भिलाई। एमजे कालेज भिलाई एवं कॉमर्स की अग्रणी संस्था डॉ संतोष राय इंस्टीट्यूट ने आज कॉमर्स के विद्यार्थियों के लिए एक संयुक्त सेमिनार का आयोजन किया। माइंड एंड मेमरी ट्रेनर ज्ञानप्रकाश साहू तथा मोटिवेशनल स्पीकर एवं लाइफ कोच डॉ किशोर दत्ता के विशेष सत्र हुए। 12वीं में 90 फीसदी से अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों का इस अवसर पर संयुक्त रूप से सम्मान किया गया। इस अवसर पर अवकाश प्राप्त वरिष्ठ शासकीय अधिकारी सीएस बाजवा का भी सम्मान किया गया।
इस अवसर पर डॉ संतोष राय इंस्टीट्यूट के संचालक कॉमर्स गुरू डॉ संतोष राय, डॉ मिट्ठू, सीए प्रवीण बाफना, सीए केतन ठक्कर, एमजे कालेज की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर, प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे, शिक्षा संकाय की प्रभारी डॉ श्वेता भाटिया, आईक्यूएसी प्रभारी अर्चना त्रिपाठी, वाणिज्य विभाग के प्रभारी विकास सेजपाल, दीपक रंजन दास उपस्थित थे।
पहले सत्र को संबोधित करते हुए मेमरी ट्रेनर ज्ञानप्रकाश साहू ने कहा कि प्रत्येक समस्या अपना समाधान साथ में लेकर आती है। प्रत्येक चुनौतीपूर्ण परिस्थिति का मार्गदर्शन हमारे मूल धर्मग्रंथों में उपलब्ध है। उन्होंने टालने की प्रवृत्ति को घातक बताते हुए कहा कि जब हम किसी कार्य या निर्णय को टालते रहते हैं तो कुछ समय बाद उसमें हमारी रुचि खत्म हो जाती है और वह केवल मन पर एक बोझ बन कर रह जाता है। यह डिप्रेशन और चिड़चिड़ाहट का कारण बन जाता है। उन्होंने थोड़ा समय स्वयं के निकालकर आत्मावलोकन करने की जरूरत पर बल दिया।
लाइफ कोच डॉ किशोर दत्ता ने बड़े ही रोचक ढंग से कम्युनिकेशन स्किल के विभिन्न पहलुओं की चर्चा की। उन्होंने प्रयोगात्मक रूप से अपनी बात को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी कार्यों को जिन्हें हम पसंद नहीं करते पर जिन्हें करना जरूरी होता है, उन्हें सबसे पहले निपटा लेना चाहिए। जिन कार्यों को हम औरों को सौंप सकते हैं, इसमें विलम्ब नहीं करना चाहिए। जो गैरजरूरी कार्य हैं, उनसे किनारा कर लेना चाहिए। इससे हमारे पास कुछ वक्त अपने लिए बचेगा जिसमें हम स्वयं का विकास कर सकते हैं।
आरंभ में कृति विद्यार्थियों ने अपनी तैयारी और उपलब्धियों की चर्चा की। इनमें अंशिका, गौरव, दीपक, हर्षिता, बी श्रीया, तेजस साहू, माहिन हेरा तथा सीएमए इंडिया रैंक 34 होल्डर संदीप कुमार शामिल थे। 90 फीसदी प्राप्तांकों के साथ 12वीं उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों ने बताया कि टारगेट फिक्स कर पढ़ाई करने का लाभ मिला। कोरोना काल में पिछले कुछ वर्षों के परफार्मेंस को प्राप्तांक का बेस बनाया गया। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि हम प्रत्येक परीक्षा को गंभीरता से लें तथा उसमें अच्छे से अच्छा परफार्म करने की कोशिश करें। इसका लाभ जरूर मिलता है।