MJ Group Of Education Friday,Apr 26,2024
     
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Hemchand Yadav Vishwavidyalaya Kul Geet



EXAM QUESTION PAPER(2021-22)

MODEL EXAM TIME TABEL

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एमजे कालेज एलुमनाई एसोसिएशन द्वारा जारी सप्ताहव्यापी व्याख्यानमाला के तीसरे दिन आज पूर्व छात्र नागेश्वर प्रसाद साहू ने सक्रिय शिक्षण विधि की अवधारणा को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि यह शिक्षण प्रक्रिया में विद्यार्थियों का सक्रिय सहयोग प्राप्त करने की कला है। इससे न केवल विद्यार्थी विषय से जुड़ा रहता है बल्कि उसकी रुचि भी बढ़ती है।सक्रिय शिक्षण की विभिन्न परिभाषाओं को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी विषय में बच्चों की रुचि को बनाए रखने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। पाठ के बीच-बीच में छोटे-छोटे प्रश्न पूछे जा सकते हैं जिनका उत्तर एक शब्द या दो शब्द में दिया जा सके। जब भी उदाहरण दें तो उसे स्थानीय बनाने का प्रयास करें। इससे बच्चों को समझने में आसानी होगी तथा वे विषय से जुड़ाव महसूस करेंगे। उन्होंने अंकों के कुछ चमत्कारी खेल भी बताए जिसके माध्यम से बच्चों को मानसिक तौर पर सक्रिय रखा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि आम तौर पर व्यक्ति अपनी रुझान के अनुसार मस्तिष्क के दाएं या बाएं आधे का उपयोग करता है। शिक्षण विधि में भिन्नताओं का उपयोग कर हम विद्यार्थियों को मस्तिष्क के दोनों भागों का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित कर सकते हैं।
महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर की प्रेरणा से आयोजित इस कार्यक्रम में शिक्षा संकाय की प्रभारी डॉ श्वेता भाटिया समेत सभी प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में मौजूद थे। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने इसे शिक्षा संकाय के सभी विद्यार्थियों एवं प्राध्यापकों के लिए उपयोगी बताते हुए कहा कि सफल शिक्षक बनने के लिए विषय ज्ञान के साथ साथ इन विधाओं पर भी दखल होना जरूरी है। आरंभ में एलुमनाई एसोसिएशन की प्रभारी सहायक प्राध्यापक मंजू साहू ने एलुमनाई वक्ता का परिचय प्रदान किया।