मजे कालेज के शिक्षा संकाय की अध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया ने आज कहा कि हालांकि दुनिया ने लैंगिक समानता की दिशा में काफी प्रगति की है पर यह भी सच है कि आज भी लाखों की संख्या में बेटियों को गर्भ में ही मार दिया जाता है। जो जन्म लेती हैं, उनके साथ भी कई स्तरों पर भेदभाव होता है और यह भेदभाव पूरी उम्र भर उसका पीछा नहीं छोड़ती।डॉ श्वेता भाटिया एसएस खन्ना गर्ल्स डिग्री कालेज प्रयागराज एवं एमजे कालेज द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित फैकल्टी एक्सचेंज प्रोग्राम के अंतिम दिवस के सत्र को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि लैंगिक भेदभाव का यह सिलसिला पूरी दुनिया में चल रहा है। भारत और विशेषकर छत्तीसगढ़ की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यहां स्थिति शेष दुनिया के मुकाबले अच्छी है।
उल्लेखनीय है कि एमजे कालेज एवं एसएस खन्ना गर्ल्स डिग्री कालेज के बीच समझौता ज्ञापन के तहत यह चार दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। प्रथम दिवस एमजे कालेज के सहा. प्राध्यापक दीपक रंजन दास ने नारीवाद पर अपना व्याख्यान दिया। दूसरे दिन एसएस खन्ना कालेज की डॉ मंजू मिश्रा ने समावेशी शिक्षा पर अपनी बात रखी। तीसरे दिन इसी महाविद्यालय की डॉ ज्योति बैजल ने बाल मनोविज्ञान पर विस्तार से चर्चा की। चौथे एवं अंतिम दिन डॉ श्वेता भाटिया ने अपना व्याख्यान दिया।
एसएस खन्ना गर्ल्स डिग्री कॉलेज की आइक्यूसी कोऑर्डिनेटर डॉ मंजरी शुक्ला एवं एमजे कालेज के प्राचार्य अनिल कुमार चौबे ने कार्यक्रम की सफलता पर सभी को शुभकामनाएं दी। डॉ ज्योति बैजल ने एसएस खन्ना डिग्री गर्ल्स कॉलेज के प्राचार्य लालिमा सिंह का संदेश पढ़ा एवं ममता भटनागर ने धन्यवाद ज्ञापन किया। एमजे कालेज के तरीफ से कार्यक्रम का समन्वयन आईक्यूएसी प्रभारी अर्चना त्रिपाठी एवं सहा. प्राध्यापक डॉ ज्योतिप्रकाश कन्नौजे ने किया।