वार्षिक क्रीड़ोत्सव इस वर्ष अनेक रंगों को अपने में समेटे हुए है। एक तरफ जहां घुड़सवारी एवं तीरंदाजी जैसे ईवेन्ट्स को इसमें शामिल किया गया वहीं छात्राओं के लिए हेयर स्टाइल, नेल आर्ट, मेहंदी, नारियल सजाओ आदि प्रतियोगिताएं भी इसमें शामिल की गईं। इसके साथ ही नियमित खेलों में खो-खो, कबड्डी, वालीबाल, रंगोली जैसी प्रतिस्पर्धाएं भी हो रही हैं।
क्रीड़ोत्सव के एक दिन पहले हुए अभ्यास सत्र में महाविद्यालय की निदेशक श्रीलेखा विरुलकर, प्राचार्य डॉ अनिल चौबे, फार्मेसी कालेज के प्राचार्य डॉ टी कुमार, एमजे स्कूल की प्रमुख मुनमुन चटर्जी ने भी घुड़सवारी की। डॉ चौबे एवं डॉ कुमार के साथ ही नर्सिंग कालेज की प्राचार्य सी कन्नम्मल ने तीरंदाजी में भी अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष रीगल एडवेन्चर फाउण्डेशन का भी इस आयोजन में सहयोग लिया गया है। उच्च प्रशिक्षित घुड़सवारों की देखरेख में स्टूडेन्ट्स और फैकल्टी मेम्बर्स घुड़सवारी का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। कुछ छात्र-छात्राओं ने तो घोड़े दौड़ाए भी। हेटर स्टाइलिंग एवं नेल आर्ट में भी छात्राओं ने अच्छा प्रदर्शन किया। विभिन्न क्रीड़ा स्पर्धाओं में प्रतिभागिता के लिए विद्यार्थी जमकर अभ्यास कर रहे हैं। शुक्रवार को क्रीड़ा प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। शनिवार को पुरस्कार वितरण एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ वार्षिकोत्सव सम्पन्न होगा।
एमजे कालेज का 19वां वार्षिक क्रीड़ोत्सव शुक्रवार को सम्पन्न हो गया। इस अंतर महाविद्यालयीन प्रतियोगिता में व्यक्तिगत एवं टीम गेम्स खेले गए। तीरंदाजी में वाणिज्य, खो-खो बालिका में नर्सिंग, वालीबाल बालक में फार्मेसी तथा कबड्डी बालक में फार्मेसी कालेज की टीम विजेता रही। बालिका कबड्डी टीम इवेन्ट का खिताब नर्सिंग महाविद्यालय ने जीत लिया। महाविद्यालय की निदेशक श्रीलेखा विरुलकर के दिशानिर्देश में आयोजित दो दिवसीय क्रीड़ा उत्सव का आज दूसरा दिन था।
तीरंदाजी टीम इवेन्ट में वाणिज्य, फार्मेसी एवं शिक्षा महाविद्यालय ने क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार जीते। व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा में बीएड के आशीष, वाणिज्य के नीतेश सेन एवं नर्सिंग की मुक्ता रक्षित ने क्रमश: प्रथम द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया। खो-खो बालिका में नर्सिंग कालेज प्रथम एवं फार्मेसी कालेज द्वितीय स्थान पर रहा। वालीबाल बालक में फार्मेसी कालेज विजेता तथा नर्सिंग कालेज उपविजेता रहा। कबड्डी बालक में फार्मेसी कालेज विजेता तथा एमजे डिग्री कालेज उपविजेता रहा। बालिका वर्ग में बीएससी नर्सिंग तृतीय वर्ष की छात्राओं ने द्वितीय वर्ष की छात्राओं को पराजित कर खिताब अपने नाम किया। इससे पूर्व गुरुवार को कुछ अन्य प्रतिस्पर्धाएं हुर्इं। रंगोली प्रतियोगिता में बीएड की रोशनी, डी फार्मा की पलक देवांगन तथा बीएससी नर्सिंग की रामेश्वरी ने क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया। मेहंदी में बीएड की मोनिका, बीएससी नर्सिंग की श्वेता तथा कम्प्यूटर साइंस की दिव्या देवांगन ने प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान बनाया। केश सज्जा में बीएससी नर्सिंग की संध्या एवं भारती ने प्रथम तथा द्वितीय स्थान पर कब्जा किया जबकि डी फार्मा की पलक तीसरे स्थान पर रही। नारियल सजाओ प्रतियोगिता में बीएससी नर्सिंग की निर्मला कुमारी, बीकाम के विकास वर्मा एवं डी फार्मा की पलक देवांगन तथा नेल आर्ट में बी फार्मा की अनमोल देवांगन, डी फार्मा की पलक देवांगन एवं बीएड की सिमरन जीत कौर ने क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान बनाया।
पूरे कार्यक्रम के दौरान एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ अनिल चौबे, फार्मेसी कालेज के प्राचार्य डॉ टी कुमार, नर्सिंग कालेज की प्राचार्य सी कन्नम्मल, शिक्षा संकाय की प्रभारी डॉ श्वेता भाटिया तथा कम्प्यूटर साइंस विभाग के प्राध्यापकगण मौजूद थे। रेफरी की भूमिका विकास सेजपाल एवं सेवक देवांगन ने निभाई। डैनियल तमिलसेलवन सभी मैचों के स्कोरर रहे।
एमजे कालेज का 19वां वार्षिकोत्सव ‘अस्त्र-2020’ ऊर्जा से परिपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ सम्पन्न हो गया। बालीवुड थीम पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में विद्यार्थियों ने बॉलीवुड के सात दशकों का सफर बेहद खूबसूरती के साथ प्रस्तुत किया। ‘अस्त्र-2020’ एमजे ग्रुप ऑफ एजुकेशन द्वारा संचालित सभी महाविद्यालयों का संयुक्त वार्षिकोत्सव है। बॉलीवुड के इस सफर को महाविद्यालय वार बांट दिया गया था।
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए महाविद्यालय की निदेशक श्रीलेखा विरुलकर ने कहा कि यह बच्चों का, बच्चों के द्वारा तथा बच्चों के लिए किया गया आयोजन है। यह विद्यार्थियों को भावी जीवन के लिए तैयार करने के साथ ही उन्हें जिम्मदारियां उठाने और लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने विद्यार्थियों तथा छात्र परिषद को इस खूबसूरत आयोजन के लिए बधाई दी। इस अवसर पर एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे, शिक्षा संकाय की प्रभारी डॉ श्वेता भाटिया, फार्मेसी कालेज के प्राचार्य डॉ टी कुमार, नर्सिंग महाविद्यालय की प्राचार्य सी कन्नम्मल, एमजे स्कूल की प्रभारी मुनमुन चटर्जी सहित सभी फैकल्टी मेम्बर्स एवं स्टाफ मौजूद था। बॉलीवुड के इस सफर को महाविद्यालय वार बांट दिया गया था। रेट्रो, गोल्डन एरा, डिस्को और मॉडर्न एरा में विभक्त बॉलीवुड के इस सफर को विद्यार्थियों ने एक अलग अंदाज में पेश किया। 70 के दशक के गीतों ने जहां समां बांधा वहीं कुछ गीतों को हास्य का पुट देते हुए प्रस्तुत कर विद्यार्थियों ने मौसम बदल दिया। कार्यक्रम का खूबसूरत संचालन अजय कुमार पटेल एवं मनीषा दास ने किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन नर्सिंग महाविद्यालय की उप प्राचार्य सिजी थॉमस ने किया।
एमजे कालेज को इलाहाबाद में आयोजित राष्ट्रीय कला एवं संस्कृतिक महोत्सव में द्वितीय पुरस्कार से नवाजा गया है। कालेज को यह पुरस्कार लोकनृत्य वर्ग में दिया गया है। इसमें एमजे कालेज के शिक्षा संकाय की छात्राओं ने भाग लिया था। इस उपलब्धि पर महाविद्यालय की निदेशक श्रीलेखा विरुलकर, प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे तथा शिक्षा संकाय की प्रभारी डॉ श्वेता भाटिया ने बधाई दी है। महाविद्यालय की टीम ने सभी प्रतियोगिताओं में प्रतिभागिता दी तथा छत्तीसगढ़ की खुशबू बिखेरने में सफल रही।
राष्ट्रीय सांस्कृतिक एवं कला महोत्सव ‘मस्ती की पाठशाला’ का आयोजन एसएस खन्ना गल्र्स डिग्री कालेज इलाहाबाद द्वारा किया गया था। महाविद्यालय की टीम प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे एवं सहा. प्राध्यापक शकुन्तला जलकारे के नेतृत्व में इलाहाबाद गई थी। इस टीम में सागर बाघ, ज्योति वर्मा, मोनिका वर्मा, कामेश्वरी वर्मा, नम्रता साहू, टाकेश साहू, पूजा चन्देल, पूजा घोष, आरती पाल, अंजु गुप्ता, अंजु यादव एवं विकास कुमार शामिल थे। दल के सभी सदस्यों ने नृत्य एवं नाटक में हिस्सा लिया। नृत्य में उन्हें दूसरा स्थान प्राप्त हुआ। इसी तरह रंगोली में मोनिका एवं ज्योति, कबाड़ से जुगाड़ और फेस पेंटिंग में सागर बाघ तथा संगीत में आरती, नम्रता, सागर, ज्योति, कामेश्वरी, ललिता खेस एवं मोनिका ने हिस्सा लिया।
एमजे कालेज की टीम ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में आज सेक्टर-4 स्थित मानसिक चुनौतियों से जूझ रहे बच्चों के स्कूल अर्पण की टीचर्स का सम्मान किया। इसके साथ ही इन महिालओं के साथ उन्होंने फूलों की होली खेली और पारितोषक देकर उनकी निष्ठा और समर्पण की सराहना की। फूलों की होली का बच्चों ने भी भरपूर आनन्द लिया। उन्होंने तालियां बजाकर अतिथियों का स्वागत किया और खूब मस्ती की।
महाविद्यालय की निदेशक श्रीलेखा विरुलकर के निर्देश पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे के नेतृत्व में फार्मेसी कालेज के प्राचार्य डॉ टी कुमार, शिक्षा विभाग की अध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया, अर्चना त्रिपाठी, नेहा महाजन, आराधना तिवारी तथा नर्सिंग महाविद्यालय की सुनीता साहू एवं अंजलि चन्द्राकर अर्पण स्कूल पहुंचे। एमजे परिवार अर्पण स्कूल से एक लंबे समय से जुड़ा है। अर्पण स्कूल की संचालक शान्ता नन्दी ने इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार का परिचय अपने यहां के विद्यार्थियों से कराते हुए उनकी प्रगति की जानकारी दी। शान्ता नन्दी ने बताया कि अनेक पालक छात्रावास खोलने की मांग कर रहे हैं पर बीएसपी क्वार्टर में संचालित स्कूल में ऐसा हो पाना संभव नहीं है। संस्था शासन के स्तर पर भी प्रयास कर रही है जिसमें सहयोग की जरूरत है।
एमजे कालेज की निदेशक श्रीमती श्रीलेखा विरुलकर को श्री रमेशचंद्र फाउंडेशन ने छत्तीसगढ़ गौरव सम्मान से नवाजा है। फाउंडेशन 5 राज्यों के 23 से अधिक गांवों के एक लाख बच्चों और उनके परिवारों को लाभांवित करने वाली संस्था है। श्रीमती विरुलकर को यह सम्मान स्वास्थ्य, शिक्षा एवं समाजसेवा के क्षेत्र में उनके विलक्षण कार्यों के लिया प्रदान किया गया है। बीआईटी सभागार में आयोजित समारोह में श्रीमती विरुलकर को यह सम्मान प्रदान किया गया। फाउंडेशन के डॉ राहुल गुलाटी एवं डॉ मानसी गुलाटी के नेतृत्व में आयोजित इस समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखीय कार्य करने वालों का सम्मान किया गया।
श्रीमती विरुलकर ने इस अवसर पर कहा कि काम करना मन को संतोष देता है। सम्मान एक बड़ी जिम्मेदारी है जो आपको और भी बेहतर करने की प्रेरणा देता है। उल्लेखनीय है कि श्रीमती विरुलकर के निर्देशन में डिग्री कालेज, फार्मेसी कालेज, नर्सिंग कालेज, इंफरमेशन टेक्नोलॉजी के पाठ्यक्रमों के अलावा फार्मा कंपनियां संचालित हैं। इसके अलावा वे लायन्स क्लब एवं अर्पण फाउंडेशन सहित विभिन्न ऐसी अनेक संस्थाओं से जुड़ी हैं जो विशेष बच्चों की देखभाल और परवरिश करती हैं। श्रीमती विरुलकर को यह सम्मान मिलने पर महाविद्यालय परिवार ने उन्हें बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
एमजे कालेज के विद्यार्थियों ने आज महाविद्यालय परिसर में अपने प्राध्यापकों एवं महाविद्यालय की निदेशक श्रीलेखा विरुलकर के साथ सूखी होली खेली। शुद्ध गुलाल से खेली गई इस होली में किसी भी तरह के जलरंगों या चूड़ी रंगों का प्रयोग नहीं किया गया। बच्चों ने इस अवसर पर डीजे की धुन पर नृत्य भी किया। महाविद्यालय की निदेशक श्रीलेखा विरुलकर ने इस अवसर पर कहा कि होली रंगों की बौछार के बीच मेल मिलाप का पर्व है। प्राकृतिक रंगों से बने गुलालों से न केवल त्वचा और केश सुरक्षित रहते थे बल्कि इससे कुछ रोगों का भी बचाव होता था। पर मौजूदा दौर के रासायनिक रंगों, खासकर गीलें रंगों से त्वचा के साथ ही आंखों को भी खासा नुकसान होता है। इसलिए शुद्ध गुलाल से सूखी होली खेलकर विद्यार्थियों ने एक अच्छा संदेश दिया है।
इस अवसर पर प्राचार्य डॉ कुबेर गुरुपंच, डॉ टी कुमार, सी कन्नमल, सीजी थॉमस, डॉ श्वेता भाटिया, अर्चना त्रिपाठी, शकुन्तला जलकारे, पंकज सिन्हा, वीके चौबे, आशीष सोनी, सौरभ मंडल, पूजा केशरी, मेघा मानकर, नेहा महाजन, उर्मिला यादव, श्वेता राजपूत, अंजुम शाहीन, रजनी कुमारी, दीपक रंजन दास सहित सभी प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक एवं व्याख्याता मौजूद थे। शिक्षकवृन्द ने इस अवसर पर क्लास फोर स्टाफ को भी गुलाल लगाकर उन्हें होली की शुभकामनाएं दीं।
एमजे कालेज में आज अग्निशमन का मॉक ड्रिल किया गया। इसमें प्राचार्य डॉ कुबेर सिंह गुरुपंच ने अग्निशमन यंत्रों का उपयोग समझाते हुए आग पर नियंत्रण करने का प्रभावी प्रदर्शन किया। उन्होंने परिसर में बोरी और पैकिंग की लकडिय़ों में आग लगाने के बाद अग्नि शमन यंत्र का उपयोग कर उसे बुझाया। इसके बाद नर्सिंग महाविद्यालय एवं फार्मेसी कॉलेज के बच्चों ने भी इस प्रक्रिया को दोहराया। महाविद्यालय की डायरेक्टर श्रीलेखा विरुलकर ने बताया कि ग्रीष्म ऋतु के दौरान तापमान में वृद्धि के कारण सूखी वस्तुओं की ज्वलनशीलता में वृद्धि हो जाती है। शहर सहित आसपास के गांवों से अग्नि दुर्घटना की खबरें आने लगती हैं। महाविद्यालय में बड़ी संख्या में स्थापित लैब एवं वैज्ञानिक उपकरणों की सुरक्षा के लिए अग्नि शमन उपकरण भी लगे हैं। छात्र-छात्राओं को इसका प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे महाविद्यालय परिसर के साथ साथ अपने घर एवं पास पड़ोस को भी अग्नि सुरक्षा के प्रति जागरूक कर सकें। कार्यक्रम के दौरान फार्मेसी कालेज के प्राचार्य डॉ टी कुमार, संदीप धर्मेन्द्र, अख्तर अजीज खान, मेघा मानकर, नर्सिंग महाविद्यालय की प्राचार्य श्रीमती सी कन्नमल, सीमा कश्यप, स्वाति गुलाटी, दीपक रंजन दास, चरनीत कौर संधु, अर्चना त्रिपाठी, सौरभ मंडल, आशीष सोनी एवं अन्य सहायक प्राध्यापक तथा विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
कोरोना के खिलाफ जारी जंग में एक तरफ जहां देश लॉकडाउन में जीवन गुजार रहा है वहीं दूसरी तरफ विद्यार्थियों के हित में उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश पर ऑनलाइन क्लासेस संचालित की जा रही हैं। एमजे कालेज द्वारा भी सेमेस्टर पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन क्लासेस संचालित की जा रही हैं जिसे अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। बड़ी संख्या में विद्यार्थी उत्साह के साथ इसमें भाग ले रहे हैं। विद्यार्थी एवं शिक्षक दोनों ही टेक्नोलॉजी सीख कर स्वयं को अपडेट कर रहे हैं।
संस्था की निदेशक श्रीलेखा विरुलकर ने उच्च शिक्षा विभाग के इस निर्देश का स्वागत करते हुए बताया कि खाली बैठ कर समय काटना वैसे भी मुश्किल होता है। ऑनलाइन क्लासेस के चलते इसका रचनात्मक उपयोग हो पा रहा है। विद्यार्थी एवं शिक्षक दोनों ही टेक्नोलॉजी सीख कर स्वयं को अपडेट कर रहे हैं। प्राचार्य डॉ अनिल चौबे ने बताया कि ऑनलाइन क्लासेस का सभी पक्षों को लाभ हो रहा है। टीचर्स लेक्चर्स को बेहतर ढंग से तैयार कर पा रहे हैं और आत्मावलोकन भी कर पा रहे हैं। ऑडियो विजुअल दोनों का संयुक्त प्रयोग होने के कारण विद्यार्थियों को भी सुविधा हो रही है। उल्लेखनीय है कि एम.कॉम और एम.एससी की सेमेस्टर कक्षाएं चल रही हैं। बीएड और बीबीए की भी कक्षाएं चल रही हैं। सभी लेक्चर्स को संकलित किया जा रहा है जिसका लाभ आगामी सत्रों के विद्यार्थियों के लिए भी किया जा सकेगा।
एमजे कालेज ने कोरोना वायरस पर आॅनलाइन क्विज का आयोजन किया जिसमें देश भर से सैकड़ों विद्यार्थियों ने प्रतिभागिता की। कोरोना एक ऐसी वैश्विक महामारी के रूप में सामने आया है जिसने जीवन की गति को थाम लिया है। न तो इसकी कोई दवा है और न ही वैक्सीन। ऐसे में केवल जागरूकता ही लोगों को बचा सकती है। इसी विषय पर इस क्विज का आयोजन किया गया था। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल चौबे ने बताया कि मई के दूसरे सप्ताह में इस क्विज को प्रारंभ किया गया तथा सोशल मीडिया एवं ईमेल द्वारा लोगों को प्रतिभागिता के लिए आमंत्रित किया गया। इसमें वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के साथ वैकल्पिक उत्तर दिए गए थे। 100 अंकों की इस प्रतियोगिता में सभी प्रतिभागियों को तत्काल डिजिटल सर्टिफिकेट भी प्रदान किया गया।महाविद्यालय की निदेशक श्रीलेखा विरुलकर ने बताया कि हम सभी को ऐसा लगता है कि हम कोरोना के बारे में सबकुछ जानते हैं और लगातार अपडेट भी हो रहे हैं। पर हमारी जानकारी कितनी पुख्ता है, इसका अंदाजा इस प्रतियोगिता में भागीदारी कर लगाया जा सकता है। इसमें कुछ प्रश्न जहां कोरोना वायरस की प्रकृति से जुड़े हैं वहीं कुछ अन्य प्रश्न इस महामारी के आरंभ से लेकर अब तक की उसकी यात्रा से जुड़े हैं। इस आनलाइन क्विज प्रतियोगिता में पहले ही सप्ताह में 700 से अधिक लोगों ने अपनी भागीदारी दी। छत्तीसगढ़ समेत देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले विद्यार्थियों के अलावा शिक्षक, प्राध्यापक एवं दीगर व्यवसाय से जुड़े लोग भी भाग ले रहे हैं। समाचार लिखे जाने तक प्रतिभागियों की संख्या 5 हजार का आंकड़ा पार कर चुकी है।
एमजे कालेज के फार्मेसी विभाग द्वारा शनिवार को एक वेबीनार का आयोजन किया गया। कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ कुमुद उपाध्याय एवं आयुष विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ के प्रोफेसर शेखर वर्मा ने विभिन्न विषयों पर सारगर्भित चर्चा की। वेबीनार में 100 से अधिक विद्यार्थियों, प्राध्यापकों एवं प्राचार्यों ने हिस्सा लिया।
आरंभ में वक्ताओं का स्वागत महाविद्यालय की डायरेक्टर श्रीलेखा विरुलकर ने किया। प्राचार्य डॉ टेकेश्वर कुमार वर्मा ने वक्ताओं का परिचय प्रदान किया। जूम पर आयोजित इस वेबीनार में भागीदारी देने वाले प्रतिभागियों ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए अनेक प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासा को शांत किया। कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रो. कुमुद उपाध्याय ने कहा कि कोविद-19 अनेक चुनौतियों के साथ साथ नए अवसर भी लेकर आया है। शिक्षण के क्षेत्र में आनलाइन अध्ययन के दबाव के चलते प्राध्यापक एवं विद्यार्थी दोनों ही तकनालाजी की शरण में आ गए हैं। यह एक तरह से भविष्य की तैयारी भी है। उन्होंने कहा कि ई-लर्निंग प्लेटफार्म पर आने के कई फायदे हैं। इसमें केवल वक्ता को ही तैयार होकर कैमरे के सामने बैठना पड़ता है। शेष लोग अपने-अपने स्थान से अपनी-अपनी सुविधा के अनुसार वर्चुअल क्लासरूम में हिस्सा लेते हैं। इससे तैयार होने का समय बचता है, कालेज तक जाने में लगने वाले वक्त और खर्च की बचत होती है। हम ऑनलाइन रिसोर्सेस का उपयोग करना सीखते हैं। विद्यार्थी अधिक एकाग्रचित्त होकर लेक्चर अटेंड कर सकता है। सीखने वाला और सिखाने वाला एक दूसरे से मीलों दूर हो सकता है। हालांकि वास्तविक कक्षाओं का अभाव महसूस होता है। अंतर विद्यार्थी चर्चाओं का लाभ नहीं मिल पाता।
वहीं यूनिवर्सिटी कालेज ऑफ फार्मेसी, पं. दीनदयाल उपाध्याय हेल्थ साइंस एंड आयुष यूनिवर्सिटी ऑफ छत्तीसगढ़ के प्रो. शेखर वर्मा ने कहा फार्मा इंडस्ट्री पर कोविड-19 पैंडेमिक के प्रभावों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा प्रादयगी में फार्मेसी से जुड़े लोगों की भूमिका अग्रिम पंक्ति की होती है। चिकित्सक एवं रोगियों की मांग को पूरा करने के लिए रिसर्च, आरएंडडी, ट्रायल, मैन्यूफैक्चरिंग एवं डेलीवरी तक उनकी बड़ी भूमिका रहती है। इन सभी क्षेत्रों में अपार संभावनाएं बनती दिखाई दे रही हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से ई-लर्निंग प्लेटफार्म का भरपूर उपयोग करते हुए अपने ज्ञान को धार देने की सलाह दी। एमजे कालेज के फार्मेसी विभाग के अध्यक्ष डॉ टेकेश्वर कुमार वर्मा ने अंत में दोनों प्राध्यापकों के वक्तव्यों को विद्यार्थियों एवं प्राध्यापकों के लिए बेहद उपयोगी बताते हुए कहा कि इससे उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आई शिथिलता को दूर करने में मदद मिलेगी। उन्होंने दोनों वक्ताओं का धन्यवाद करते हुए सभी भागीदारों को अपनी शुभकामनाएं दीं।
एमजे कालेज के शिक्षा संकाय द्वारा वेब असिस्टेड लर्निंग इन हायर एजुकेशन पर अंतरराष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया। वेबीनार में शिक्षा क्षेत्र के 350 प्रतिभागियों ने अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित की। वक्ताओं ने कहा कि वेब लर्निंग या ई-लर्निंग में कुछ दिक्कतें हो सकती हैं पर इसके फायदे बहुत हैं। यह स्लो एवं फास्ट लर्नर दोनों की जरूरतों को पूरा करता है। हेमचंद विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने कहा कि कोविड-19 के कारण चलते लॉकडाउन के बीच वेब बेस्ट लर्निंग एक मात्र विकल्प के रूप में हमारे सामने है। हम सभी टेक सैवी होने की कोशिश कर रहे हैं। अच्छे से अच्छा मटीरियल तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं। विश्वविद्यालय ने सभी विषयों के सैकड़ों वीडियो लेक्चर्स अपनी वेबसाइट पर अपलोड किये हैं जिसका लाभ छात्र अपनी सुविधा एवं फुर्सत के अनुसार ले सकते हैं।
डॉ श्रीवास्तव ने कहा कि दूरस्थ अंचलों में रहने वाले बच्चों के लिए मोबाइल नेटवर्क एक इशू हो सकता है। स्मार्टफोन का न होना या नेटवर्क का कमजोर होना परेशान कर सकता है। हालांकि यह क्लासरूम टीचिंग का स्थान नहीं ले सकता पर इसका लाभ वे छात्र भी उठा सकते हैं जो किन्हीं कारणों से क्लासरूम आने में असमर्थ होते हैं। यही नहीं इसमें एक ही लेक्चर को बार बार सुना जा सकता है जबकि क्लासरूम टीचिंग में लेक्चर दोहराना संभव नहीं होता।
डाइट की सहा. प्राध्यापक शिशिरकना भट्टाचार्य ने विभिन्न आयुवर्गों के लिए ऑनलाइन टीचिंग पर अपना सारगर्भित वक्तव्य दिया। अनेक सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों के शिक्षण में एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक शाला के बच्चों के लिए शिक्षक की आत्मीयता भी जरूरी होती है जो संभवत: इस विधा से सम्भव नहीं है। पर इससे बड़ी क्लासों के लिए भविष्य के टीचिंग सिनारियो का दरवाजा खुल गया है। हम सभी सीख रहे हैं और तेजी से सीख रहे हैं। यह सफर आगे चलकर काफी महत्वपूर्ण साबित होने वाला है।
अमेरिका के सिएटल से सेल्सफोर्स.कॉम के अरिहंत विरुलकर ने आनलाइन टीचिंग की तकनीकी पर अपना सारगर्भित वक्तव्य दिया। मोबाइल टावर और डोमेस्टिक ब्राडबैण्ड की तकनीकी पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि कोविड-19 के चलते ऑनलाइन टीचिंग लर्निंग की तरफ हमें जबरदस्ती जाना पड़ा है। इसकी पूरी तैयारी आनन फानन में करनी पड़ी है। लोग एक के बाद एक ऐप आजमा रहे हैं। लोग ऐसे ऐप्स भी आजमा रहे हैं जिनकी अभी सुरक्षा जांच तक नहीं हुई है। पर यह आरंभिक अवस्था है जिसपर कुछ ही समय में काबू पा लिया जाएगा। उन्होंने शिक्षण जगत को बधाई देते हुए कहा कि ऑनलाइन लर्निंग मटीरियल में जिस तेजी से वृद्धि हो रही है वह भविष्य में अनेक छात्रों का भला कर जाएगा। उन्होंने कन्टेंट्स की गुणवत्ता पर भी ध्यान देने का आग्रह शिक्षकों से किया।
महाविद्यालय की निदेशक श्रीलेखा विरुलकर ने इस सफल आयोजन के लिए प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे, शिक्षा संकाय की अध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया समेत उनकी पूरी टीम को बधाई दी। वेबीनार का संचालन प्राचार्य डॉ चौबे ने किया। डॉ श्वेता भाटिया ने सभी प्रतिभागियों एवं वक्ताओं का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए अपनी टीम के प्रत्येक सदस्य को बधाई दी।
एमजे कालेज में छठे विश्व योग दिवस पर ऑनलाइन योग का आयोजन किया जा रहा है। प्रतिवर्ष होने वाला यह आयोजन इस वर्ष कोविड-19 एवं सोशल डिस्टेंसिंग के कारण नए फार्मेट में होगा। इस वर्ष योग का प्रशिक्षण राजयोगी मेडिटेशन स्पिरिचुअल वेलफेयर ट्रस्ट द्वारा दिया जाएगा। एमजे कालेज इसी दिन ट्रस्ट के साथ सतत् योग प्रशिक्षण के लिए एमओयू भी करेगा। योगाभ्यास एक दिन पूर्व शनिवार 20 जून को प्रातः 9 बजे प्रारंभ होगा।
कालेज की डायरेक्टर श्रीलेखा विरुलकर ने बताया कि राजयोगी जसविंदर कुमार संधू एवं ध्यान शिक्षक आशीष यादव द्वारा यह प्रशिक्षण दिया जाएगा। कोविड काल में यह स्पष्ट हो चुका है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए बिना सुरक्षित नहीं रहा जा सकेगा। योग एवं ध्यान से न केवल शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है बल्कि मनुष्य की आंतरिक क्षमताओं का भी विकास होता है एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि होती है। इस वर्ष का योग दिवस इसलिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने बताया कि विश्व योग दिवस पर सभी नियमों का पालन करते हुए शनिवार 20 जून को योगाभ्यास किया जाएगा। इसके लिए विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्म का उपयोग किया जाएगा।कालेज की डायरेक्टर श्रीलेखा विरुलकर ने बताया कि राजयोगी जसविंदर कुमार संधू एवं ध्यान शिक्षक आशीष यादव द्वारा यह प्रशिक्षण दिया जाएगा।
हरियर छत्तीसगढ़ योजना के तहत हरियर भिलाई अभियान को सफल बनाने के लिए आज एमजे कालेज परिसर में पौधरोपण किया गया। एमजे कालेज की निदेशक श्रीलेखा विरुलकर ने इस अवसर पर कहा कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान जब प्रदूषण कुछ कम हुआ तो सभी का ध्यान उसकी तरफ गया। यह एक सुखद अहसास था। हमें इस अहसास को दीर्घजीवी बनाना है। हरियाली इसकी पहली शर्त है।
पौधरोपण कार्यक्रम में एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे, फार्मेसी कालेज के प्राचार्य डॉ टिकेश्वर कुमार वर्मा, शिक्षा संकाय की अध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया, अर्चना त्रिपाठी, शकुंतला जलकारे, उर्मिला यादव सहित अनेक सहा. प्राध्यापक एवं व्याख्याता उपस्थित थे। प्राचार्य डॉ चौबे ने ऐसे सभी लोगों से एक-एक फलदार या छायादार वृक्ष अपने घर पर लगाने का आग्रह किया जिनके घर पर्याप्त स्थान हो। जिनके यहां वृक्ष लगाने के लिए पर्याप्त भूमि नहीं है वे सार्वजनिक स्थानों पर पौधरोपण करें और उनकी देखभाल करें।
एमजे कालेज मं छत्तीसगढ़ शासन के आदेशानुसार उच्च शिक्षा विभाग द्वारा महाविद्यालय स्तर पर यूथ फॉर एकात्म निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें 107 छात्रों की सहभागिता रही। प्रतियोगिता के विषयों को चार श्रेणियों में विभाजित किया गया था। ए वर्ग में सतनामी समाज की विशेषताएं, बी वर्ग में छत्तीसगढ़ के किसी एक महापुरुष/संत की प्रेरक जीवनी, सी वर्ग में घासीदास संस्कृति भारत का एकात्मता का आधार है तथा डी वर्ग में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अनुसूचित जाति/जनजाति के विद्यार्थियों के विकास एवं कल्याण के लिए संचालित शैक्षणिक योजनाएं पर निबंध लिखा जाना था। इन वर्गों में क्रमश: 40, 20, 30 और 17 प्रतिभागियों ने निबंध लिखे। विषय विशेषज्ञों द्वारा उक्त निबंधों का मूल्यांकन किया गया। प्रथम से पंचम स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों की सूची संयोजक को प्रेषित की गई है। आयोजन में महाविद्यालय की डायरेक्टर श्रीमती श्रीलेखा विरुलकर, डॉ केएस गुरुपंच, डॉ टिकेश्वर वर्मा, श्रीमती सी कन्नम्मल, वीके चौबे, नोडल अधिकारी संदीप धर्मेन्द्र, प्रवीण कुमार, सूरज श्रीवास्तव एवं मूल्यांकन प्रभारी डॉ वाणी राठौर ने प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं। अंत में विजयी प्रतिभागियों को द्वितीय चरण की प्रतियोगिता के लिए तैयार रहने कहा गया। महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा प्रतिभागियों के लिये विशेष समय देकर तैयारी करवाने की बात कही गई।
एमजे कालेज में अखण्ड भारत की संकल्पना विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। संघ के प्रांत प्रचारक डॉ सुरेन्द्र कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग की अध्यक्ष डॉ अंजनी शुक्ला, संघ के श्री ज्योतिकांत एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी संघ के अध्यक्ष नितेश सिंह, महाविद्यालय की डायरेक्टर श्रीमती श्रीलेखा विरुलकर एवं अध्यक्षता प्राचार्य डॉ कुबेर सिंह गुरुपंच ने की। डॉ सुरेन्द्र ने राष्ट्रीय अखण्डता एवं समरसता का अर्थ समझाते हुए टीवी चैनलों पर आने वाला भारतीय मान्यताओं के अनुसार अमर्यादित धारावाहिकों की चर्चा की। डॉ अंजनी सिंह ने पूर्व के अखण्ड भारत की संकल्पना को साकार करने का आह्वान किया। प्राचार्य डॉ गुरुपंच ने कहा कि भारत की अखण्डता को बनाए रखने के लिए छात्रों को जागरूक होकर आगे आना चाहिए एवं देशसेवा के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। कार्यक्रम में छात्रों द्वारा विचार व्यक्त किया गया जिसमें हिमांशु, विशाल, राहुल आदि ने अपने विचार व्यक्त किये। महाविद्यालय की डायरेक्टर श्रीमती श्रीलेखा विरुलकर ने युवाओं को देश के प्रति समर्पित भावना के साथ काम करने एवं सांस्कृतिक विरासतों को बचाये रखने का आह्वान किया। कार्यक्रम का संचालन सौरभ मंडल एवं आभार प्रदर्शन डॉ जेपी कन्नौजे ने किया। कार्यक्रम में वीके चौबे, डॉ वाणी राठौर, श्रीमती कन्नमल, डॉ टी कुमार, आशीष सोनी, श्रीमती पूजा, श्रीमती चरनीत संधू उपस्थित रहीं।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए एमजे कालेज परिवार ने दूरस्थ इलाकों में स्वच्छता एवं डेंगू के प्रति जागरूकता लाने के लिए अभियान चलाया। महाविद्यालय की डायरेक्टर श्रीलेखा विरुलकर, प्राचार्य डॉ कुबेर गुरुपंच, समन्वयक वीके चौबे के नेतृत्व में महाविद्यालय परिवार ने छावनी, हथखोज, कोसानगर, राजीव नगर आदि क्षेत्रों में जाकर जनसम्पर्क किया।
महाविद्यालय की डायरेक्टर श्रीलेखा विरुलकर ने बताया कि अटलजी को विदाई देने के लिए शुक्रवार को महाविद्यालय में अवकाश था। अत: हमने इस दिन का सदुपयोग किया। स्टाफ के सभी सदस्यों के साथ हमने डेंगू से बचने के उपाय बताने के साथ ही स्वच्छता के लिए भी जनजागरण कर अटली को अपने ढंग से श्रद्धांजलि दी। डेंगू से बचाव के लिए लोगों को घर के आसपास कहीं भी पानी जमा नहीं होने देने की समझाइश दी गई साथ ही सामूहिक रूप से मोहल्ले पर भी नजर रखने को कहा। साथ ही लोगों से अपने जलस्रोतों एवं पात्रों को ढंककर रखने की सलाह दी गई। साथ ही बुखार के साथ सिर दर्द या पेट दर्द होने पर तत्काल किसी अच्छे अस्पताल में जाने की समझाइश दी गई। इस अभियान में महाविद्यालय के पंकज सिन्हा, एनएसएस प्रभारी डॉ जेपी कन्नौजे, डॉ टिकेश्वर वर्मा, डॉ श्वेता भाटिया, अर्चना त्रिपाठी, पंकज सिन्हा, चरनीत संधु, शकुन्तला जलकारे, परविन्दर कौर, अख्तर अजीज खान, मेघा मानकर, आशीष सोनी, बीएल बैनर्जी सहित स्टाफ ने इसमें भागीदारी दी।
एमजे कालेज, जुनवानी रोड में संचालित डीएलएड कोर्स के प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के नतीजे 90 फीसदी रहे। डीएलएड प्रथम वर्ष में अजय कुमार गुप्ता प्रथम, धनेश्वरी द्वितीय एवं सरोजिनी तृतीय रही। वहीं डीएलएड द्वितीय वर्ष में छात्र डागेन्द्र साहू, सरस्वती वर्मा एवं वंदना गुप्ता क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहीं। कालेज की डायरेक्टर श्रीमती श्रीलेखा विरुलकर, प्राचार्य डॉ कुबेर गुरुपंच, डॉ टिकेश्वर वर्मा, डॉ श्वेता भाटिया, अर्चना त्रिपाठी, शकुन्तला जलकारे, चरनीत संधु आदि ने इन बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
एमजे कालेज में आज प्रथम वर्ष में नवप्रवेशित बच्चों के लिए इंडक्शन कार्यक्रम का आयोजन ऑनलाइन किया गया। इसमें बी.कॉम, बीबीए, बीएससी के प्रथम वर्ष में दाखिल विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। कालेज की निदेशक श्रीलेखा विरुलकर ने इस अवसर पर बच्चों से पाठ्यक्रमों के साथ ही अन्यान्य क्षेत्रों से जुड़कर अपने कौशल का विकास करने का आग्रह किया।श्रीमती विरुलकर ने बच्चों का महाविद्यालय में स्वागत करते हुए कहा कि पढ़ने के साथ-साथ महाविद्यालय में होने वाली विभिन्न गतिविधियों में भी वे अपनी सहभागिता दें। इससे न केवल उनके ज्ञान में वृद्धि होगी बल्कि कौशल का भी विकास होगा।कॉलेज के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने विद्यार्थियों से चुनौतियों को अवसर में बदलने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह समय नई तकनीक सीखने एवं उसे मास्टर करने के लिए एक अवसर की तरह सामने आया है।कार्यक्रम में शिक्षा विभाग की अध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया, वाणिज्य विभाग के अध्यक्ष आशीष सोनी, सभी विभागों के सहायक प्राध्यापक एवं अन्य स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम में शामिल सभी बच्चों ने अपना परिचय देते हुए भविष्य में अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रयासरत रहने का संकल्प लिया। कार्यक्रम का संचालन शिक्षा विभाग की सहायक प्राध्यापक गायत्री गौतम ने किया। धन्यवाद ज्ञापन शिक्षा विभाग के सहायक प्राध्यापक एवं एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ जेपी कन्नौजी ने किया।
एमजे कालेज के सामाजिक कार्यों को सराहते हुए आज हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग की कुलपति डॉ अरुणा पल्टा ने सम्मान प्रदान किया। एमजे कालेज को पांचवा सर्वश्रेष्ठ बेस्ट प्रैक्टिसेस अवार्ड प्रदान किया गया। महाविद्यालय की निदेशक श्रीलेखा विरुलकर एवं प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने यह सम्मान एक सादे समारोह में प्राप्त किया।
श्रीमती विरुलकर ने कहा कि महाविद्यालय अपने सामाजिक सरोकारों से कभी पीछे नहीं हटा है। जहां तक संभव हो अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करता है। विशेष लोगों के लिए संचालित संस्थाओं में निरंतर सहयोग करने के अलावा विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का संचालन समय समय पर किया जाता है। विश्वविद्यालय द्वारा की गई सराहना से इन प्रयासों को बल मिलेगा और आगे और भी बेहतर करने की कोशिश की जाएगी। प्राचार्य डॉ चौबे ने महाविद्यालय द्वारा सामाजिक क्षेत्र में चलाए जा रहे विभिन्न प्रकल्पों की जानकारी प्रदान की गई।
एमजे कालेज की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा विधिक सेवा केन्द्र दुर्ग के सहयोग से आयोजित आनलाइन विधिक साक्षता शिविर में प्रतिभागियों को पाक्सो, घरेलू हिंसा, महिला उत्पीड़न आदि से जुड़े कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी गई। इन शिविरों का उद्देश्य विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं जनसाधारण को विभिन्न अपराधों से जुड़े कानूनी प्रावधानों की जानकारी प्रदान करना है। महाविद्यालय की निदेशक श्रीलेखा विरुलकर के संरक्षण में आयोजित इस कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव न्यायाधीश राहुल शर्मा, सेठ रतन चंद सुराना विधि महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक अधिवक्ता आरआर साहू, हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के रासेयो प्रभारी डॉ आरपी अग्रवाल उपस्थित थे।न्यायाधीश राहुल शर्मा ने आनलाइन कार्यक्रम में पाक्सो एक्ट, महिला उत्पीड़न, घरेलू हिंसा तथा बाल अपराध और उनसे जुड़े कानूनी प्रावधानों की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने विद्यार्थियों की शंका का समाधान भी किया। श्री साहू ने अपराधनों पर लगने वाली विभिन्न धाराओं को विस्तार पूर्वक समझाया। उन्होंने विद्यार्थियों के सवालों का जवाब भी दिया। अतिथि वक्ताओं का स्वागत महाविद्यालय की निदेशक श्रीलेखा विरुलकर ने किया। अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने की। संचालन रासेयो प्रभारी डॉ जेपी कन्नौजे ने किया। धन्यवाद ज्ञापन शिक्षा संकाय की अध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया ने किया। कार्यक्रम में अध्यापकगण उर्मिला यादव, शकुन्तला जलकारे, अर्चना त्रिपाठी, सरिता चौबे, मन्जु साहू, ममता एस राहुल, गायत्री गौतम, नेहा महाजन, विद्यार्थीगण मिथिलेश, ज्योति वर्मा, रोशनी आदि का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम में ब़ड़ी संख्या में शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं ग्रामीणों ने भाग लिया।
एमजे ग्रुप ऑफ एजुकेशन की डायरेक्टर श्रीलेखा विरुलकर को जीवा थियोलॉजिकल ओपन यूनिवर्सिटी ने शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पीएचडी की मानद उपाधि प्रदान की है। इसकी घोषणा आज चेन्नई के होटल विजय पार्क में आयोजित समारोह में की गई। श्रीमती विरुलकर एमजे ग्रुप ऑफ एजुकेशन द्वारा संचालित एमजे कालेज, एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग, फार्मेसी कालेज एवं एमजे स्कूल की निदेशक हैं। इसके अलावा वे माँ शारदा सामर्थ्य चैरिटेबल ट्रस्ट एवं अर्पण स्कूल से भी जुड़ी हैं। इसके अलावा वे कई राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय संस्थाओं से जुड़कर समाज के प्रति अपने उत्तरदायित्वों का भी पालन करती हैं।
कोविड-19 के लिए वैक्सीन आ चुका है। जिले में इसके पहले चरण के लिए तीन स्थानों पर तैयारियां की गई हैं। भिलाई में एमजे कालेज को इसका केन्द्र बनाया गया है। आज इसके लिए यहां मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए 25 चुने हुए एएनएम के साथ जिला टीकाकरण टीम ने इस अभ्यास को पूर्ण किया। डिप्टी कलेक्टर दिव्या वैष्णव ने बताया कि आउटरीच के लिए चिन्हित 14 कालेजों में से एमजे कालेज का चयन इस कार्यक्रम के लिए किया गया है। उन्होंने महाविद्यालय में की गई व्यवस्था पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि आज तीन केन्द्रों पर एक साथ मॉकड्रिल किया जा रहा है।
महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ गंभीर सिंह ठाकुर, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ सुदामा चन्द्राकर, डिप्टी कलेक्टर दिव्या वैष्णव का सैनिटाइज करते हुए स्वागत किया। टीकाकरण टीम सुबह ही कॉलेज परिसर में पहुंच गई थी। प्रवेश का स्थान, पहचान ही पुष्टि, सैनिटाइजेशन, टेम्परेचर के बाद टीकार्थियों को एक कक्ष में बैठाया गया। यहां से एक एक कर उन्हें टीकाकरण कक्ष की ओर भेजा गया जहां एक बार उनकी पहचान की पुष्टि कर सूची से मिलान किया गया। मॉक टीकाकरण के बाद उन्हें आधा घंटा ऑब्जरवेशन कक्ष में रोका गया। टीकाकरण पश्चात किसी की तबियत खराब होने पर की जाने वाली व्यवस्था के तहत व्हील चेयर, स्ट्रेचर में बैठाकर पीड़ित को एम्बुलेन्स तक पहुंचाया गया। इसके लिए तीन सुसज्जित एम्बुलेन्स को महाविद्यालय परिसर में ही मौजूद रखा गया था। डिप्टी कलेक्टर दिव्या वैष्णव ने बताया कि आउटरीच के लिए चिन्हित 14 कालेजों में से एमजे कालेज का चयन इस कार्यक्रम के लिए किया गया है। उन्होंने महाविद्यालय में की गई व्यवस्था पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि आज तीन केन्द्रों पर एक साथ मॉकड्रिल किया जा रहा है। सभी स्थानों पर की गई व्यवस्था पर गौर करने के बाद आवश्यक होने पर इसमें कुछ सुधार किये जाएंगे ताकि टीकाकरण का कार्य सुचारू रूप से संपादित किया जा सके।
एक सादे गरिमापूर्ण समारोह में एमजे कालेज की राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई के बी एवं सी प्रमाणपत्रों का वितरण किया गया। महाविद्यालय के रासेयो प्रभारी डॉ जेपी कन्नौजे, आइक्यूएसी प्रभारी अर्चना त्रिपाठी, शिक्षा संकाय की प्रभारी डॉ श्वेता भाटिया सहित अन्य प्राध्यापकगण की उपस्थिति में प्रमाणपत्रों का वितरण किया गया। महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने सभी स्वयंसेवकों को बधाई देते हुए कि सेवा कार्यों को अपने भावी जीवन का हिस्सा बनाने की अपील की।बी सर्टिफिकेट प्राप्त रासेयो स्वयंसेवकों में विकास वर्मा, सागर बाघ, तमेश कुमार साहू, महेन्द्र बघेल, विजय वर्मा, कुशल निर्मलकर, मोनिका वर्मा, ललिता खेस्स, मंजू साहू, उर्वशी साहू, पूजा चंदेल एवं नीतू साहू शामिल हैं। वहीं सी सर्टिफिकेट प्राप्त करने वालों में सुमित रंजन, ज्योति वर्मा तथा जीवन शामिल हैं।
एमजे कालेज की एनएसएस इकाई ने युवा दिवस पर गोद ग्राम बेलौदी में स्वास्थ्य एवं स्वच्छता का सर्वेक्षण किया गया। यहां अधिकांश परिवार कृषि पर आश्रित हैं जबकि अधिकांश परिवारों का कोई न कोई सदस्य निजी या सरकारी नौकरी भी करता है। गांव के अधिकांश लोगों के पास कोई न कोई स्वास्थ्य बीमा है। एनएसएस प्रभारी डॉ जेपी कन्नौजे ने बताया कि गांव में बच्चों एवं बड़ों का पोषण स्तर अच्छा है। साधारण स्वास्थ्य संतोषप्रद है। शिक्षा का स्तर भी अच्छा है तथा अधिकांश परिवारों में दो पीढ़ियां शिक्षित हैं।
गांव में फिलहाल टीकाकरण कार्यक्रम चल रहा है। स्कूल बंद हैं। गांव में कुछ लोगों का कोरोना पाजीटिव आया था जिसमें पंचायत से जुड़े लोग भी शामिल हैं। लॉकडाउन का ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर आंशिक प्रभाव पड़ा है। कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल चौबे के निर्देश पर किया गया था। इस अवसर पर ग्राम सरपंच मुकुंद पारकर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता रोहिणी देशमुख भी उपस्थित थे। गांव के सर्वेक्षण में गई टीम में एनएसएस के वरिष्ठ स्वयंसेवक के अलावा नए सदस्य हिमांशु ठाकुर, मिराज अहमद, शुजाउद्दीन, अनिल, आस्था दुबे, अन्नपूर्णा, आकांक्षा, वन्दिता, सुबी, कल्पना, सिमरन बघेल, दिव्या तथा मानसी, आयुष पण्डा, शामिल थे।
एमजे कालेज परिवार ने गणतंत्र दिवस पर सहिष्णुता का संकल्प लिया। महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने एक कहानी सुनाते हुए स्पष्ट किया कि झगड़े का हल झगड़े से नहीं निकाला जा सकता। हमें एक दूसरे को थोड़ा स्पेस देना होगा, थोड़ा स्थिति को समझना होगा, चीजें खुद-ब-खुद सामान्य हो जाएंगी। वे ध्वजारोहण करने के बाद महाविद्यालय परिवार को संबोधित कर रही थीं। डॉ श्रीलेखा ने कहा कि कोई आपे से बाहर हो रहा हो तो हमें न केवल तटस्थ हो जाना चाहिए बल्कि कुछ ऐसा करना चाहिए कि उसका क्रोध शांत हो। हम निजी जीवन में भी यही गलती करते हैं कि दूसरों को गलत साबित करने की कोशिश करते हैं। इससे बात बिगड़ती ही है, बनती कभी नहीं।
महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने कोविड महामारी के बाद आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि इस सत्र में पहली बार इतनी संख्या में छात्र समुदाय महाविद्यालय परिसर में एकत्र हुआ है। उन्होंने कहा कि कोविड की चुनौती से जूझने में जितनी भूमिका चिकित्सा सेवा प्रदाता या प्रशासन की थी, लगभग उतनी ही बड़ी भूमिका उन वैज्ञानिकों की भी थी जिन्होंने रात दिन मेहनत कर इसका तोड़ निकाल लिया। उन्होंने कहा कि भारत ने विश्व को इस महामारी का हल दिया जो गौरव का विषय है। फार्मेसी कालेज के प्राचार्य डॉ टिकेश्वर कुमार ने गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए कोरोना को हराने में भारत की सफलता की बधाई दी। स्वागत भाषण एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग के प्राचार्य डैनियल तमिलसेलवन ने दिया। नर्सिंग महाविद्यालय की छात्राओं ने देशभक्ति गीत, नृत्य एवं भाषण प्रस्तुत किए। छात्रा सपना ने ‘मेरा मुल्क मेरा देश मेरा ये वतन’ की खूबसूरत प्रस्तुति दी।
एमजे कॉलेज ऑफ नर्सिंग में आज शासन के टीकाकरण विभाग की तरफ से कोविड-19 टीकाकरण का आयोजन किया गया। शासकीय अस्पताल में क्लिनिकल ड्यूटी कर रही सेकण्ड ईयर के स्टूडेन्ट्स को सबसे पहले टीका लगाया गया। टीका लगने के बाद किसी भी छात्रा ने किसी साइड इफेक्ट की शिकायत नहीं की। हालांकि कुछ छात्राओं ने हाथ में भारीपन की शिकायत की है। उल्लेखनीय है कि टीकाकरण टीम ने इससे पहले महाविद्यालय प्रांगण में टीकाकरण कार्यक्रम की मॉक ड्रिल की थी।टीकाकरण दल सुबह ही कॉलेज पहुंच गया था। उनके पास 100 छात्राओं की सूची थी जिन्हें टीका लगाया जाना था। छात्राओं को कोविन टीका लगाया गया है। टीकाकरण अधिकारी ने बताया कि अभी आधा एमएल का डोज दिया जा रहा है। चार सप्ताह या 28 दिन बाद दूसरा डोज दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस टीका का कोई घबराने वाला साइड इफेक्ट अब तक सामने नहीं आया है। छात्राओं के साथ ही कुछ फैकल्टी मेम्बर्स ने भी टीका लगवाया। टीका लगाने के बाद प्रत्येक छात्रा को आधा घंटे तक आब्जर्वेशन में रखा गया और फिर जाने दिया गया।
एमजे कालेज के आईक्यूएसी द्वारा आयोजित वेबिनार में आज एलजीबीटी समुदाय का दर्द छलक कर सामने आ गया। एलजीबीटी समुदाय के लिए एक लंबी लड़ाई लड़कर अपना मुकाम बनाने वाली विद्या राजपूत ने जब अपनी आपबीती बताई तो प्रतिभागी अपने आंसू नहीं रोक पाए। उन्होंने कहा कि इस समुदाय के लोगों को समाज इतना प्रताड़ित करता है कि उनकी पढ़ाई छूट जाती है, भविष्य की तरह ही उनका वर्तमान भी अंधकार में समा जाता है।विद्या ने बताया कि किस तरह वह एक पुरुष शरीर में कैद महिला का जीवन बिता रही थी। घर में, मोहल्ले में, स्कूल में उन्हें लगातार तिरस्कार, अपमान और शारीरिक शोषण का सामना करना पड़ा। पर उन्होंने हौसला नहीं खोया और अपनी लड़ाई लड़ती रहीं। रायपुर के एक होटल से उन्होंने अपना कर्मजीवन शुरू किया और यहीं से उन्होंने अपने जैसी त्रासदी झेल रहे लोगों को एक बैनर के नीचे लाना शुरू किया। 2009 में उन्होंने अपनी संस्था मितवा का गठन किया। उन्होंने कहा कि समाज के रवैया के कारण उनके समुदाय के लोग अपनी शिक्षा नहीं पूरी कर पाते। अल्पायु में ही यौन शोषण और उत्पीड़न का शिकार होने लगते हैं और यही उनकी जीवन हो जाता है। ट्रेनों-बसों में भीख मांगना ही उनका मुख्य काम बन जाता है। यदि समाज उनके प्रति अपना रवैया बदले और उन्हें अपनी शिक्षा पूरी करने का अवसर दे तो वे स्वतंत्र रूप से अपनी आजीविका चला सकते हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार का शुक्रिया अदा किया जिसने एलजीबीटी समुदाय के लोगों के लिए पुलिस की नौकरी का रास्ता खोल दिया है। उम्मीद है कि इसस इस समुदाय के लोगों का शोषण उत्पीड़न कम हो पाएगा। वेबीनार की अन्य वक्ता शंकर यादव ने भी अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि पग-पग पर इस समुदाय के लोगों की राह में इतने कांटे बिछाए जाते हैं कि आगे बढ़ना उनके लिए बेहद कठिन हो जाता है। स्थिति में कोई सुधार तब तक नहीं हो सकता जबतक कि हम समाज को इस दिशा में शिक्षित नहीं करते। बराबरी का अवसर मिलने पर हम भी अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन कर सकते हैं। इस वेबीनार का आयोजन सेन्सीटाइजेशन प्रोग्राम के तहत महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर के निर्देश एवं प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे के मार्गदर्शन में किया गया। शिक्षा संकाय की विभागाध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया की इसमें अहम भागीदारी रही। कार्यक्रम का संचालन शिक्षा संकाय की सहा. प्राध्यापक गायत्री गौतम ने किया। वेबीनार में सौ से भी ज्यादा प्रतिभागी शामिल हुए।
एमजे कालेज के कॉमर्स एवं मैनेजमेन्ट संकाय, विज्ञान संकाय एवं कम्प्यूटर साइंस संकाय की पालक शिक्षक समिति की बैठक आज ऑनलाइन सम्पन्न हुई। बैठक में 200 से अधिक पालकों ने अपनी भागीदारी दी। बैठक में ऑनलाइन क्लासेस की कनेक्टिविटी की समस्या छाई रही हालांकि कुछ रचनात्मक सुझाव भी आए।महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने इस वर्ष की परिस्थितियों की चर्चा करते हुए परीक्षाओं से जुड़ी संभावनाओं की चर्चा की। उन्होंने कहा कि परीक्षाएं ऑनलाइन हों या ऑफलाइन दोनों के लिए ही तैयारियां लगती हैं। इसलिए बच्चे पूरी तरह से तैयार रहें इसकी चिंता महाविद्यालय के साथ साथ पालकों को भी करनी होगी।
पालकों ने सुझाव दिया कि उनका भी एक सोशल मीडिया ग्रुप बना दिया जाए जिसमें सूचनाओं के साथ ही रचनात्मक सुझाव भी दिये जा सकें। उन्होंने छात्र हित में महाविद्यालय से सतत् सम्पर्क बनाए रखने का आश्वासन भी दिया।
आरंभ में वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग के प्रभारी विकास सेजपाल ने स्वागत भाषण दिया। विज्ञान संकाय की प्रभारी श्रीमती किरण तिवारी, कम्प्यूटर साइंस विभाग की प्रभारी सुश्री अवंतिका ने अपने अपने विभाग से जुड़े प्रश्नों का जवाब दिया। बैठक में वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग से दीप्ति मिश्रा, काजोल दत्ता, कम्प्यूटर साइंस विभाग से अलका साहू ने भी सक्रिय योगदान किया।
इस अवसर पर पालक शिक्षक समिति की भी घोषणा की गई। अध्यक्ष पद पर श्रीमती संतोषी पाण्डेय, उपाध्यक्ष पद पर श्रीमती किरण तिवारी, सचिव पद पर श्रीमती माधुरी दुबे तथा सदस्यों में श्रीमती दीप्ति मिश्रा, श्रीमती निर्मला जायसवाल, श्रीमती चैन चौधरी को मनोनीत किया गया है।
एमजे कालेज की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा नशा उन्मूलन पर उन्नत भारत अभियान के तहत एक चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन ऑनलाइन किया गया। महात्मा गांधी की पुण्य तिथि के उपलक्ष्य में आयोजित इस प्रतियोगिता में 50 से अधिक बच्चों ने भागीदारी दी। सर्वश्रेष्ठ पेंटिंग्स को पुरस्कृत किया गया। सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट प्रदान किया गया। राष्ट्रीय सेवा योजना प्रभारी डॉ जेपी कन्नौजे ने बताया कि प्रतियोगिता का पहला पुरस्कार श्रीयांजली पाणिग्रही को तथा दूसरा एवं तीसरा पुरस्कार क्रमशः अदिति रामटेके एवं प्रेरणा वर्मा को प्रदान किया गया। ऑनलाइन आयोजित इस प्रतियोगिता में सभी प्रतिभागियों को ई-सर्टिफिकेट प्रदान किया गया।
एमजे कालेज के शिक्षा संकाय द्वारा पेंटिंग एवं क्राफ्ट की कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला 2 मार्च से 16 मार्च तक चलेगी। इस दौरान बीएड प्रशिक्षु राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस, धूम्रपान निषेध दिवस एवं राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के उपलक्ष्य में विशेष वॉल पेंटिंग बनाए जाएंगे। महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर के निर्देशन में आयोजित इस कार्यशाला में बीएड प्रशिक्षु 4-4 के समूह में अलग अलग कृतियों का निर्माण करेंगे।
शिक्षा संकाय की प्रभारी डॉ श्वेता भाटिया ने बताया कि फाइन आर्ट्स प्रशिक्षक संदीप्ति झा यह प्रशिक्षण दे रही हैं। इस कार्यशाला का उद्देश्य विशेष दिवसों के महत्व से विद्यार्थियों को परिचित कराने के साथ ही उनका कौशल विकास करना भी है। आईक्यूएसी प्रभारी अर्चना त्रिपाठी ने बताया कि यह कला भविष्य में विद्यार्थियों के काम तो आएगी ही उन्हें रचनात्मकता से भी जोड़े रखेगी। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने प्रशिक्षुओं को अपनी शुभकामनाएं देते हुए उम्मीद जताई कि यह कालेज परिसर एवं विद्यार्थियों के बीच एक प्रगाढ़ बंधन का निर्माण करेगा। न केवल बच्चे दीवारों पर बनी अपनी पेंटिंग्स को याद रखेंगे बल्कि महाविद्यालय भी उनके इस योगदान को याद रखेगा।
तेजी से बढ़ रहे सॉफ्टवेयर उद्योग से विद्यार्थियों को जोड़ने के लिए एमजे कालेज में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर के निर्देश पर आयोजित इस कार्यक्रम में सॉफ्टवेयर डेवलपर नारायण सिंह नेताम ने सॉफ्टवेयर निर्माण प्रौद्योगिकी एवं उसके विभिन्न पहलुओं से बच्चों को अवगत कराया।
लगभग दो घंटे चली इस संगोष्ठी में सॉफ्टवेयर एथिक्स और उससे जुड़े विभिन्न पहलुओं की चर्चा की गई। श्री नेताम ने बताया सॉफ्टवेयर की आवश्यकता तय हो जाने के बाद उसे डिजाइन किया जाता है, फिर उसका विकास किया जाता है और विभिन्न चरणों में उसका परीक्षण किया जाता है। इसके बाद उसे काम पर लगाया जाता है तथा टेक्नीकल सपोर्ट प्रदान किया जाता है। देखने सुनने में यह जितना आसान लगता है, उतना है नहीं। ग्राहक की जरूरत के हिसाब से कम से कम समय में सॉफ्टवेयर को तैयार करना होता है, उपयोग की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होती है साथ ही किसी भी प्रोसेस में आने वाली दिक्कत को दूर करने के लिए टेक्नीकल सपोर्ट देना होता है। श्री नारायण ने बताया कि सॉफ्टवेयर उद्योग को दो तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। आंतरिक चुनौतियों में जहां समय पर गुणवत्तापूर्ण उत्पाद तैयार करना होता है वहीं बाह्य कारणों में शासन के निर्देश, नई घोषणाएं, बजट का सिमटना आदि कारक हो सकते हैं। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने संगोष्ठी के लिए कम्यूटर साइंस विभाग को बधाई देते हुए इसे विद्यार्थियों के लिए बेहद उपयोगी और प्रेरणास्पद बताया। कम्प्यूटर विभाग की पीएम अवंतिका, रजनी कुमारी, अलका साहू, किरण तिवारी ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। संगोष्ठी में महाविद्यालय के फैकल्टी एवं बीसीए और डीसीए के 100 से अधिक विद्यार्थी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए शामिल हुए।
एमजे कालेज के वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग द्वारा आज ऑनलाइन कैम्पस इंटरव्यू का आयोजन किया गया। महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर के निर्देश पर आयोजित इस कैम्पस ड्राइव में 19 विद्यार्थियों ने भाग लिया। इनमें से 4 विद्यार्थियों का चयन दूसरे चरण के लिए किया गया है। इस ड्राइव में बीसीए की छात्रा कुक्कू सिंह एवं आएशा जोसेफ का चयन कर उन्हें नियुक्ति पत्र प्रदान कर दिया गया है।महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने बताया कि टेक्नो टास्क साल्यूशन द्वारा इस कैम्पस इंटरव्यू का आयोजन किया गया था। कैम्पस इंटरव्यू के पहले चरण में 19 बच्चों ने हिस्सा लिया। 4 बच्चों का चयन दूसरे चरण के लिए किया गया है। इंटरव्यू में भाषा कौशल, कम्प्यूटर की जानकारी, टाइपिंग स्पीड संबंधी सवाल पूछे गए। इस ऑनलाइन ईवेन्ट का संचालन वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग के प्रभारी विकास सेजपाल ने किया। तकनीकी पक्ष में सेवक देवांगन ने सहयोग किया।
एमजे कॉलेज ऑफ नर्सिंग की छात्रा भावना बघेल को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) रायपुर में नर्सिंग अफसर के पद पर नियुक्त किया गया है। भावना इस महाविद्यालय की 2016 की पासआउट है। आरंभ से ही मेधावी भावना की पहचान महाविद्यालय में भी एक मेहनती और समर्पित छात्रा की रही है। महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने भावना को उसकी सफलता पर बधाई दी है।नियुक्ति पत्र मिलने पर भावना सबसे पहुंची तथा कॉलेज परिवार के साथ अपनी खुशी को साझा किया। भावना इससे पहले बालको मेडिकल सेंटर रायपुर में पदस्थ थीं। प्राचार्य डैनियल तमिल सेलवन, उप प्राचार्य सिजी थॉमस एवं एडमिन अफसर पंकज सिन्हा ने भावना को इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। साथ ही उन्होंने कहा कि महाविद्यालय परिवार हमेशा उनके साथ है।
एमजे कालेज कोविड केयर में अपनी भूमिका सुनिश्चित करने पीड़ितों को निःशुल्क ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर मशीन उपलब्ध करा रहा है। इसकी घोषणा हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के छठवें स्थापना दिवस पर की गई। कुलपति डॉ अरुणा पल्टा ने महाविद्यालय के इस कदम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए इसे अन्य महाविद्यालयों के लिए अनुकरणीय बताया। उन्होंने एमजे कालेज द्वारा उपलब्ध कराए गए दो कंसेन्ट्रेटर मशीनों का लोकार्पण किया।ऑनलाइन आयोजित इस समारोह में महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने बताया कि कंसेन्ट्रेटर मरीजों के लिए निःशुल्क उपलब्ध होगा। उन्हें केवल कन्ज्यूमेबल का खर्च वहन करना होगा जो 300 रुपए प्रतिदिन तक हो सकता है। उन्होंने विश्वविद्यालय के सहयोग के लिये धन्यवाद देते हुए कहा कि सामाजिक उत्थान के लिए एमजे कॉलेज हमेशा प्रतिबद्ध है। समारोह में कुलसचिव डॉ सीएल देवांगन, प्राचार्यों, प्राध्यापकों तथा विवि के अधिकारी-कर्मचारियों के साथ ही 600 शोधार्थी शामिल हुए।
एमजे कालेज के एलुमनाई एसोसिसएशन के सप्ताहव्यापी ऑनलाइन वर्कशॉप आज प्रारंभ हुआ। पहले दिन की वक्ता के रूप में श्री शंकरा विद्यालय सेक्टर-10 की टीचर चरणीत कौर ने लैंग्वेज सीखने के गुर बताए। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ प्रशांत श्रीवास्तव उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि थे। महाविद्यालय की डायरेक्टर डॉ श्रीलेखा विरुलकर एवं प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। मुख्य अतिथि ने सबसे पहले एमजे कालेज परिवार को कोरोना महामारी के इस दौर में जनहित में निःशुल्क ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर उपलब्ध कराने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि इन विषम परिस्थितयों में हम सभी को अपनी अपनी क्षमता के अनुसार अपना योगदान देना चाहिए। एलुमनाई एसोसिएशन द्वारा महाविद्यालय के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिए जाने का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि यह दूसरे महाविद्यालयों को भी ऐसे आयोजनों के लिए प्रेरित करेगा। डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने कहा कि एलुमनाई एसोसिएशन का गठन एवं महाविद्यालय में उनका योगदान नैक मूल्यांकन के लिए भी जरूरी है। जरूरी नहीं कि सभी एलुमनाई धनराशि से अपना योगदान दें। विशेष प्रतिभा समपन्न पूर्व छात्र अपनी-अपनी विधा का प्रशिक्षण देकर भी महाविद्यालय में शिक्षण की गुणवत्ता को बढ़ा सकते हैं। महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा ने एलुमनाई एसोसिएशन के इस प्रयास की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसके दूरगामी परिणाम होंगे। प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने मुख्य अतिथि का परिचय प्रदान करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा को स्पष्ट किया। इस सात दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला के दूसरे दिन कल्याण महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक अजय कुमार साहू, तीसरे दिन नागेश्वर साहू, चौथे दिन आराधना तिवारी, पांचवे दिन भूमिका डांगे, छठवें दिन जितेन्द्र कुमार सिन्हा तथा सातवें दिन शहनाज एवं यामिनी निषाद अलग-अलग विषयों पर प्रशिक्षण प्रदान करेंगी। कार्यक्रम का संचालन शिक्षा विभाग की सहा प्राध्यापक मंजू साहू ने किया। इस अवसर पर शिक्षा विभाग की प्रभारी डॉ श्वेटा भाटिया, वाणिज्य विभाग के प्रभारी विकास सेजपाल सहित सभी विभागों के सहायक प्राध्यापक एवं भूतपूर्व छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
एमजे कालेज एलुमनाई एसोसिएशन द्वारा जारी सप्ताहव्यापी व्याख्यानमाला के तीसरे दिन आज पूर्व छात्र नागेश्वर प्रसाद साहू ने सक्रिय शिक्षण विधि की अवधारणा को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि यह शिक्षण प्रक्रिया में विद्यार्थियों का सक्रिय सहयोग प्राप्त करने की कला है। इससे न केवल विद्यार्थी विषय से जुड़ा रहता है बल्कि उसकी रुचि भी बढ़ती है।सक्रिय शिक्षण की विभिन्न परिभाषाओं को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी विषय में बच्चों की रुचि को बनाए रखने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। पाठ के बीच-बीच में छोटे-छोटे प्रश्न पूछे जा सकते हैं जिनका उत्तर एक शब्द या दो शब्द में दिया जा सके। जब भी उदाहरण दें तो उसे स्थानीय बनाने का प्रयास करें। इससे बच्चों को समझने में आसानी होगी तथा वे विषय से जुड़ाव महसूस करेंगे। उन्होंने अंकों के कुछ चमत्कारी खेल भी बताए जिसके माध्यम से बच्चों को मानसिक तौर पर सक्रिय रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि आम तौर पर व्यक्ति अपनी रुझान के अनुसार मस्तिष्क के दाएं या बाएं आधे का उपयोग करता है। शिक्षण विधि में भिन्नताओं का उपयोग कर हम विद्यार्थियों को मस्तिष्क के दोनों भागों का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित कर सकते हैं। महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर की प्रेरणा से आयोजित इस कार्यक्रम में शिक्षा संकाय की प्रभारी डॉ श्वेता भाटिया समेत सभी प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में मौजूद थे। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने इसे शिक्षा संकाय के सभी विद्यार्थियों एवं प्राध्यापकों के लिए उपयोगी बताते हुए कहा कि सफल शिक्षक बनने के लिए विषय ज्ञान के साथ साथ इन विधाओं पर भी दखल होना जरूरी है। आरंभ में एलुमनाई एसोसिएशन की प्रभारी सहायक प्राध्यापक मंजू साहू ने एलुमनाई वक्ता का परिचय प्रदान किया।
एमजे कालेज द्वारा राष्ट्रीय सेवा योजना के सहयोग से आयोजित अंतरमहाविद्यालयीन स्पर्धा में दुर्ग जिले के अनेक महाविद्यालयों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। बच्चों ने पृथ्वी के दर्द को उकेरती तस्वीरें बनाईं तथा भावपूर्ण कविता द्वारा धरती मां की तकलीफों को बयां किया। महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर के निर्देशन में आयोजित इस प्रतियोगिता में शिक्षा संकाय की प्रभारी डॉ श्वेता भाटिया, एनएसएस प्रभारी डॉ जेपी कन्नौजे तथा आईक्यूएसी प्रभारी अर्चना त्रिपाठी ने निर्णायक की भूमिका निभाई। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने कहा कि पृथ्वी दिवस पर घोषित इस प्रतियोगिता का उद्देश्य विद्यार्थियों को पर्यावरण से जोड़कर उन्हें प्रकृति संवेदनशील बनाना था। हम तभी तक पृथ्वी पर जीवित हैं जब तक इसका पर्यावरण संतुलित है। कार्यक्रम प्रभारी डॉ कन्नौजे ने बताया कि प्रतियोगिता में प्रथम स्थान एमजे कालेज के मिथिलेश कुमार, द्वतीय पुरस्कार साई कालेज के विमल कुमार एवं तृतीय पुरस्कार एमजे कालेज की उर्मिला कुशवाहा ने हासिल किया है। सांत्वना पुरस्कार प्रियंका पैकरा को दिया जाएगा।
तपती दोपहरी में काम कर रहे दिहाड़ी मजदूरों को डीहाइड्रेशन से बचाने के लिए एमजे कालेज के वामा क्लब ने उन्हें एनर्जी ड्रिंक पिलाया। साथ ही उन्हें अपने शरीर में पानी की मात्रा को बनाए रखने के लिए उपायों की जानकारी दी। महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर की प्रेरणा से आयोजित इस कार्यक्रम में वामा क्लब के सदस्यों ने शिरकत की।रविवार 16 मई को एमजे कॉलेज एवं वामा क्लब की अन्नपूर्णा योजना के तहत यह कार्यक्रम किया गया। वामा क्लब द्वारा निर्माण कार्य में लगे मजदूरों को शीतल पेय का वितरण किया गया, जिससे उन्हें इस भीषण गर्मी में शीतलता मिल सके। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे, वामा क्लब की प्रभारी अर्चना त्रिपाठी, विकास सेजपाल, दीप्ति मिश्रा, शकुंतला जलकारे, पंकज सिन्हा, दीप्ति मिश्रा, अलका साहू की उपस्थिति रही। महाविद्यालय की डायरेक्टर ने इस कार्य की सराहना की।
तेजी से बढ़ती इंटरनेट की दुनिया को ध्यान में रखते हुए एमजे कालेज के आईक्यूएसी तथा विमेन सेल के संयुक्त तत्वावधान में एक वेबीनार का आयोजन किया गया। राजनांदगांव जिला पुलिस की डीएसपी सुरेशा चौबे वेबीनार की मुख्य वक्ता थीं। महाविद्यालय की डायरेक्टर डॉ श्रीलेखा विरुलकर के निर्देशन में आयोजित वेबीनार की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने की।आईक्यूएसी प्रभारी अर्चना त्रिपाठी, शिक्षा संकाय की प्रभारी डॉ श्वेता भाटिया सहित अन्य प्राध्यापकों की उपस्थिति में आयोजित इस वेबीनार को संबोधित करते हुए डीएसपी सुरेशा चौबे ने कहा कि आज अधिकांश लोग इंटरनेट पर अपना काफी समय गुजार रहे हैं। अध्ययन, अध्यापन के लिए तो इसका उपयोग हो ही रहा है साथ ही वाणिज्यिक गतिविधियों का संचालन भी इसके माध्यम से हो रहा है। आजकल अधिकांश बिलों की भुगतान किसी न किसी ऐप के जरिए हम सीधे अपने खाते से कर रहे होते हैं। इसके अलावा सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भी हमारी सक्रियता बढ़ी है। इसने जहां जिन्दगी को आसान बना दिया है वहीं इसके खतरनाक पहलू भी हैं। सोशल मीडिया का उपयोग करते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखने की उन्होंने जरूरत बताई। उन्होंने विभिन्न उदाहरणों के द्वारा स्पष्ट किया कि किस तरह साइबर अपराधी हमें परेशान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अधिकांश लोग लोकलाज के भय से इन घटनाओं की सूचना साइबर सेल को नहीं देते पर इससे न केवल अपराधी के हौसले बढ़ते हैं बल्कि कभी कभी आगे चलकर बड़ी मुसीबतें भी खड़ी हो जाती हैं। बैंकिंग और लेन देन संबंधी व्यवहार के मामले में सचेत करते हुए उन्होंने कहा कि ऐप के माध्यम से भुगतान करने वालों को अपने खाते के बैलेंस को समय समय पर चेक करते रहना चाहिए। किसी भी तरह की अवांछित गतिविधि पाये जाने पर तत्काल उसकी सूचना संबंधित बैंक एवं पुलिस को देनी चाहिए। समय पर सूचना देने पर आप बड़े नुकसान से बच सकते हैं। कार्यक्रम का संचालन गायत्री गौतम ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ श्वेता भाटिया ने किया।
एमजे कॉलेज में आज कोविड के बाद उभरी स्थिति पर हाईटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल की कोविड टीम के साथ एक पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया। एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग द्वारा आयोजित इस परिचर्चा को संबोधित करते हुए विशेषज्ञों ने ब्लैक फंगस के लिए कॉकटेल थेरेपी को जिम्मेदार मानने से साफ इंकार कर दिया। विशेषज्ञों ने कहा कि हाइटेक में 2500 से अधिक कोविड इन-पेशेन्ट्स का इलाज किया गया पर किसी को भी ब्लैक फंगस का संक्रमण नहीं हुआ। उन्होंने इसके कारणों को स्पष्ट करने की कोशिश की।“कॉकटेल थेरेपी” पर परिचर्चा के सूत्रधार डॉ अपूर्व वर्मा के सवालों का जवाब देते हुए श्वांस रोग विशेषज्ञ डॉ प्रतीक कौशिक ने कहा कि कोविड की कोई दवा नहीं है। विभिन्न अंगों पर कोविड के प्रभाव की कोई ठोस जानकारी नहीं है। हम केवल कोविड से प्रभावित अंगों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। इसमें एंटीबायोटिक, स्टेरॉयड, एंटीफंगल सभी दवाइयों का इस्तेमाल किया जा रहा है जिसे “कॉकटेल थेरेपी” कहा जाता है। इसमें डोज और टाइमिंग महत्वपूर्ण होता है। हमने कोविड के 2500 से अधिक भर्ती मरीजों तथा 5000 से अधिक ओपीडी मरीजों का इलाज किया पर यह समस्या किसी में नहीं देखने में आई। डॉ कौशिक ने कहा कि कोविड का दूसरा दौर पहले से भी ज्यादा भयावह था। संभवतः म्यूटेशन के कारण हॉस्पिटल स्टे और मृत्यु दोनों में इजाफा हुआ। पहले जिन दवाओं से हम मरीजों को 5-7 दिन में ठीक कर पा रहे थे, दूसरे दौर में वे दवाइयां उतनी असरदार नहीं रहीं। मरीजों को ठीक होने में 21 से 45 दिन तक का समय लगने लगा। मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ राजेश सिंघल ने बताया कि म्यूकॉर हमेशा वातावरण में रहता है पर वह इतना कमजोर है कि हमारे शरीर पर कोई असर नहीं कर पाता। कोविड के कारण शरीर कमजोर हुआ, रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हुई तो इसने दबोच लिया। समस्या इसलिए और बढ़ गई कि शासन के निर्देशों के बावजूद ओवर द काउंटर दवाइयों की बिक्री जारी रही। लोगों ने दवाइयों का मनमाना प्रयोग किया और खुद को खतरे में डाल लिया। ऑक्सीजन देने में भी लापरवाही हुई। कहीं एक ही ऑक्सीजन किट से लगातार कई-कई दिनों तक ऑक्सीजन दिया जाता रहा, कहीं हम्यूडिफायर में अमानक पानी का उपयोग किया गया। एक अन्य सवाल के जवाब में रेटीना सर्जन डॉ छाया भारती ने कहा कि म्यूकॉर नाक से शुरू होकर सायनस और वहां से आंख और मस्तिष्क तक पहुंच सकता है। यह फेफड़े तक भी पहुंच सकता है। आंखों में संक्रमण होने पर यह भीतर ही भीतर फैलने लगता है जिससे आंखों के पीछे दबाव बनता है और आंखें बाहर की ओर उभरने लगती हैं। यहां तक कि आंखों को बंद करना मुश्किल हो जाता है। ऑप्टिक नर्व तक पहुंच जाने पर संक्रमित आंख को सर्जरी द्वारा हटाकर मस्तिष्क और दूसरी आंख को बचाय़ा जा सकता है। परिचर्चा के सूत्रधार डॉ अपूर्व वर्मा ने कहा कि नाक की एंडोस्कोपी से ब्लैक फंगस का पता लगाया जा सकता है। संक्रमण साइनस तक रहने से एंडोस्कोप के माध्यम से ही सर्जरी कर उसे हटाया जा सकता है। संक्रमण के और फैल जाने से ओपन सर्जरी जरूरी हो जाती है। संक्रमण की सही सही स्थिति का पता लगाने में सीटी स्कैन की मदद ली जा सकती है। उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस जंगल की आग की तरह फैलती है इसलिए तत्काल इंटरवेंशन की जरूरत होती है। 12 घंटे से भी कम समय में यह साइनस से दिमाग तक पहुंच सकता है। नर्सिंग स्टूडेन्ट्स के सवालों का जवाब देते हुए डॉ कौशिक ने कहा कि स्वच्छता के उच्चतम मापदण्डों का पालन करना जरूरी है। कुछ दवाइयां प्रकाश से प्रतिक्रिया करती हैं उन्हें देते समय अतिरिक्त सावधानी की जरूरत होती है। दवा के डोज और मरीज में बारीक से बारीक परिवर्तन पर नजर गड़ाए रखना जरूरी है। आरंभ में नर्सिंग कालेज की सहा. प्राध्यापक ममता सिन्हा ने स्वागत भाषण दिया। आयोजन में सहा. प्राध्यापक दीपक रंजन दास की महत्वपूर्ण भूमिका रही। महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर की प्रेरणा से आयोजित इस पैनल डिस्कशन में एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग के प्राचार्य डैनियल तमिलसेलवन, एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे, फार्मेसी कालेज के प्राचार्य डॉ टी कुमार, सभी फैकल्टी मेम्बर, स्टूडेन्ट्स बड़ी संख्या में मौजूद थे। नर्सिंग की छात्रा रामेश्वरी, अलब्राइट लकरा, मुक्तलता एवं सरस्वती ने प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासा को शान्त किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन सहायक प्राध्यापक नेहा देवांगन ने किया।
एमजे कालेज की एनएसएस इकाई के विद्यार्थियों ने कालेज के पांच गोद ग्रामों में कोविड-19 की रोकथाम के लिए विशेष प्रयास किये। गांव में कोरोना के प्रभाव का सर्वेक्षण करते हुए उन्होंने कोविड गाइडलाइंस की विस्तार से जानकारी प्रदान की। लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि अपने स्वास्थ्य की स्थिति को लेकर थोड़ी भी आशंका होने पर टीकाकरण अधिकारी को उसकी जानकारी दें। पर अपनी बारी आने पर टीका करण केन्द्र तक अवश्य पहुंचें।
महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर के निर्देश पर चलाए गए इस अभियान के तहत एनएसएस अधिकारी डॉ जेपी कन्नौजे के नेतृत्व में इस दल ने पखवाड़ा व्यापी अभियान चलाया।
इस दल ने महाविद्यालय के गोद ग्राम खपरी, जेवरा-सिरसा, बेलौदी, खम्हरिया एवं चिखली का व्यापक दौरा किया। जेवरा सिरसा इनमें से सबसे ज्यादा प्रभावित गांव हैं जहां बड़ी संख्या में लोगों की मौत कोविड-19 के चलते हुई है। ग्राम बेलौदी में इसका सबसे कम प्रभाव देखा गया। यहां केवल वही लोग प्रभावित मिले जो काम के सिलसिले में भिलाई या दुर्ग की यात्रा करते हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के नियमों का पालन वे घर से बाहर निकलते समय करते हैं। इसके अलावा सार्वजनिक नलों, तालाबों से वे यथासंभव बचने का प्रयास कर रहे हैं। मितानिनों ने बताया कि यह एक सुखद संयोग है कि सरकार ने लोगों के घर पर ही शौचालय बनवाने का अभियान चलाया जिसके कारण निस्तारी के लिए बाहर जाना बहुत कम हो गया है। इसका लाभ कोरोना काल में मिल रहा है। वार्ड-1 की निवर्तमान पार्षद नेहा साहू ने कहा कि कोरोना के कारण मुश्किलें जरूर बढ़ी हैं पर इसके लाभ भी हुए हैं। लोग हाथ-पैर धोने की व्यक्तिगत स्वच्छता को भूलने लगे थे। इस महामारी ने लोगों को एक बार फिर इसके लिए प्रेरित किया है। साथ ही अनावश्यक रूप से भीड़ लगाने पर रोक लगी है। बेकार में इधर उधर घूमना भी कम हुआ है। लोग प्राणायाम कर रहे हैं, खान पान पर ध्यान दे रहे हैं। एक तरह से कोरोना लोगों के जीवन में अनुशासन को लौटा लाया है। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने बताया कि यह दौरा न केवल ग्रामीणों के लिए उपयोगी सिद्ध हुआ बल्कि हमें भी ग्रामीणों से
पानी को मुफ्त की सहूलियत मानकर हमने उसका भरपूर दुरुपयोग किया है। पर बढ़ती आबादी के साथ पानी का मोल भी हमें समझना होगा। याद रखें कि पानी के लिए राज्यों के बीच झगड़े होते हैं तथा कभी भी वह दिन आ सकता है जब पानी के लिए विश्व युद्ध हो जाए। पानी बचाने के लिए लगातार नई तकनीकें आ रही हैं पर हमें व्यक्तिगत स्तर पर भी जागरूक होकर पानी की बर्बादी रोकनी होगी। उक्त जानकारी एक्रेडिटेड एनर्जी ऑडिटर मूलचंद जैन ने एमजे कालेज में आयोजित जलसंरक्षण वेबीनार में दीं।मुख्य वक्ता की आसंदी से संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि भारत में 90 फीसदी पानी का उपयोग कृषि के लिए किया जाता है। 7 फीसद पानी औद्योगिक उपयोग में आता है जबकि केवल 3 फीसद पानी व्यक्तिगत या घरेलू उपयोग पर खर्च होता है। कृषि में नई तकनीकों का उपयोग कर हम पानी की खपत को कम कर सकते हैं। औद्योगिक उपयोग में आए पानी को संशोधित कर ही पर्यावरण में छोड़ा जाना चाहिए। इससे भूजल का प्रदूषण रोका जा सकता है। घरेलू उपयोग पर ध्यान केन्द्रित करते हुए उन्होंने पानी का उपयोग करने के विभिन्न उपायों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि शावर, फ्लश का युक्तियुक्त उपयोग करने के साथ ही लीकेज रोककर तथा पानी के नलके के समुचित उपयोग करके हम सैकड़ों गैलन पानी प्रतिमाह बचा सकते हैं। पानी की खपत को मीटर करना चाहिए तथा उसके अनुसार लोगों से पैसा लिया जाना चाहिए। इससे लोगों को पता लगेगा कि वे कितना पैसा बर्बाद कर रहे हैं। बीएसपी क्वार्टरों में आने वाली पाइप लाइप पानी की गुणवत्ता की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि वहां एलम का गलत मात्रा में प्रयोग हो रहा था। यहां दिक्कत जानकारी के अभाव की नहीं है बल्कि संवेदनशील नहीं होने की है। हमें यह देखना है कि हम अपने अपने स्तर पर कितना पानी बचा सकते हैं। ऐसा करने पर देश का भला हो जाएगा। रूफटॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग के उपायों की विस्तार से चर्चा करते हुए श्री जैन ने कहा कि इस पानी को सीधे ग्राउंड वाटर टेबल तक पहुंचाने का स्ट्रक्चर बनाया जाए तथा किसी भी कीमत पर उसे नाली में न बहने दिया जाए। गांव-गांव इस तरह के उपाय किये जाते थे जिसे पुनर्जीवित करने की जरूरत है। प्रतिभागियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि भारत में न्यूक्लियर रिएक्टर बहुत कम हैं। वहां उपयोग में आने वाले पानी को वहीं खत्म कर दिया जाता है क्योंकि उसका शोधन नहीं हो सकता। कपास और गन्ने की खेती में लगने वाले पानी पर उन्होंने कहा कि यह पानी वैसे भी वापस भूमि में चला जाता है। हालांकि आधुनिक सिंचाई तकनीकों का उपयोग कर इसे कम किया जा सकता है। महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर की प्रेरणा से आयोजित इस वेबीनार का संचालन वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग के प्रभारी विकास सेजपाल ने किया। प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने मॉडरेटर की जिम्मेदारी निभाई। वेबीनार में 250 से अधिक अभ्यर्थियों ने पंजीयन किया जिन्हें ऑनलाइन सर्टिफिकेट प्रदान किये गये। कार्यक्रम को सफल बनाने में आईक्यूएसी की महति भूमिका रही। धन्यवाद ज्ञापन शिक्षा संकाय की प्रभारी डॉ श्वेता भाटिया ने किया।
विश्व पर्यावरण दिवस पर 5 जून को एमजे कालेज में फलदार पौधे लगाए गए। आईक्यूएसी तथा एनएसएस के सहयोग से किये गये इस पौधरोपण कार्यक्रम में आम, अमरूद, सीताफल एवं नीम के पौधे लगाए गए। प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने बताया कि महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर के आग्रह पर फलदार पौधे लगाए गए।
उन्होंने बताया कि फलदार एवं छायादार पौधे लगाने का मुख्य उद्देश्य भावी पीढ़ियों के प्रति अपनी जिम्मेदारी का परिचय देना होता है। फलदार पौधों को बड़ा होने और फल देने में वक्त लगता है। पहले कहा जाता था कि बाप लगाए तो बेटा खाए। इसी संस्कृति को पुनर्स्थापित करने की जरूरत है। नीम का पौधा वायुशोधन के लिए जाना जाता है। इसकी जरूरत वर्तमान में और भी ज्यादा महसूस की जा रही है। कार्यक्रम में आईक्यूएसी प्रभारी अर्चना त्रिपाठी, एनएसएस अधिकारी डॉ जेपी कन्नौजे सहित सभी सहा. प्राध्यापक एवं प्राध्यापकगण उपस्थित थे।
लायंस क्लब भिलाई पिनेकल की लायनेटिक सत्र 2021 2022 के लिए टीम ने शपथ ली है। रीजन चेयरपर्सन लायन रुचि सक्सेना समारोह की मुख्य अतिथि थीं। इस अवसर पर क्लब को सहयोग देने वाले विशिष्ट लोगों का सम्मान भी किया गया। मुख्य अतिथि लायन रुचि सक्सेना ने लायंस क्लब भिलाई पिनेकल को रीजन की शान बताया।
जोन चेयरपर्सन लायन सरिता ने कहा कि जोन में होम क्लब का होना उनके लिए गर्व की बात है। सचिव लायन उर्मिला टावरी ने अतिथियों से क्लब रोस्टर का विमोचन करवाया। उन्होंने बताया कि पिनेकल ने अपना क्लब प्रोजेक्ट ‘साथी’ और क्लब स्लोगन ‘मुमकिन है’ रखा है। पूर्व अध्यक्ष लायन डॉक्टर वैशाली भगत,सचिव लायन रूपाली पालित और कोषाध्यक्ष लायन अंजना श्रीवास्तव ने अपने कार्यकाल में सर्वाधिक राशि दान में देने पर लायन डॉ श्रीलेखा विरुलकर, लायन रश्मि लखोटिया, लायन विभा भूटानी एवम लायन रेबेका बेदी का सम्मान किया। विशेष सहयोग हेतु लायन अंजना विनायक, लायन नीलिमा दीक्षित और लायन नम्रता चाने का भी सम्मान किया गया। पूर्व डिस्ट्रिक्ट कैबिनेट सचिव प्रशासनिक लायन विभा भूटानी ने नई कार्यकारिणी को शपथ दिलाई। आरंभ में उषा चक्रवर्ती ने ध्वज वंदना किया। इस अवसर पर 5 नए सदस्यों लायन संगीता सरकार, लायन सिमरन बेदी, लायन नंदिनी हिवसे, लायन दीपिका भोंसले और लायन ग्रीष्मा व्यास ने ने क्लब की सदस्यता ग्रहण की। मंच संचालन लायन अंजना विनायक और आभार प्रदर्शन लायन अंजू अग्रवाल ने किया।
लायंस क्लब भिलाई पिनाकल ने एमजे कालेज भिलाई की डायरेक्टर डॉ श्रीलेखा विरुलकर का सम्मान किया। डॉ श्रीलेखा अपनी व्यस्तता के बावजूद क्लब की गतिविधियों में न केवल शामिल होती हैं बल्कि क्लब की गतिविधियों को आर्थिक सहयोग भी करती हैं। पिछले लायनेटिक सत्र में सर्वाधिक आर्थिक सहयोग के लिए उन्हें क्लब की नई कार्यकारिणी के शपथ ग्रहण समारोह यह सम्मान प्रदान किया गया।रीजन चेयरपर्सन लायन रुचि सक्सेना के मुख्य आतिथ्य में आयोजित इस समारोह में जोन चेयरपर्सन लायन सरिता, सचिव लायन उर्मिला टावरी, पूर्व अध्यक्ष लायन डॉक्टर वैशाली भगत, सचिव लायन रूपाली पालित और कोषाध्यक्ष लायन अंजना श्रीवास्तव उपस्थित थीं। क्लब को आर्थिक सहयोग प्रदान करने के लिए लायन रश्मि लखोटिया, लायन विभा भूटानी एवम लायन रेबेका बेदी का भी सम्मान किया किया गया। विशेष सहयोग हेतु लायन अंजना विनायक, लायन नीलिमा दीक्षित और लायन नम्रता चाने का भी सम्मान किया गया।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आज एमजे कालेज में ध्यान योग का आयोजन किया गया। इससे पहल सुबह प्रोटोकॉल के तहत भी योग किया गया। प्रशिक्षण एवं अभ्यास सत्र में महाविद्यालय के सभी विभागों के प्राध्यापक एवं प्रशासनिक स्टाफ शामिल हुआ। महाविद्यालय में 10 दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर का संचालन किया जा रहा है।
राजयोगी मिशन (राजयोगी मेडिटेशन स्प्रीचुअल वेल्फेयर ट्रस्ट) ने अध्यापको, छात्रों को निःशुल्क ऑनलाइन योगाभ्यास कराया। राजयोगी जसविंदर कुमार संधू ने सभी छात्रों को योग के आसन और ध्यान के गुर बताये। उन्होंने मन की चंचलता के बारे में भी साधकों को उपदेश दिया। उन्होंने कहा कि जब तक आप ध्यान के द्वारा खुद को पकड़ नही लेते, जान नहीं लेते, तब तक साधना नहीं हो सकती। जैसे स्वप्न को पूरा करने के लिए निद्रा की आवश्यकता होती है, ईश्वर को साकार रूप में प्रकट करने के लिए भाव एवं समर्पण की आवश्यकता होती है।
उन्होंने बताया कि किस तरह से रामकृष्ण परमहंस तामसिक काली को सात्विक रूप में प्रकट कर पाते थे। किस तरह भगत धन्ने मन को समेट लिया करते थे। कैसे तोतापुरी महाराज काली को खड्ग से काटकर, निर्विकल्प समाधि मे प्रवेश कर जाते थे। स्वामी समर्थ सभी वृत्तियों से मुक्त होकर, ब्रह्म तदाकार वृति को धारण कर लेते हैं। उन्होंने कहा ध्यान ही सभी विद्याओ का मूल है। राजयोगी ने आज नाड़ी शोधन की प्रक्रिया को विस्तार समझाते हुए इसका अभ्यास भी कराया। स्वागत एवं संचालन प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने किया। धन्यवाद ज्ञापन संस्था की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने किया। इससे पहले भारतीय योग संस्थान की प्रशिक्षक अनुराधा गणवीर ने विभिन्न आसनों एवं प्राणायमों का अभ्यास कराते हुए उनके महत्व एवं लाभ के बारे में बताया। उल्लेखनीय है कि भारतीय योग संस्थान द्वारा एमजे कालेज में 10 दिवसीय विशेष योग प्रशिक्षण शिविर का संचालन किया जा रहा है। ‘योगा फॉऱ इम्यूनिटी’ के नाम से संचालित इस कार्यशाला में प्रतिदिन बड़ी संख्या में प्राध्यापक एवं विद्यार्थी ऑनलाइन एवं ऑफ लाइन जुड़ रहे हैं।
संत कबीरदास जी के 15वीं शताब्दी के दोहे मानव जीवन को सूत्र देते हैं। गहन अध्ययन से निकले ये दोहे आज भी न केवल प्रासंगिक हैं बल्कि तनावमुक्त जीवन की राह बताते हैं। उन्होंने अहंकार, असत्य और अहिंसा से दूर रहने की सलाह दी थी जो तब से आज तक सभी संकटों के मूल में पाए जाते हैं।उक्त उद्गार फार्मेसी कालेज के प्राचार्य डॉ टिकेश्वर कुमार ने कबीर जयंती के उपलक्ष्य में एमजे कालेज के हिन्दी विभाग द्वारा आंतरिक गुणवत्ता मूल्यांकन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी) के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किये। कार्यक्रम में 100 से अधिक विद्यार्थी ऑनलाइन जुड़े थे। डॉ टिकेश्वर ने कबीर को दोहराते हुए कहा कि “जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिए ज्ञान”। आज इंसान जो समता का सफर तय कर रहा है, वह इन्हीं मूल्यों पर आधारित है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने कहा कि जाति-पाति-पंथ में बंटा समाज उन्हें विचलित करता था। इसलिए वे चाहते थे कि मनुष्य अपने स्वरूप को समझे और उसके अनुरूप ही आचरण करे। उन्होंने ईश्वर और आत्मा के मिलन में शरीर को बाधा बताते हुए कहा था कि शरीर के अहंकार का त्याग कर हम सहज ही ईश्वर को प्राप्त कर सकते हैं। हिन्दी विभाग की सहायक प्राध्यापक शकुन्तला जलकारे ने कबीर के दोहों को उद्धृत करते हुए कहा कि आज के क्लिष्ट जीवन की उलझनों को सुलझाने में भी ये सहायक सिद्ध होते हैं। उनके दिखाए रास्ते पर चलकर हम श्रेष्ठ मनुष्य बन सकते हैं।
शिक्षा विभाग की सहायक प्राध्यापक ममता एस राहुल ने कबीर के दोहों की सुमधुर प्रस्तुति देकर खूब तालियां बटोरीं। इस अवसर पर शिक्षा विभाग की प्रभारी डॉ श्वेता भाटिया भी मंचासीन थीं। सहा. प्राध्यापक गण नेहा महाजन, उर्मिला यादव सहित सभी प्राध्यापकगण मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन आईक्यूएसी की प्रभारी अर्चना त्रिपाठी ने किया।
सांसद दुर्ग लोकसभा विजय बघेल की प्रेरणा से आज एमजे कॉलेज ने पर्यावरण संतुलन बनाए ऱखने के लिए बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण का संकल्प लिया। सांसद ने कहा कि हम 9 दिन का उपवास रख सकते हैं, 24 घंटे का निर्जला उपवास भी कर सकते हैं पर हवा के बिना दो पल भी गुजारना मुश्किल है। इसलिए उन्होंने 42 हजार पौधे लगाने का बीड़ा उठाया है जो जनसहयोग से ही पूरा हो सकता है।
एमजे कॉलेज में पौधरोपण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए सांसद ने कहा कि विश्व की तुलना में भारत में प्रति व्यक्ति पेड़ों की संख्या बहुत कम है। हमें इस कमी को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित होना होगा। हम पूरी ताकत भी लगा लें तो वैश्विक अनुपात प्राप्त करने में हमें काफी वक्त लगेगा। उन्होंने कहा कि पौधे लगाने मात्र से काम नहीं चलेगा बल्कि साल दो साल तक उसकी देखभाल भी करनी होगी। सबको अपने अपने घर में प्रतिवर्ष कम से कम एक पेड़ लगाना चाहिए। जिनके यहां जगह नहीं है वे किसी सुरक्षित स्थान का चयन कर वहां पेड़ लगा कर इस अभियान का हिस्सा बनें।
इससे पूर्व महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने सांसद का संक्षिप्त परिचय दिया। उन्होंने बताया कि ललित कलाओं में गहरी रुचि रखने के साथ ही सांसद एक राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रहे हैं। अपने सरल स्वभाव के कारण वे अनायास ही लोगों में घुलमिल जाते हैं और यही कारण है कि वे छात्र समुदाय में भी काफी लोकप्रिय हैं। पर्यावरण संतुलन की दिशा में उनके प्रयासों की सराहना करते हुए डॉ चौबे ने कहा कि छात्र समुदाय उनसे प्रेरित होगा तथा इस अभियान को सफल बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक देगा। आरंभ में महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने पौधा भेंटकर अतिथि का सम्मान किया। मंच पर फार्मेसी कालेज के प्राचार्य डॉ टिकेश्वर कुमार तथा एमजे कॉलेज ऑफ नर्सिंग के प्राचार्य डैनियल तमिल सेलवन भी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन शिक्षा विभाग की अध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया ने किया।
एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने आज बताया कि महाविद्यालय ने ऑनलाइन लाइब्रेरी की सुविधा विद्यार्थियों एवं प्राध्यापकों के लिए उपलब्ध करा दी है। उन्होंने सभी विद्यार्थियों से इसमें पंजीयन कराने का आग्रह किया। इस लाइब्रेरी में 40 हजार से अधिक पुस्तकें एक्सेस की जा सकती हैं। डॉ चौबे पालक शिक्षक संघ की बैठक को संबोधित कर रहे थे। डॉ चौबे ने पालकों को बताया कि महाविद्यालय का द्वितीय चरण का नैक मूल्यांकन आगामी महीनों में होने जा रहा है। इसमें पालकों एवं विद्यार्थियों की भी भूमिका होगी। नैक द्वारा उन्हें ई-मेल पर कुछ प्रश्नावलियां भेजी जा सकती हैं। उन्होंने आग्रह किया कि इन प्रश्नावलियों को भरकर प्रक्रिया में शामिल हों। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इस बैठक का आयोजन ऑनलाइन किया गया था। शिक्षा विभाग की अध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया ने अभिभावकों और विद्यार्थियों को अकादमिक सत्र तथा ऑनलाइन शिक्षण के दौरान उपस्थिति की गंभीरता से अवगत कराया तथा प्रैक्टिकल विषयों को भी समय पर पूरा करने की बात कही। अभिभावकों ने बैठक को बेहद उपयोगी बताते हुए कहा कि इससे उन्हें अनेक नई जानकारियां प्राप्त हुई हैं। बैठक में पालक शिक्षक समिति के अध्यक्ष डॉ अनिल कुमार चौबे तथा पालको की ओर से उपाध्यक्ष एजाज अहमद, संजीव प्रसाद, अजय कुमार साहू, तेजेश राहुल, आबिदा खान तथा अन्य पालक गण उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन पालक शिक्षक समिति की सचिव ममता एस राहुल ने किया।
भिलाई। एमजे कालेज के ड्रामा क्लब “रंगमंच” ने आज बॉलीवुड के ‘ट्रैजिडी किंग’ स्व. दिलीप कुमार को श्रद्धासुमन अर्पित किया। छत्तीसगढ़ी, भोजपुरी एवं तेलुगु फिल्मों के चरित्र अभिनेता एवं मिमिक्री आर्टिस्ट प्रदीप शर्मा एवं नाट्य प्रेमी समाजसेवी पुरुषोत्तम टावरी इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित थे। महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर की प्रेरणा से आयोजित इस कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे भी मंचासीन थे।कॉमेडी के मंजे हुए कलाकार प्रदीप शर्मा ने इसपर भावपूर्ण प्रस्तुतियां देकर स्व. दिलीप कुमार को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने अपनी कला यात्रा का संक्षिप्त वर्णन करते हुए कहा कि हालांकि वे 164 से अधिक फिल्मों में काम कर चुके हैं पर आज भी उन्हें थिएटर में काम करना ज्यादा चुनौतीपूर्ण लगता है। उन्होंने एमजे कॉलेज को ड्रामा क्लब के लिए बधाई देते हुए का कि शहर लंबे समय से इसकी जरूरत महसूस कर रहा था। श्री टावरी ने कहा कि ड्रामा लोगों का केवल मनोरंजन नहीं करता बल्कि काफी कुछ सिखाता भी है। उन्होंने ड्रामा क्लब को पूर्ण सहयोग का वायदा करते हुए कहा कि इसमें सभी कलाकारों को जोड़ने के प्रयास किये जाएं। उन्होंने क्लब के कुछ सदस्य विद्यार्थियों का इस अवसर पर सम्मान भी किया। महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने इस अवसर पर स्व. दिलीप कुमार पर फिल्माए गए गीत ‘नैन लड़ जइहें तो…’ प्रस्तुत कर दिवंगत कलाकार को स्वरांजलि दी। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय की निदेशक प्राचार्य डॉ रक्षा सिंह ने ‘हर करम अपना करेंगे ऐ वतन तेरे लिए’ तथा डॉ लक्ष्मी वर्मा ने ‘सुहाना सफर और ये मौसम हसीं’ को ऑनलाइन प्रस्तुत कर अपनी भागीदारी दी। आरंभ में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि रंगमंच लोगों के व्यक्तित्व को निखारता है। यह पर्सनालिटी डेवलपमेंट का अभिन्न हिस्सा है। क्लब के कार्यक्रम में ऐसे वरिष्ठ कलाकारों को पाकर महाविद्यालय परिवार गौरवान्वित है। क्लब के संयोजक सहा. प्राध्यापक दीपक रंजन दास ने ‘ये मेरा दीवानापन है’ प्रस्तुत किया। इस अवसर पर संवाद लेखक, गीतकार एवं हास्य अभिनेता शमशीर सिवानी ने कुछ चुटीले प्रसंगों को साझा किया। कोरोना प्रोटोकॉल के तहत कार्यक्रम का आयोजन ऑनलाइन एवं ऑफलाइन मोड में किया गया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन ड्रामा क्लब की सचिव ममता एस राहुल ने किया।
भिलाई। बच्चों का बढ़ता स्क्रीन टाइम माता-पिता के साथ ही पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर चुनौती बन गया है। इसके कारण अमेरिकी बच्चों में मायोपिया (निकट दृष्टिदोष) खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है। कोविड पैंडेमिक के दौर में भारतीय बच्चों का स्क्रीन टाइम भी 3-5 घंटे तक बढ़ गया है। आखिर क्यों खतरनाक है स्क्रीन टाइम का बढ़ना और किस तरह इसके दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है। बता रही हैं रेटिना विशेषज्ञ डॉ छाया भारती एवं बाल विकास विशेषज्ञ डॉ रजनी राय।
हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल की रेटिना विशेषज्ञ डॉ छाया भारती बताती हैं कि डिजिटल स्क्रीन से अधिकतम नीला प्रकाश उत्सर्जित होता है। जबकि सूर्य की रोशनी में स्पेक्ट्रम के सभी रंग विद्यमान होते हैं। नीले प्रकाश का तरंग दैर्घ्य (वेव लेंथ) कम होता है। साथ ही इनमें ऊर्जा का स्तर बहुत अधिक होता है। बच्चे बिना पलक झपकाए बहुत पास से एकटक स्क्रीन को देखते हैं। मूल समस्या यही है। सूर्य की रौशनी में बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी और लाल रंग के किरणें होती हैं। इन सभी का तरंग दैर्घ्य अलग अलग होता है। लाल रंग का तरंग दैर्घ्य सबसे अधिक होता है तथा इसमें ऊर्जा सबसे कम होती है। जब हम घर से बाहर होते हैं तो सूर्य की रौशनी में ही वस्तुओं को देखते हैं। इससे आंखों पर जोर नहीं पड़ता। इसके अलावा हर वस्तु हमारी आंखों से अलग अलग दूरी पर होती है जिसके कारण आंखें तनाव और थकान से बची रहती हैं। डॉ छाया बताती हैं कि नीली रौशनी आपकी आंखों में स्थित फोटो रिसेप्टर्स में टॉक्सिक मॉलीक्यूल का सृजन करते हैं। यह जहर फोटो रिसेप्टर सेल्स को मार देती हैं। इसके कारण एएमडी जैसी बीमारियां हो सकती हैं। लंबे समय में यह आपको दृष्टि शून्य कर सकती हैं। बड़ों की तुलना में यह बच्चों के लिए यह स्थिति ज्यादा खतरनाक होती है।
एमजे कालेज की सहायक प्राध्यापक डॉ रजनी राय बताती हैं कि टीवी, स्मार्ट फोन, टैबलेट और अन्य गेमिंग डिवाइस पर बिताए जाने वाले समय को स्क्रीन टाइम कहते हैं। अमेरिकी बच्चों में मायोपिया के मामले खतरनाक गति से बढ़ रहे हैं। बढ़े हुए स्क्रीन टाइम के कारण अब भारतीय बच्चे भी खतरे में हैं। कोविड महामारी के कारण ऑनलाइन टीचिंग लर्निंग को अपनाना पड़ा है। ऊपर से बच्चों का बाहर जाना लगभग बंद हो चुका है। इससे आउटडोर एक्टिविटी के बजाय स्क्रीन टाइम बढ़ गया है। बच्चों का विकास डॉ रजनी के शोध का विषय है। डॉ रजनी ने बताया कि पहले जिन बच्चों के हाथ से हम मोबाइल फोन छीन लिया करते थे, अब उन्हें जबरदस्ती स्मार्ट फोन पकड़ा कर घंटों टेबल पर बैठा रहे हैं। यह पद्धति अब जीवन का हिस्सा बन चुकी है जिससे निकट भविष्य में निजात पाने का कोई लक्षण फिलहाल दिखाई नहीं देता। इसलिए हमें इसके साथ जीना सीखना होगा। डॉ रजनी ने इसके लिए कुछ उपाय भी बताए – 1. बताया कि स्मार्ट डिवाइस पर पढ़ाई करने वाले बच्चों को प्रत्येक 20 मिनट में ब्रेक लेने के लिए कहें। इस दौरान वे खिड़की के पास या बाल्कनी में जाकर खड़े हों। यह ब्रेक कम से कम 15-20 मिनट का हो। 2. बच्चों को बाहर अधिक समय बिताने के लिए रचनात्मक तरीके आजमाएं और बाहरी समय को प्रोत्साहित करने के लिए मजेदार गतिविधियों को शामिल करें। 3. स्क्रीन टाइम नींद में भी खलल डालती हैं। इससे बचने के लिए अपने आईफोन या एंड्रायड डिवाइस पर नाइट मोड चालू करें। 4. आंखों की नियमित जांच किसी रेटिना विशेषज्ञ से कराएं।
भिलाई। इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट दिवस पर आज एमजे कालेज की आईक्यूएसी के तत्वावधान में एक वेबिनार का आयोजन किया गया। वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पुलिस काउंसलर अधिवक्ता गौरी चक्रवर्ती वेबीनार की मुख्य वक्ता थीं। उन्होंने बताया कि इस कोर्ट की स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की गई थी। यह कोर्ट अंतरराष्ट्रीय अपराधों की सुनवाई करता है।महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने अतिथि वक्ता का स्वागत करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिमिनल कोर्ट को लेकर आम लोगों की जानकारी बहुत सतही है। इसलिए इस वेबीनार का आयोजन किया गया है। कई बार ऐसा होता है कि विदेशी नागरिक किसी देश में अपराध करके भाग जाते हैं। इससे निपटने के लिए भी आईसीसी मददगार होती है। गौरी चक्रवर्ती ने बताया कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद वार क्राइम्स की बाढ़ आ गई थी। अंतरराष्ट्रीय समुदाय के खिलाफ अपराध हो रहे थे, जनसंहार हो रहा था, अनेक देशों में मानवीय अधिकारों को कुचला जा रहा था। इससे निपटने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की जरूरत महसूस की गई जो ऐसे मामलों की सुनवाई कर सके और पीड़ित देश को राहत पहुंचा सके। हालांकि इसके फैसले अनेक देशों में बाध्यताकारी नहीं है तथापि इससे अपराध को पनाह देने वाले देशों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय लामबंदी को मदद मिलती है। वेबीनार के दौरान प्रतिभागियों ने अनेक सवाल पूछकर अपनी जिज्ञासा को शांत किया। कोविड गाइडलाइन्स के तहत ऑनलाइन आयोजित इस वेबीनार को फेसबुक और यूट्यूब पर भी लाइव किया गया था जिसमें 500 से अधिक लोग एक साथ जुड़े।
भिलाई। एमजे कालेज ने शासकीय नहीन महाविद्यालय बोरी, जिला दुर्ग के साथ एमओयू किया है। सोमवार को एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे एवं बोरी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ आनन्द विश्वकर्मा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये। एमओयू के तहत एमजे कालेज अपने संसाधनों को ग्रामीण विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध कराएगा। वहीं बोरी महाविद्यालय के अनुभवी प्राध्यापकों का लाभ एमजे कालेज को मिलेगा।बोरी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ विश्वकर्मा ने इस एमओयू को छात्र समुदाय के लिए बेहद उपयोगी बताते हुए कहा कि इसका लाभ दोनों महाविद्यालयों को मिलेगा। एमजे कालेज की उत्कृष्ट प्रयोगशालाओं का लाभ जहां ग्रामीण विद्यार्थियों को मिलेगा वहीं शासकीय महाविद्यालय के अनुभवी प्राध्यापकों का लाभ एमजे कालेज के विद्यार्थी उठा सकेंगे। एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने बताया कि महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर के निर्देश पर जिला मुख्यालय से लगभग 26 किलोमीटर दूर स्थित बोरी कालेज के साथ एमओयू किया जा रहा है। कालेज ग्रामीण क्षेत्र के उन्नयन के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इससे शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी आपस में जुड़ सकेंगे तथा उन्नत भारत अभियान का सपना भी पूरा होगा। उन्होंने दोनों महाविद्यालयों के बीच संबंधों को और दृढ़ करने संयुक्त रूप से कार्यक्रम आयोजित करने की भी बात कही। इस अवसर पर एमजे कालेज की आईक्यूएसी प्रभारी अर्चना त्रिपाठी, सहायक प्राध्यापक दीपक रंजन दास एवं बोरी महाविद्यालय के प्राध्यापक अमर शर्मा भी उपस्थित थे।
भिलाई। एमजे कालेज की आईक्यूएसी द्वारा आज सेक्टर-2 स्थित आस्था बहुउद्देश्यीय संस्था में जरूरतमंदों को औषधि का वितरण किया। इसके साथ ही कालेज की तरफ से यहां तीन रसोई गैस सिलिण्डरों के लिए आर्थिक सहयोग भी किया गया। महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर एवं प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने वृद्धाश्रम की संचालक शोभा मेश्राम को यह राशि सौंपी।एमजे कालेज विगत कुछ वर्षों से आस्था संस्था से जुड़ा हुआ है। आश्रम के अंतःवासियों की सेवा के लिए यहां औषधालय तथा एक नर्स की नियुक्ति है। पर यहां सभी दवाइयां उपलबध नहीं हो पातीं। एमजे कालेज द्वारा रोगियों की जरूरत के हिसाब से आवश्यक दवाइयां उपलब्ध कराई जाती हैं। साथ ही महाविद्यालय द्वारा राशन का सहयोग भी किया जाता है।
एमजे कालेज की इस टीम में आज शिक्षा संकाय की प्रभारी डॉ श्वेता भाटिया तथा मेघा मानकर भी शामिल थी जिन्होंने अपने हाथों से अलग-अलग लोगों को उनकी दवाइयां सौंपी। इन रोगियों की पर्ची आश्रम संचालक द्वारा महाविद्याल को उपलब्ध कराई गई थी। इस वृद्धाश्रम में 30 से अधिक वृद्ध और बेसहारा स्त्री पुरुष रहते हैं।
भिलाई। एमजे कालेज भिलाई एवं कॉमर्स की अग्रणी संस्था डॉ संतोष राय इंस्टीट्यूट ने आज कॉमर्स के विद्यार्थियों के लिए एक संयुक्त सेमिनार का आयोजन किया। माइंड एंड मेमरी ट्रेनर ज्ञानप्रकाश साहू तथा मोटिवेशनल स्पीकर एवं लाइफ कोच डॉ किशोर दत्ता के विशेष सत्र हुए। 12वीं में 90 फीसदी से अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों का इस अवसर पर संयुक्त रूप से सम्मान किया गया। इस अवसर पर अवकाश प्राप्त वरिष्ठ शासकीय अधिकारी सीएस बाजवा का भी सम्मान किया गया।
इस अवसर पर डॉ संतोष राय इंस्टीट्यूट के संचालक कॉमर्स गुरू डॉ संतोष राय, डॉ मिट्ठू, सीए प्रवीण बाफना, सीए केतन ठक्कर, एमजे कालेज की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर, प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे, शिक्षा संकाय की प्रभारी डॉ श्वेता भाटिया, आईक्यूएसी प्रभारी अर्चना त्रिपाठी, वाणिज्य विभाग के प्रभारी विकास सेजपाल, दीपक रंजन दास उपस्थित थे। पहले सत्र को संबोधित करते हुए मेमरी ट्रेनर ज्ञानप्रकाश साहू ने कहा कि प्रत्येक समस्या अपना समाधान साथ में लेकर आती है। प्रत्येक चुनौतीपूर्ण परिस्थिति का मार्गदर्शन हमारे मूल धर्मग्रंथों में उपलब्ध है। उन्होंने टालने की प्रवृत्ति को घातक बताते हुए कहा कि जब हम किसी कार्य या निर्णय को टालते रहते हैं तो कुछ समय बाद उसमें हमारी रुचि खत्म हो जाती है और वह केवल मन पर एक बोझ बन कर रह जाता है। यह डिप्रेशन और चिड़चिड़ाहट का कारण बन जाता है। उन्होंने थोड़ा समय स्वयं के निकालकर आत्मावलोकन करने की जरूरत पर बल दिया। लाइफ कोच डॉ किशोर दत्ता ने बड़े ही रोचक ढंग से कम्युनिकेशन स्किल के विभिन्न पहलुओं की चर्चा की। उन्होंने प्रयोगात्मक रूप से अपनी बात को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी कार्यों को जिन्हें हम पसंद नहीं करते पर जिन्हें करना जरूरी होता है, उन्हें सबसे पहले निपटा लेना चाहिए। जिन कार्यों को हम औरों को सौंप सकते हैं, इसमें विलम्ब नहीं करना चाहिए। जो गैरजरूरी कार्य हैं, उनसे किनारा कर लेना चाहिए। इससे हमारे पास कुछ वक्त अपने लिए बचेगा जिसमें हम स्वयं का विकास कर सकते हैं। आरंभ में कृति विद्यार्थियों ने अपनी तैयारी और उपलब्धियों की चर्चा की। इनमें अंशिका, गौरव, दीपक, हर्षिता, बी श्रीया, तेजस साहू, माहिन हेरा तथा सीएमए इंडिया रैंक 34 होल्डर संदीप कुमार शामिल थे। 90 फीसदी प्राप्तांकों के साथ 12वीं उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों ने बताया कि टारगेट फिक्स कर पढ़ाई करने का लाभ मिला। कोरोना काल में पिछले कुछ वर्षों के परफार्मेंस को प्राप्तांक का बेस बनाया गया। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि हम प्रत्येक परीक्षा को गंभीरता से लें तथा उसमें अच्छे से अच्छा परफार्म करने की कोशिश करें। इसका लाभ जरूर मिलता है।