एमजे कालेज के इंक्यूबेशन सेन्टर में आज बिजनेस आइडियाज पर मंथन किया गया। आंत्रप्रेन्योर संचित सक्सेना के ब्रेन स्टॉर्मिंग सेशन के बाद बच्चों ने समूह में अपने आइडियाज प्रस्तुत किये। गुण दोषों के आधार पर इन बिजनेस आइडियाज की समीक्षा की गई। वे इसी कालेज के अलुमनाई हैं।
संचित सक्सेना ने बताया कि मौजूदा शिक्षा व्यवस्था आपको कुछ अलग सोचने का मौका नहीं देती। स्कूल में एकमात्र लक्ष्य कालेज पहुंचना और कालेज से निकलते समय एक मात्र लक्ष्य कोई न कोई नौकरी हासिल कर लेना होता है। इस बीच कई बार बिजनेस आईडियाज हमारे मन में आते हैं पर हम उनपर गंभीरता से काम नहीं करते। एमजे कालेज का बिजनेस इन्क्यूबेशन सेन्टर इन्हीं आइडियाज पर काम करने का मौका देगा।
श्री सक्सेना ने बताया कि मजबूरी में बिजनेस करने से अच्छा है अपने आईडियाज पर थोड़ी मेहनत कर समय रहते स्वयं को एक मौका देना। आज बाजार नए आइडियाज के लिए पूरी तरह तैयार है। यदि हममें से कुछ लोग भी उद्यमी के रूप में सामने आते हैं तो रोजगार के नए अवसरों का सृजन कर सकते हैं। नए प्रॉडक्ट्स और बेहतर सर्विसेस के माध्यम से अपने राष्ट्र को विकसित देशों की श्रृंखला में खड़ा कर सकते हैं।
उन्होंने विद्यार्थियों को 4-4 के समूहों में बांटकर उन्हें 10 हजार रुपए में शुरू किये जा सकने वाले बिजनेस के आइडिया मांगे थे। जिसमें बच्चों ने अलग-अलग आइडिया प्रस्तुत किया। इन आइडियाज के गुण-दोषों की मौके पर ही समीक्षा की गई।
प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे एवं निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने इस कार्यशाला को विद्यार्थियों के लिए बेहद उपयोगी बताते हुए उम्मीद जताई कि इन्क्यूबेशन सेन्टर का अधिक से अधिक बच्चे लाभ उठाएंगे तथा अपने आइडियाज को लेकर केन्द्र से सम्पर्क करेंगे। संचालन वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग के सहायक प्राध्यापक दीपक रंजन दास ने किया।