अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर एमजे कालेज के विद्यार्थियों ने आज आस्था बहुद्देश्यीय समाज कल्याण संस्था द्वारा संचालित वृद्धाश्रम पहुंची। वृद्धजनों के यहां तक पहुंचने की कथा सुनकर छात्राओं की आंखें नम हो गईं। कोई अपने जीवित होने का प्रमाणपत्र तलाश रहा था तो किसी के पास सबकुछ होते हुए भी कुछ नहीं था।
इस कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय की आईक्यूएसी द्वारा निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर के निर्देशन में किया गया था। महाविद्यालय इस संस्था का सहयोग करता है। आज अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस के अवसर पर प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे के निर्देश पर वाणिज्य संकाय के बच्चे यहां पहुंचे। यहां उनकी मुलाकात 75 वर्षीय पूनाराम साहू से हुई। श्री साहू को उनके विभाग ने मृत घोषित कर रखा है। कभी सरकारी स्कूल में टीचर रहे श्री साहू एक बार उदासी में हरिद्वार चले गए। 10 साल तक नहीं लौटे तो विभाग ने मृत घोषित कर दिया। लौटने के बाद से वे स्वयं को जीवित प्रमाणित करने की कोशिश कर रहे हैं। अदालत ने उन्हें जीवित मान लिया है पर विभाग मानने को तैयार नहीं।
किसी को शराबी बेटे ने घर से बाहर निकाल दिया तो किसी का पति अलग घर बसा लिया। किसी के प्रेम विवाह में अड़चन आई तो वह संन्यासी बन गया। जब भोजन पानी के भी लाले पड़ गए तो इन सबको आस्था में आकर इन्हें न केवल सिर पर छत मिली बल्कि भोजन पानी, दवा दारू की भी व्यवस्था हो गई। संस्था के संचालक प्रकाश गेडाम इनकी सेवा अपने माता पिता की तरह करते हैं। चाहे उन्हें अस्पताल में दाखिल कराना हो या फिर आश्रम में ही उनकी तीमारदारी करनी हो, प्रकाश बिना थके बिना रुके उनकी सेवा करते हैं। वे एक ही बात कहते हैं कि जब रोटी रोटी के लिए वे भिलाई आ गए तो पिताजी अकेले गांव में छूट गये थे। वहीं उनकी मौत हो गई और गांव वालों ने ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया। तब से वे लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करने और असहाय एकाकी वृद्धों की सेवा को ही अपना धर्म समझते हैं।
इनमें से कई बुजुर्गों की करूण कथा सुनकर छात्राएं रो पड़ी। बुजुर्गों ने ही उन्हें दिलासा दिया। इन विद्यार्थियों में तनु महतो, आस्था सिंह, आस्था दुबे, चेतना साहू, आयुष पंडा, रितिक सिंह, देवधर गौतम, सिद्धार्थ कुमार, आदि शामिल थे। यह दल वाणिज्य संकाय की सहायक प्राध्यापक दीप्ति मिश्रा एवं दीपक रंजन दास के नेतृत्व में गया था। दल ने कुछ आश्रमवासियों के लिए औषधि का भी प्रबंध मांगे जाने पर किया।