छत्तीसगढ़ के 21वें स्थापना दिवस के अवसर पर आज महाविद्यालय परिसर में राज्योत्सव मनाया गया। इस अवसर पर अंतरमहाविद्यालयीन छत्तीसगढ़ी लोक नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। एमजे कालेज, एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग एवं फार्मेसी कालेज की पांच टोलियों ने इसमें हिस्सा लिया। फार्मेसी कालेज के विद्यार्थी श्री बलराम ने छत्तीसगढ राज्य गीत का गायन किया।
महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने विद्यार्थियों को छत्तीसगढ़ राज्य के स्थापना दिवस की बधाई देते हुए कहा कि राज्य ने इन दो दशकों में काफी प्रगति की है। अब हम सबकी बारी है कि हम इसे तेजी से प्रगति के पथ पर लेकर जाएं। यहां के विद्यार्थी देश-दुनिया में जाकर अपने राज्य का नाम रौशन करें।
प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ी अब तक बोली है। इसे राज्यभाषा का दर्जा देने के लिए हमें छत्तीसगढ़ी में अधिकाधिक प्रकाशनों की आवश्यकता होगी। छत्तीसगढ़ी में ही अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि यदि हम सब मिलकर इस कार्य में अपना योगदान दें तो जल्द ही छत्तीसगढ़ी एक भाषा के रूप में संविधान की अनुसूची में शामिल हो जाएगा।
नर्सिंग कालेज के प्राचार्य जे डैनियल तमिल सेलवन ने कहा कि 2012 में वे छत्तीसगढ़ आए और यहीं के होकर रह गए। यहां न केवल उन्हें रोजगार मिला बल्कि इतना स्नेह मिला कि अब यह उन्हें अपना राज्य लगता है। अब वे न केवल हिन्दी बोल पाते हैं बल्कि छत्तीसगढ़ी भी समझ जाते हैं।
छत्तीसगढ़ी लोग नृत्यों को सभी प्रतिभागी दलों ने इंद्रधनुषी कलेवर में प्रस्तुत किया। उन्होंने कर्मा, सुआ जैसे नृत्यों का तो मिश्रण किया है फुगड़ी और खोखो जैसे खेलों को भी नृत्य में शामिल कर लिया। प्रथम पुरस्कार डी फार्मा प्रथम वर्ष की टीम को दिया गया। इस टीम का नेतृत्व खुशबू कर रही थीं। द्वितीय पुरस्कार बीएससी नर्सिंग तृतीय वर्ष की टीम को दिया गया। इस टीम का नेतृत्व टुम्पा रणा कर रही थीं। तीसरा पुरस्कार फार्मेसी कालेज के ही अमोल एवं समूह को दिया गया।
कार्यक्रम का संचालन वाणिज्य संकाय के सहा. प्राध्यापक दीपक रंजन दास ने किया। निर्णायक की भूमिका शिक्षा संकाय की अध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया, ममता एस राहुल एवं नेहा महाजन ने निभाई। इस अवसर पर सभी संकाय के शिक्षक तथा विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। सभी ने कार्यक्रम का भरपूर लुत्फ उठाया।