जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के न्यायाधीश राहुल शर्मा ने कहा कि सोशल मीडिया पर संवेदनशील मुद्दों पर टिप्पणी करने से बचना चाहिए तथा संवेदनशील पोस्ट्स को शेयर भी नहीं करना चाहिए। श्री शर्मा ग्राम समोदा में आयोजित एमजे कालेज के एनएसएस शिविर को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ऐसे पोस्ट, जिससे लोगों की धार्मिक या सामाजिक भावना को ठेस पहुंच सकती है को शेयर नहीं करना चाहिए। बात बिगड़ने पर पुलिस उन सभी लोगों को गिरफ्तार कर सकती है जो ऐसे मुद्दों को आगे बढ़ाकर उसके प्रचार-प्रसार में सहयोगी बनते हैं।
न्यायाधीश ने बच्चों से कहा कि यदि उनके परिवार में घरेलू हिंसा होती है तो उसकी शिकायत करें। लगभग आधे बच्चों ने हाथ उठाकर बताया कि उनके यहां घरेलू हिंसा होती है। खासकर नशे में लौटे लोग अपना गुस्सा बच्चों और बीवियों पर उतारते हैं।
सवालोें का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यदि पड़ोसी सार्वजनिक रूप से घरेलू हिंसा करता है तो इससे होने वाली परेशानी के आधार पर स्वयं एफआईआर लिखा सकते हैं। पुलिस सीधे रिपोर्ट न लिखे तो एसपी से सम्पर्क कर सकते हैं। यहां भी बात न बने तो अदालत को आवेदन दे सकते हैं।
उन्होेंने बताया कि न्यायालय गरीबों और अमीरों में फर्क नहीं करता। प्रतिदिन दर्जनों केस सुलझाए जाते हैं। सभी बातें मीडिया में नहीं आतीं। इसलिए ऐसा लगता है कि अदालत बड़े लोगों के लिए अलग से प्रावधान करती है। यह सही नहीं है।
बच्चों को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हुए उन्होंने कहा कि खेलकूद, सांस्कृतिक गतिविधियां भी करियर बना सकती हैं। उन्होंने बच्चों को खूब मेहनत कर पढ़ने के साथ-साथ इन विधाओं को भी निखारने की बात कही। साथ ही उन्होंने बालकों से कहा कि वे आपस में लड़ाई झगड़े न करें, मामला पुलिस तक पहुंच सकता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता रासेयो कार्यक्रम अधिकरी डॉ जेपी कन्नौजे ने की। समोदा प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक संचालन एनएसएस कैडेट मोनिका ने किया। इस अवसर पर समोदा प्राथमिक शाला के प्रधानपाठक सुरेन्द्र सिंह, पूजा राजपूत, एमजे कालेज से सहा. प्राध्यापक मंजू साहू, विकास सेजपाल एवं दीपक रंजन दास भी उपस्थित थे।