MJ Group Of Education Friday,Apr 26,2024
     
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Hemchand Yadav Vishwavidyalaya Kul Geet



EXAM QUESTION PAPER(2021-22)

MODEL EXAM TIME TABEL

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भिलाई। विश्व एड्स दिवस पर आज एमजे कालेज में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग के प्राचार्य डैनियल तमिल सेलवन के मुख्य आतिथ्य में आयोजित इस कार्यक्रम में कालेज की एनएसएस इकाई, लायन्स क्लब भिलाई वामा एवं आईक्यूएसी ने भागीदारी दी। मुख्य अतिथि ने इस वर्ष के थीम की चर्चा करते हुए एड्स पीड़ितों तक स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने में मददगार बनने की अपील की।

 

AIDS Day at MJ College


मुख्य अतिथि डैनियल तमिल सेलवन ने इस अवसर पर विद्यार्थियों का आव्हान किया कि वे अपने शिक्षित वयस्क होने का प्रमाण दें। कोरोना वायरस पर हमने खुलकर चर्चा की और आवश्यक उपाय कर उसपर काबू पा लिया। पर एड्स के साथ ऐसा नहीं है। हम इसे स्वच्छंद यौन संबंधों से जोड़कर देखते हैं जबिक एड्स संक्रमण होने के कई और कारण हैं। 2019 के आंकड़ों के अनुसार अकेले भारत में इसके 23.49 लाख लोग इसकी चपेट में हैं। एड्स के इलाज के लिए जुलाई 2020 तक एआरटी सेन्टर स्थापित किये जा चुके थे जबकि 1264 लिंक एआरटी सेन्टर काम कर रहे थे। बड़ी संख्या में एड्स पीड़ित अब भी समुचित स्वास्थ्य सेवाओं से दूर हैं। उन्होंने कहा कि एड्स के बारे में खुलकर बात करने से इसे लेकर संकोच दूर होगा और मरीजों को बेहतर चिकित्सा सेवा मिल पाएगी।
एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ जेपी कन्नौजे ने कहा कि एड्स दिवस मनाने की शुरुआत 1988 में हुई। इसका लक्ष्य लोगों को एड्स के प्रति जागरूक कर इसकी बढ़ती रफ्तार को रोकना था। यह एक राहत की बात है कि इसकी रफ्तार 21वीं सदी में कुछ कम हो गई है पर अब भी इसे लेकर जागरूकता का अभाव है। विद्यार्थी इसके विषय में स्वयं जानें तथा अपने अपने आसपास के लोगों से चर्चा कर जागरूकता फैलाएं।
शिक्षा संकाय की अध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया ने कहा कि जागरूकता से ही इस एपिडेमिक को मात दी जा सकती है। इंजेक्शन लेते समय, रक्त चढ़ाते समय, सेलून में हमेशा यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि सिरिंज नई है, ब्लेड नया है तथा औजारों को स्टेरिलाइज किया गया है। रक्त लेते समय उसके सुरक्षित होने की पुष्टि कर लेनी चाहिए। इस तरह से हम एड्स को मात दे सकते हैं।
आईक्यूएसी प्रभारी अर्चना त्रिपाठी ने कहा कि एड्स को सिर्फ असुरक्षित यौन संबंधों से जोड़कर देखना गलत है। जागरूकता के अभाव में लोग एचआईवी पाजीटिव लोगों के चरित्र पर लांछन लगाने लगते हैं, उन्हें अकेला छोड़ देते हैं और उनके लिए जीवन को मुश्किल कर देते हैं। यह शिक्षित लोगों का दायित्व है कि लोगों को जागरूक करें और एड्स रोगी की देखभाल भी अच्छे से करें।
कार्यक्रम के अंत में लायन्स क्लब भिलाई वामा की सचिव ममता एस राहुल ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि सभी वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया है कि एड्स को उसके सही स्वरूप में जानें और लोगों को बताएं। रोगियों की मदद करें ताकि वे स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ले सकें। कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक दीपक रंजन दास ने किया।