भिलाई। इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट दिवस पर आज एमजे कालेज की आईक्यूएसी के तत्वावधान में एक वेबिनार का आयोजन किया गया। वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पुलिस काउंसलर अधिवक्ता गौरी चक्रवर्ती वेबीनार की मुख्य वक्ता थीं। उन्होंने बताया कि इस कोर्ट की स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की गई थी। यह कोर्ट अंतरराष्ट्रीय अपराधों की सुनवाई करता है।महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने अतिथि वक्ता का स्वागत करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिमिनल कोर्ट को लेकर आम लोगों की जानकारी बहुत सतही है। इसलिए इस वेबीनार का आयोजन किया गया है। कई बार ऐसा होता है कि विदेशी नागरिक किसी देश में अपराध करके भाग जाते हैं। इससे निपटने के लिए भी आईसीसी मददगार होती है।
गौरी चक्रवर्ती ने बताया कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद वार क्राइम्स की बाढ़ आ गई थी। अंतरराष्ट्रीय समुदाय के खिलाफ अपराध हो रहे थे, जनसंहार हो रहा था, अनेक देशों में मानवीय अधिकारों को कुचला जा रहा था। इससे निपटने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की जरूरत महसूस की गई जो ऐसे मामलों की सुनवाई कर सके और पीड़ित देश को राहत पहुंचा सके। हालांकि इसके फैसले अनेक देशों में बाध्यताकारी नहीं है तथापि इससे अपराध को पनाह देने वाले देशों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय लामबंदी को मदद मिलती है।
वेबीनार के दौरान प्रतिभागियों ने अनेक सवाल पूछकर अपनी जिज्ञासा को शांत किया। कोविड गाइडलाइन्स के तहत ऑनलाइन आयोजित इस वेबीनार को फेसबुक और यूट्यूब पर भी लाइव किया गया था जिसमें 500 से अधिक लोग एक साथ जुड़े।